इस विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी. इस साल जनवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना बैंक और विजया बैंक के विलय को मंजूरी दी थी.
नई दिल्ली: सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के मामले में बड़ा कदम उठाते हुए शुक्रवार को ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक के साथ विलय की घोषणा की है. इन बैंकों के विलय से सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा बड़ा बैंक बनेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंकों के विलय की घोषणा करते हुए सिंडिकेट बैंक और कैनरा बैंक के विलय के साथ ही आंध्रा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय की घोषणा की.
In place of fragmented lending capacity with 27 PSBs in 2017, now 12 #PSBs post consolidation. बड़े बैंक अब अपना लक्ष्य रखेंगे global मार्केट पर, मँझले बैंक बनेंगे राष्ट्रीय स्तर के और कुछ बैंक स्थानीय नेतृत्व करेंगे। @PMOIndia @FinMinIndia @PIB_India #PSBsFor5TrillionEconomy pic.twitter.com/Z4dcyZOG5f
— Rajiv kumar (@rajivkumarec) August 30, 2019
इसके अलावा, इंडियन बैंक का इलाहाबाद बैंक में विलय कर सार्वजनिक क्षेत्र का सातवां बड़ा बैंक बनेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि इन बैंकों के विलय के पीछे उद्देश्य देश में वैश्विक आकार के बड़े बैंकों का निर्माण करना है.
इस साल जनवरी में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना बैंक और विजया बैंक के विलय को मंजूरी दी थी. यह विलय एक अप्रैल से प्रभावी हुआ. इन विलय के बाद सरकारी बैंक की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी.
Finance Minister Nirmala Sitharaman: After today's announcement (merger of banks) post consolidation, India will now have 12 Public Sector Banks from 27 Public Sector Banks. pic.twitter.com/bTTGQva1Cm
— ANI (@ANI) August 30, 2019
इससे पहले सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया है.
सार्वजनिक बैंकों का फंसा कर्ज गिरकर 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया
इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुनाफे में सुधार हुआ है. बैंक का कुल फंसा कर्ज (एनपीए) दिसंबर 2018 के अंत में 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर मार्च 2019 अंत में 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया.
वित्त मंत्री ने कहा कि आंशिक ऋण गारंटी योजना के क्रियान्वयन से गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों के लिए पूंजी आधार में सुधार आया है. कुल 3,300 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जा चुकी है और अतिरिक्त 30,000 करोड़ रुपये देने की तैयारी है.
सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को लेकर उठाए कदमों की घोषणा करने के लिए अपने दूसरे संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरू किए गए सुधारों का परिणाम दिखने लगा है.
उन्होंने कहा कि 2019-20 की पहली तिमाही में उनमें से 14 बैंकों ने मुनाफा दर्ज किया है. सरकारी बैंकों में नीरव मोदी जैसी धोखाधड़ी रोकने के लिये स्विफ्ट संदेशों को कोर बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)