ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्वीन्सलैंड के कारमाइल कोयला खदान में खनन के लिए अडानी को जून में मंजूरी मिली थी. यहां खनन को लेकर विवाद है क्योंकि इस खदान के निकट ही ग्रेट बैरियर रीफ है, जहां दुनिया की सबसे बड़ी मूंगे की चट्टानें हैं.
मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया में अडानी समूह के मालिकाना हक वाली विवादित कोयला खदान के विरोध में हो रहे प्रदर्शन की कवरेज कर रहे एक फ्रांसीसी टेलीविजन चैनल के पत्रकारों को पुलिस ने सोमवार को हिरासत में ले लिया. उन पर अनाधिकार प्रवेश के आरोप लगाए गए.
उत्तरी क्वीन्सलैंड के कारमाइल कोयला खदान में खनन के लिए अडानी को जून में मंजूरी मिली थी. यहां खनन को लेकर विवाद है क्योंकि इस खदान के निकट ही ग्रेट बैरियर रीफ है, जहां दुनिया की सबसे बड़ी मूंगे की चट्टानें है.
पर्यावरणविदों ने इस जगह को लेकर चेतावनी दी है कि यहां खनन होने से वैश्विक जलवायु पर विपरित असर होगा और इसके अलावा खनन से यहां की अतिसंवेदनशील प्रजातियों को भी खतरा है.
फ्रांस के राष्ट्रीय टीवी प्रसारणकर्ता ‘फ्रांस2’ के लिए काम करने वाले रिपोर्टर ह्यूगो क्लेमेंट और उनके तीन सहकर्मियों को अबोट प्वाइंट टर्मिनल के निकट गिरफ्तार किया गया. इस दौरान वह विरोध प्रदर्शन का वीडियो बना रहे थे.
https://twitter.com/hugoclement/status/1153253515520819201
पत्रकारों के साथ ही वहां प्रदर्शन कर रहे तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया गया. हालांकि बाद में पत्रकारों को जमानत दे दी गई.
जमानत के साथ ही पत्रकारों पर कारमाइल कोयला खदान से 20 किलोमीटर तक दूर रहने का प्रतिबंध लगाया गया है.
इस पर पत्रकार क्लेमेंट का कहना है कि वह गिरफ्तारी से अचंभित हैं.
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि अडानी यहां एक बड़ी खबर हैं. यह गिरफ्तारी अजीब है. ऐसा लगता है कि उनके पास कुछ छुपाने के लिए है? अगर आप एक पत्रकार को गिरफ्तार करते हैं और उसके बाद पत्रकार से कहते हैं कि वह अडानी परियोजना स्थल से दूर रहें, यहां क्या हो रहा है?’
कारमाइल कोयला खदान दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खदान होने जा रही है. यहां सालाना छह करोड़ टन कोयला उत्पादन किया जाएगा.
बता दें कि, मार्च, 2017 में पूर्व क्रिकेटर इयान व ग्रेग चैपल सहित ऑस्ट्रेलिया की अनेक हस्तियों ने पर्यावरण का हवाला देकर अडाणी समूह से अपील की थी कि वह क्वींसलैंड में अपनी कोयला खनन परियोजना को बंद कर दें.
वहीं, पिछले साल दिसंबर महीने में अडाणी समूह के ख़िलाफ़ ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न, सिडनी, ब्रिसबेन और केयर्सं जैसे विभिन्न शहरों में 15 हज़ार से ज़्यादा छात्र-छात्राओं और लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था. छात्र-छात्राएं हाथों में ‘स्टॉप अडाणी’ की तख़्तियां लेकर प्रदर्शन में शामिल हुए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)