अदालत ने मीडिया को उन्नाव बलात्कार पीड़िता, परिवार और गवाहों की पहचान उजागर करने से रोका

एम्स के डॉक्टरों ने बताया है कि पीड़िता और उनके वकील की हालत अब भी नाज़ुक हैं. उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है.

/
(फोटोः पीटीआई)

अदालत ने कहा है कि मीडिया गवाहों की गवाही तथा मामले के गुण-दोष पर रिपोर्टिंग न करे. वहीं, एम्स के डॉक्टरों ने बताया है कि पीड़िता और उनके वकील की हालत अब भी नाज़ुक हैं. उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है.

Court Hammer (2)

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को मीडिया को निर्देश दिया कि वह रिपोर्टिंग के दौरान उन्नाव बलात्कार पीड़िता, उसके परिवार और गवाहों का नाम-पता तथा मामले के कुछ अन्य पहलुओं को उजागर करने से परहेज करे.

जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने मामले में मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए. उन्होंने कहा कि मीडिया गवाहों की गवाही तथा मामले के गुण-दोष पर रिपोर्टिंग न करे.

अदालत उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार मामले में रोजाना सुनवाई कर रही है.

इसने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार मुकदमे को 45 दिन के भीतर पूरा किया जाना है. इसने जांच पूरी करने के लिए 30 दिन देने के सीबीआई के आग्रह को मानने से इनकार कर दिया और कहा कि इसे 17 अगस्त तक पूरा करना होगा.

सीबीआई की ओर से पेश हुए वरिष्ठ लोक अभियोजक अशोक भारतेंदु ने कहा कि अदालत द्वारा रिकॉर्ड किए गए पीड़िता के बयान पर इस मामले में भरोसा किया जाना चाहिए और आरोपी लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.

सीबीआई की दलीलों का विरोध करते हुए आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर की ओर से पेश वकील तनवीर अहमद मीर ने कहा कि आरोप झूठे हैं.

उन्होंने दावा किया कि आरोप सेंगर और पीड़िता के परिवारों के बीच पहले से चली आ रही दुश्मनी का नतीजा हैं.

मालूम हो कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बीते बुधवार को अदालत को बताया कि भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार के आरोप सही हैं.

बहरहाल मीडिया को निर्देश जारी करते हुए अदालत ने कहा कि बंद कमरे में सुनवाई को लेकर बाद में उचित फैसला सुनाएगी.

इसने सोमवार को मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर को उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था.

सेंगर पर आरोप है कि उसने 2017 में उन्नाव स्थित अपने आवास में पीड़िता से बलात्कार किया. पीड़िता उस समय नाबालिग थी.

उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह मामले में रोजाना सुनवाई करने और इसे 45 दिन के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया था.

मालूम हो कि बीते 28 जुलाई को रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रहीं 19 साल की पीड़िता का संदिग्ध परिस्थितियों में एक्सीडेंट हो गया था. इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी, जबकि वह और उनके वकील गंभीर रूप से घायल हैं.

पीड़िता और उनके वकील का इलाज फिलहाल नई दिल्ली स्थित एम्स में किया जा रहा है.

हादसे के संबंध में सीबीआई ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और 10 अन्य के खिलाफ हत्या के आरोप के तहत का केस दर्ज किया है.

उन्नाव बलात्कार पीड़िता और उनके वकील की हालत नाज़ुक, जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया

दिल्ली के एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता और उनके वकील की हालत नाजुक बनी हुई है और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है.

अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है.

उत्तर प्रदेश के राय बरेली में 28 जुलाई को कार-ट्रक की टक्कर में 19 साल की पीड़िता तथा उनके वकील गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए बीते पांच अगस्त को लखनऊ के एक अस्पताल से हवाई मार्ग से नई दिल्ली के एम्स पहुंचाया गया था.

लखनऊ के अस्पताल के अधिकारियों ने कहा था कि उन्हें निमोनिया हो गया है.

घटना में उनके वकील के सिर पर चोटें आईं थी, उन्हें यहां ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया था. एम्स के अधिकारियों ने बताया कि उनके मस्तिष्क में गंभीर चोट आई हैं और कई हड्डियां भी टूट गई हैं.

एम्स के मीडिया एवं प्रोटोकॉल प्रभाग की अध्यक्ष आरती विज ने बताया कि दोनों की हालात गंभीर है और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है.

विज ने बताया कि दोनों मरीज़ों का इलाज अलग-अलग विभागों के डॉक्टरों की एक टीम कर रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)