उत्तर प्रदेश के हरदोई से भाजपा विधायक आशीष सिंह आशू ने उन्नाव बलात्कार मामले में मुख्य आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के प्रति हमदर्दी जताते हुए ये बयान दिया है.
नई दिल्ली: भाजपा के एक विधायक ने उन्नाव बलात्कार मामले के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के प्रति हमदर्दी व्यक्त करते हुए विवादास्पद बयान दिया है.
हरदोई से भाजपा विधायक आशीष सिंह आशू का एक वीडियो शनिवार को समाचार चैनलों पर वायरल हुआ, जिसमें वह एक कार्यक्रम में बोल रहे हैं, ‘हमारे भाई कुलदीप सिंह सेंगर मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं. हमारी शुभकामनाएं सेंगर के साथ हैं और हम उम्मीद करते हैं कि सेंगर जल्द ही इस मुश्किल समय से पार पा लेंगे.’
जून 2017 में बलात्कार का आरोप लगने के बाद भी सेंगर को भाजपा से इस हफ्ते गुरुवार को निकाला गया.
उन्नाव बलात्कार मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मुख्य आरोपी हैं, जिन्हें पिछले साल 12 अप्रैल को तब गिरफ्तार किया गया था जब झूठ आरोपों में हिरासत में लिए जाने के बाद पीड़िता के पिता की मौत पुलिस हिरासत में हो गई थी. आरोप था कि सेंगर के भाई अतुल ने पीड़िता के पिता को प्रताड़ित किया था.
वहीं, हाल में सेंगर को पार्टी से निकालने की मांग तब तेज हो गई जब 19 वर्षीय बलात्कार पीड़िता उत्तर प्रदेश के रायबरेली में दुर्घटना का शिकार हो गई.
गौरतलब है कि पीड़िता, अपनी चाची, मौसी और अपने वकील महेंद्र के साथ रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा महेश सिंह से रविवार को मुलाकात करने जा रही थी. रास्ते में रायबरेली के गुरबख्श गंज क्षेत्र में उनकी कार और एक ट्रक के बीच संदिग्ध परिस्थितियों में टक्कर हो गई थी.
इस हादसे में मौसी ने स्थानीय अस्पताल में दम तोड़ दिया था. वहीं, हादसे में घायल चाची (45) को लखनऊ स्थित ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था. जबकि पीड़िता और उसके वकील महेंद्र सिंह पिछले पांच दिन से ‘किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज’ के ट्रामा सेंटर में भर्ती हैं जहां उनकी हालत यथावत है.
बता दें कि, सीबीआई उन्नाव बलात्कार पीड़िता के सड़क दुर्घटना मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उनके भाई अतुल और उत्तर प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह के दामाद अरुण सिंह और 10 अन्य के खिलाफ हत्या के आरोपों के तहत मामला दर्ज कर जांच कर रही है.
लात्कार पीड़िता द्वारा सीजेआई को लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को उन्नाव बलात्कार घटना से संबंधित सभी पांच मुकदमे दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करने के साथ ही उनकी सुनवाई 45 दिन के भीतर पूरी करने का आदेश दिया था.
उन्नाव रेप पीड़िता के साथ बीते 28 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुए हादसे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई एक हफ्ते का समय दिया है. इसके साथ ही मामले में आरोप-पत्र 15 दिन में दाखिल करने का समय दिया है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने स्पष्ट किया कि जांच ब्यूरो असाधारण परिस्थितियों में ही इस दुर्घटना की जांच पूरी करने की अवधि सात दिन और बढ़ाने का अनुरोध कर सकता है.
शीर्ष अदालत ने रायबरेली के निकट हुई सड़क दुर्घटना में जख्मी बलात्कार पीड़िता को अंतरिम मुआवजे के रूप में 25 लाख रुपये देने का भी आदेश उत्तर प्रदेश सरकार को दिया.
इसके साथ ही अदालत ने दुर्घटना में घायल होने वाले पीड़िता के वकील को भी 20 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरूद्ध बोस की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इसके साथ ही केंद्रीय जांच ब्यूरो को ट्रक और बलात्कार पीड़ित की कार में हुई टक्कर की घटना की जांच सात दिन के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया है.
द वायर को दिए एक इंटरव्यू में पीड़िता की बहन ने कहा, ‘वे (सेंगर और उसके समर्थक) हमें भीख मांगने पर मजबूर कर रहे हैं. वे चाहते हैं हम न तो पैसा हो और न ही खाने के लिए कुछ हो. कोई हमसे बात नहीं करता है तो हमारे पास वापस लौटने का कोई रास्ता नहीं है. वे हमारे पक्ष में खड़े सिस्टम को खत्म कर देना चाहते हैं. हालांकि, हम लड़ेंगे.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)