अनुच्छेद 370 हटने के विरोध में धरने से पहले मैग्सेसे सम्मानित संदीप पांडे कथित तौर पर नज़रबंद

सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडे का आरोप है कि अनुच्छेद 370 को हटाने और घाटी में जारी बंद के विरोध में धरना देने से पहले उन्हें रविवार को लखनऊ में उनके घर में नज़रबंद किया गया. यूपी पुलिस ने इससे इनकार किया है.

संदीप पांडेय. (फोटो साभार: फेसबुक)

सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडे का आरोप है कि अनुच्छेद 370 को हटाने और घाटी में जारी बंद के विरोध में धरना देने से पहले उन्हें रविवार को लखनऊ में उनके घर में नज़रबंद किया गया. यूपी पुलिस ने इससे इनकार किया है.

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सामाजिक कार्यकर्ता और मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे (फोटो साभारः यूट्यूब)

लखनऊः सामाजिक कार्यकर्ता और मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे का कहना है कि उन्हें रविवार को घर में नजरबंद कर दिया गया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, संदीप का कहना है कि उन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और घाटी में जारी बंदी के विरोध में रविवार को धरना देने की घोषणा की थी, जिसके बाद उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया.

हालांकि, पुलिस अधिकारी इन आरोपों से इनकार कर रहे हैं कि पुलिस पांडे के घर पहुंची और उन्हें घर से बाहर जाने से रोका.

दरअसल संदीप पांडे और वकील मोहम्मद शोएब सहित कई कार्यकर्ताओं ने रविवार शाम को हजरतगंज में गांधी की प्रतिमा के समक्ष विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई थी लेकिन ऐसा आरोप है कि पुलिस की एक टीम सुबह शोएब के घर पहुंची.

शोएब ने कहा, ‘पुलिसकर्मी ने मुझे बताया कि वे त्योहारों के समय लगी ड्यूटी में व्यस्त हैं और मुझसे विरोध प्रदर्शन रद्द करने का आग्रह किया. मैंने उनकी मांगें मान ली और इस प्रदर्शन को स्थगित कर दिया. अब यह विरोध प्रदर्शन 16 अगस्त को होगा.’

उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के जाने के बाद उन्होंने अन्य लोगों को बताया कि विरोध प्रदर्शन स्थगित हो गया है.

शोएब ने कहा, ‘संदीप पांडे ने मुझे बताया कि उन्हें बाहर निकलने से रोकने के लिए उनके घर के बाहर पुलिस की एक टीम तैनात कर दी गई है.’

पांडे ने कहा कि रविवार दोपहर लगभग 1.30 बजे जब वह ब्रेड खरीदने के लिए घर से निकलने वाले थे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया.

पांडे ने कहा, ‘पुलिसकर्मी ने मुझे बताया कि मैं चार बजे तक घर के बाहर नहीं जा सका. मैंने उन्हें बताया कि विरोध प्रदर्शन स्थगित हो चुका है लेकिन उसके बाद भी उन्होंने मुझे जाने की इजाजत नहीं दी. मैंने अपने दोस्तों को फोन किया और उन्हें इसके बारे में बताया.’

गाजीपुर के सर्किल ऑफिसर दीपक कुमार सिंह और गाजीपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ ने पांडेय के घर पर पुलिस की कोई भी टीम जाने से इनकार किया.

कैसरबाग के सर्किल ऑफिसर संजीव कुमार ने कहा, ‘मोहम्मद शोएब के घर पर पुलिस की एक टीम यह बताने गई थी कि हाई कोर्ट के निर्देश हैं कि गांधी की प्रतिमा के आसपास कोई भी विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकता. हमने उन्हें ईको गार्डन जाने की सलाह दी, जो आधिकारिक तौर पर विरोध प्रदर्शन स्थल है.