प्रणय और राधिका रॉय को विदेश जाने से रोका गया, एनडीटीवी ने कहा- मीडिया को डराने की कोशिश

एनडीटीवी के संस्थापकों को सीबीआई के लुकआउट सर्कुलर के आधार पर शुक्रवार शाम मुंबई हवाई अड्डे पर विदेश जाने से रोका गया. एनडीटीवी ने कहा, कार्रवाई मीडिया को चेतावनी कि वो उनके पीछे चले या नतीजा भुगते.

एनडीटीवी के संस्थापकों को सीबीआई के लुकआउट सर्कुलर के आधार पर शुक्रवार शाम मुंबई हवाई अड्डे पर विदेश जाने से रोका गया. एनडीटीवी ने कहा, कार्रवाई मीडिया को चेतावनी कि वो उनके पीछे चले या नतीजा भुगते.

Prannoy-Roy-NDTV

मुंबई: एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय को शुक्रवार को मुंबई हवाई अड्डे पर विदेश जाने से रोक दिया गया. सीबीआई की ओर से जारी ‘ऐहतियाती’ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) के आधार पर यह कार्रवाई की गई.

वहीं एनडीटीवी का कहना है कि यह कार्रवाई मीडिया वालों को चेतावनी है. चैनल की ओर से एक बयान में कहा गया, ‘बुनियादी अधिकारों का पूरी तरह उल्लंघन करते हुए और मीडिया को लगातार शर्मनाक ढंग से ये चेतावनी देते हुए कि पूरी तरह दंडवत होने से कम उन्हें कुछ भी मंज़ूर नहीं है, एनडीटीवी के संस्थापकों राधिका और प्रणय रॉय को आज देश से बाहर जाने से रोक दिया गया.’

मीडिया रिपाेर्ट्स के मुताबिक वे दाेनाें नैराेबी जा रहे थे. एनडीटीवी की ओर से बताया गया कि इन दोनों को ‘सीबीआई ने दो साल पुराने भ्रष्टाचार के एक फर्जी और निराधार मामले के आधार पर रोका गया है.’

वहीं, दिल्ली में सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि आईसीआईसीआई बैंक से जुड़े कथित धोखाधड़ी से संबंधित मामले में जून में दोनों के खिलाफ सावधानी के लिए निगरानी का नोटिस (एलओसी) जारी किया गया था.

अधिकारियों ने बताया कि दोनों को इसी नोटिस के आधार पर देश छोड़ने से रोका गया है. ज्ञात हो कि एलओसी किसी व्यक्ति को देश छोड़ने से रोकने के उद्देश्य से जारी किया जाता है. एजेंसियां इसके आधार पर व्यक्ति को बाहर जाने से रोक सकती हैं, लेकिन इसके तहत उसे हिरासत में नहीं लिया जा सकता.

अधिकारियों ने कहा कि यह एलओसी सिर्फ दोनों को देश छोड़ने से रोकने के लिए है, हिरासत में लेने के लिए नहीं.

उधर एनडीटीवी का कहना है कि उनके प्रमोटर्स को ऐसे फ़र्ज़ी और बेबुनियाद भ्रष्टाचार के मामले को आधार बना कर रोका गया है जो सीबीआई ने दो साल पहले उनकी कंपनी द्वारा आईसीआईसीआई बैंक से लिए गए एक लोन को लेकर दर्ज किया था जो समय से पहले सूद समेत पूरी तरह वापस कर दिया गया था.

चैनल की तरफ से यह भी बताया गया है कि इस मामले को एनडीटीवी के संस्थापकों और उनकी कंपनी द्वारा दिल्ली हाइकोर्ट में चुनौती दी गई जहां ये मामला दो साल से लंबित है.

दोनों प्रमोटर्स विदेश यात्रा से 16 अगस्त को लौटने वाले थे.  चैनल का कहना है कि इस मामले में राधिका और प्रणय रॉय पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं. इसके साथ ही उसने कहा कि वे लगातार देश से बाहर आते-जाते रहे हैं, ऐसे में यह ये संकेत देना, कि उनका बाहर जाना ख़तरनाक हो सकता है, हास्यास्पद है.

एनडीटीवी ने यह भी कहा कि अधिकारियों द्वारा शुक्रवार को की गई कार्रवाई के बारे में न उस अदालत को जानकारी दी गई, जहां ये मामला लंबित है, न ही राय दंपति को.

चैनल की ओर से इसे मूल अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए कहा गया, ‘मीडिया मालिकों पर छापों के साथ ये कार्रवाई मीडिया वालों को एक चेतावनी है कि वो उनके पीछे चले या नतीजा भुगते.’

बता दें कि कथित बैंक धोखाधड़़ी मामले में दो साल पहले जून 2017 में प्रणय रॉय के घरों सीबीआई ने छापेमारी की थी. तब एक निजी बैंक को फ्रॉड करके नुकसान पहुंचाने के आरोप में सीबीआई ने रॉय के दिल्ली और देहरादून स्थित आवासों पर छापे मारे थे.

एनडीटीवी ने तब कहा था कि सीबीआई पुराने आरोपों को आधार बनाकर एनडीटीवी और चैनल के प्रमोटर्स को परेशान कर रही है.

इसके बाद बीते जून महीने में सेबी ने प्रणय रॉय और राधिका रॉय को पूंजी बाजार में दो साल तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया. साथ ही इस अवधि तक के लिए दोनों प्रमोटर्स के कंपनी के शीर्ष प्रबंधन या बोर्ड की सदस्यता पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)