छत्तीसगढ़ में अब अनुसूचित जाति को 13 फीसदी तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही राज्य में आरक्षण की सीमा कुल 72 फीसदी हो जाएगी, जो कि देश में सबसे अधिक होने के साथ सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित की गई 50 फीसदी की सीमा से 22 फीसदी अधिक होगी.
रायपुर: एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक कदम उठाते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को राज्य की सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण को बढ़ाने की घोषणा की.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के अनुसूचित जाति वर्ग के आरक्षण को एक फीसदी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण को लगभग दोगुना बढ़ाकर 14 से 27 फीसदी करने की घोषणा की. हालांकि, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण 32 फीसदी ही रहेगा.
बघेल ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली.
आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति को 32 फीसदी आरक्षण की सुविधा है. वहीं अनुसूचित जाति को 12 फीसदी तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल रहा है.
राज्य सरकार की घोषणा के बाद अब अनुसूचित जाति को 13 फीसदी तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा.
इस आदेश के प्रभाव में आने के बाग छत्तीसगढ़ राज्य में आरक्षण की सीमा कुल 72 फीसदी हो जाएगा, जो कि देश में सबसे अधिक होगी. इसके साथ ही आरक्षण की यह सीमा सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित की गई 50 फीसदी की सीमा से भी 22 फीसदी अधिक होगी.
मुख्यमंत्री बघेल ने इस दौरान राज्य में जंगली हाथी की समस्या से निपटने के लिए ‘लेमरू एलीफेंट रिजर्व’ बनाने, ‘गौरेला- पेण्ड्रा-मरवाही’ के नाम से नए जिले बनाने तथा 25 नई तहसीलें बनाने जैसी अन्य कई घोषणाएं की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हाथियों की आवा-जाही से कई बार जान-माल की हानि होती है. इसकी एक बड़ी वजह हाथियों को उनकी पसंदीदा जगह पर रहने की सुविधा नहीं मिल पाना भी है. इस दिशा में भी राज्य सरकार ने गंभीरता से विचार किया है.
उन्होंने इस दौरान ‘लेमरू एलीफेंट रिजर्व’ बनाने की घोषणा की और कहा कि यह दुनिया में अपनी तरह का पहला ‘एलीफेंट रिजर्व’ होगा जहां हाथियों का स्थाई ठिकाना बन जाने से उनकी अन्य स्थानों पर आवा-जाही तथा इससे होने वाले नुकसान पर भी अंकुश लगेगा.
उन्होंने कहा कि मैं बहु-प्रतीक्षित मांग पूरी करते हुए एक नए जिले के निर्माण की घोषणा करता हूं. यह जिला ‘गौरेला- पेण्ड्रा-मरवाही’ के नाम से जाना जाएगा. इस तरह अब छत्तीसगढ़ 28 जिलों का राज्य बन जाएगा. इसके अलावा 25 नई तहसीलें भी बनाई जाएंगी.
बघेल ने कहा कि राज्य में गौठान की सुचारू व्यवस्था के लिए समाज की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. राज्य सरकार की तरफ से गौठान समितियों को प्रतिमाह 10 हजार रूपए की सहायता दी जाएगी, जिससे गौठान में काम करने वाले चरवाहों को मानदेय देने सहित अन्य इंतजाम किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने इस दौरान आगामी दो अक्टूबर से राज्य में सुपोषण अभियान शुरू करने भी घोषणा की.
बघेल ने अपने संदेश की शुरूवात में कहा कि आज का दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे अनेक प्रसिद्ध तथा असंख्य गुमनाम कर्मयोद्धाओं को याद करने और उनको नमन करने का है. हमें इन स्वतंत्रता सेनानियों का वंशज होने पर गर्व है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पंडित जवाहर लाल नेहरू की नीतियों से भिलाई इस्पात संयंत्र, एनटीपीसी, एनएमडीसी, एसईसीएल, बाल्को सहित राज्य के तमाम सार्वजनिक उपक्रम, राज्य विद्युत मण्डल आदि स्थापित हुए.
क्या भिलाई इस्पात संयंत्र की तरह सामाजिक-आर्थिक, सामुदायिक, शैक्षिक विकास का कोई मॉडल दूसरा बन पाया है और यदि नहीं तो हमें अपने महान पुरखों के योगदान को कमतर आंकने का क्या हक है?
बघेल ने बताया कि स्थानीय युवाओं को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता देने के लिए बस्तर तथा सरगुजा में ‘कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड’ का गठन किया जा रहा है.
बस्तर तथा सरगुजा संभाग की तरह कोरबा जिले में भी तृतीय तथा चतुर्थ वर्ग के पदों पर भर्ती के लिए जिला संवर्ग की व्यवस्था करते हुए इनकी समय-सीमा भी बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2021 कर दी गई है.
राज्य की अत्यंत पिछड़ी जनजातियों के युवाओं को शासकीय सेवा में सीधी भर्ती का लाभ दिया जाएगा
उन्होंने कहा कि राज्य में खेल प्रतिभाओं को उचित प्रशिक्षण देकर तराशने के लिए ’खेल प्राधिकरण’, अलग-अलग अंचलों की विशेषताओं के आधार पर स्पोर्टस स्कूल और खेल अकादमी की स्थापना का निर्णय लिया है. राज्य में 55 खेल प्रशिक्षकों की भर्ती की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि और वन उत्पादों में रोजगार की अपार संभावनाओं को देखते हुए 200 फूड पार्क स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 67 विकासखंडों में फूड पार्क की स्थापना हेतु भूमि का चिन्हांकन किया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि राज्य के पहुंच विहीन गांवों में सड़क सम्पर्क स्थापित करने के लिए ‘जवाहर सेतु योजना’ के अंतर्गत 100 पुलों के निर्माण की कार्य योजना बनाई गई है. विगत 6 माह में 1547 किलोमीटर सड़कें, 41 बड़े पुलों का निर्माण पूरा किया गया है तथा 110 पुलों का कार्य प्रगति पर है.
नक्सल प्रभावित अंचल में 261 किलोमीटर सड़कें बनाई गई हैं. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार नक्सल समस्या को हल करेगी. इसकी शुरुआत बस्तर से की गई है. यह सिलसिला आगे भी जारी रखेंगे.
बघेल ने स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में उल्लेखनीय कार्य करने वाले पुलिस और जेल विभाग के 35 अधिकारियों को पुरस्कृत किया.
उन्होंने पुलिस विभाग के 13 अधिकारियों को पुलिस वीरता पदक और 10 अधिकारियों को भारतीय पुलिस पदक प्रदान किया.
भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी पूर्व उप पुलिस महानिरीक्षक एसएस सोरी को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)