भाजपा के असम प्रमुख ने कहा है कि स्वतंत्रता सेनानियों और असम आंदोलन के शहीदों के वंशजों के नाम एनआरसी सत्यापन प्रक्रिया के दौरान बाहर कर दिए गए. ऐसा लगता है कि हम एक ऐसा एनआरसी पाएंगे जिसमें अवैध विदेशियों के नाम होंगे और वास्तविक भारतीय उससे बाहर होंगे.
गुवाहाटी: असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के 31 अगस्त को प्रकाशित होने में चंद रोज बचे होने के बीच सत्तारूढ़ भाजपा ने एनआरसी के प्रदेश समन्वयक प्रतीक हजेला पर सोमवार को हमला बोला है.
उन्होंने दावा किया कि वह (हजेला) सिर्फ दो-तीन संगठनों के परामर्श से समीक्षा प्रक्रिया कर रहे हैं, जिससे सूची में विदेशी भी शामिल हो जाएंगे.
वहीं, विपक्षी कांग्रेस ने उन वास्तविक भारतीय नागरिकों को अपनी ओर से मुफ्त कानूनी मदद मुहैया करने की घोषणा की, जिनके नाम एनआरसी की अंतिम सूची में नहीं आएंगे.
कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा है कि पार्टी ऐसे वास्तविक भारतीय नागरिकों को नि:शुल्क कानूनी सहायता मुहैया कराएगी, जिनके नाम 31 अगस्त को प्रकाशित होने वाली एनआरसी सूची से बाहर रह जाएंगे.
अंतिम एनआरसी सूची 31 अगस्त को प्रकाशित होने वाली है. इससे असम के वास्तविक नागरिकों की पहचान होगी.
एनआरसी को अद्यतन करने का कार्य उच्चतम न्यायालय की निगरानी में चल रहा है.
भाजपा के प्रदेश प्रमुख रंजीत दास ने सोमवार को गुवाहाटी में संवाददाताओं से कहा कि लोगों ने उनकी पार्टी के सदस्यों से कहा है कि उनके नाम 2017 में प्रकाशित प्रथम सूची में दिखे थे लेकिन पिछले साल जुलाई में अंतिम मसौदा से हटा दिया गया.
दास ने दावा किया कि एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला खुद की राय से और दो-तीन संगठनों के आधार पर समीक्षा कार्य कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करने का निर्देश दिया था.
हालांकि, दास ने उन संगठनों का नाम नहीं बताया जिनका वे जिक्र कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में असम को त्रुटिमुक्त एनआरसी मिल पाना मुश्किल होगा.
दास ने कहा कि ये खबरें हैं कि जिन लोगों को ‘विदेशी’ घोषित कर दिया गया है उन्हें एनआरसी नागरिकता सत्यापन कार्य में शामिल किया जा रहा है.
प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि हम एक ऐसा एनआरसी पाएंगे जिसमें अवैध विदेशियों के नाम होंगे और वास्तविक भारतीय उससे बाहर होंगे.’
दास ने दावा किया कि स्वतंत्रता सेनानियों और असम आंदोलन के शहीदों के वंशजों के नाम सत्यापन प्रक्रिया के दौरान बाहर कर दिए गए.
उन्होंने दावा किया कि पार्टी समीक्षा प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं है.
असम एकमात्र राज्य है जिसका एनआरसी है.
गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में कुल 3,29,91,384 आवेदकों में से 40,07,707 लोगों को एनआरसी के अंतिम मसौदा से बाहर कर दिया गया था.
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख बोरा ने यह भी कहा, ‘कांग्रेस का कानूनी प्रकोष्ठ एनआरसी सूची से बाहर रह जाने वाले वास्तविक भारतीय नागरिकों को नि:शुल्क सहायता मुहैया कराएगा ताकि उनके साथ नाइंसाफी न हो.’
उन्होंने मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के उस बयान का भी स्वागत किया कि कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा, लेकिन साथ ही कहा कि उन्हें इसकी शुरुआत अपनी ही पार्टी के विधायक शिलादित्य देव से करनी चाहिए जो लंबे समय से एनआरसी के बारे में भड़काऊ बयान दे रहे हैं .
असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख ने कहा, ‘अगर मुख्यमंत्री राज्य में शांति और सौहार्द बनाए रखने को लेकर गंभीर हैं तो उन्हें होजाई के विधायक शिलादित्य देव की गिरफ्तारी सुनिश्चित करनी चाहिए क्योंकि वह लगातार सांप्रदायिक बयान देते रहे हैं और लोगों के मन में डर पैदा करते हैं.’
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार मूल भारतीय नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए गंभीर नहीं है, इस कारण से उनके मन में डर पैदा हो रहा है.
उन्होंने राज्य के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस सुनिश्चित करेगी कि देश के किसी भी वास्तविक नागरिक का नाम एनआरसी से नहीं छूटे.
मालूम हो कि होजाई से भाजपा विधायक शिलादित्य देव एनआरसी प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि 31 अगस्त के बाद राज्य में भारी प्रदर्शन शुरू होंगे. उन्होंने आरोप लगाया है कि एनआरसी लिस्ट तमाम बांग्लादेशी मुस्लिमों के नाम के साथ प्रकाशित होगी. उन्होंने दावा किया था कि यह असमी समुदाय की पहचान मिटा देगा.
द सेंटिनेल की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा था, ‘जो हिंदू बंगाली 1971 से पहले असम में बसे हैं उनके नाम उचित दस्तावेजों की कमी के चलते एनआरसी सूची में शामिल नहीं हो सके हैं. वहीं दूसरी ओर 1971 के बाद अवैध रूप से राज्य में दाखिल हुए बांग्लादेशी मुस्लिमों ने अपने नाम फर्जी दस्तावेजों के जरिये सूची में शामिल करा लिया है.’
इनसाइड एनई वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा विधायक शिलादित्य देव ने एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला पर भी हमला बोलते रहे हैं. देव के अनुसार, प्रतीक हजेला ने इस पूरी परियोजना को वन मैन शो बना दिया है और वह सुपर चीफ मिनिस्टर की तरह व्यवहार कर रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)