इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर इतनी कम थी. उस समय ये दर 4.9 फीसदी पर थी.
नई दिल्ली: शुक्रवार को जारी केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून 2019 के लिए भारत की वृद्धि दर पिछले साल की इसी अवधि के 8 प्रतिशत की तुलना में घटकर 5 प्रतिशत रह गई. पिछले 25 तिमाहियों में सबसे कम वृद्धि दर का कारण विनिर्माण क्षेत्र में तेज गिरावट और कृषि उत्पादन में गिरावट है.
पिछले छह सालों ये सबसे कम जीडीपी वृद्धि दर है. इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर इतनी कम थी. उस समय ये दर 4.9 फीसदी पर थी.
बीते 8 अगस्त को, भारतीय रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था को पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 5.8-6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था, जो जून के 6.4-6.7 फीसदी के अनुमान से नीचे था.
GDP at Constant (2011-12) Prices in Q1 of 2019-20 is estimated at 35.85 lakh crore, as against 34.14 lakh crore in Q1 of 2018-19, showing a growth rate of 5.0 % pic.twitter.com/0TBAkuTwKO
— ANI (@ANI) August 30, 2019
कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों में खराब प्रदर्शन के कारण 2018-19 के जनवरी-मार्च तिमाही में वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 5.8 प्रतिशत तक फिसल गई थी. यह 20 तिमाहियों में सबसे कम वृद्धि दर थी और इसकी वजह से लगभग दो साल बाद विकास दर के मामले में भारत चीन से पीछे हो गया था.
नए आंकड़े बताते हैं कि इस समय भारत की विकास दर कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए-2 के समय 2013-14 के जनवरी-मार्च तिमाही के विकास दर 5.3 फीसदी से भी कम हो गई है.
वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद यानी कि जीडीपी की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही, जो पिछले वित्त वर्ष के 7.2 प्रतिशत से कम थी. ये 2014-15 के बाद से जीडीपी की सबसे धीमी वृद्धि दर थी क्योंकि पिछली सबसे कम दर 2013-14 में 6.4 प्रतिशत थी.
साल 2018-19 की दूसरी तिमाही से ही विकास दर में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही अप्रैल-जून के दौरान ये दर आठ फीसदी पर थी. इसके बाद जुलाई-सितंबर में ये घटकर सात फीसदी पर आ गई. तीसरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर में ये और घटकर 6.6 फीसदी पर आ गई.
वित्त वर्ष 2018-19 की आखिरी तिमाही में भारी गिरावट हुई और जनवरी-मार्च में जीडीपी वृद्धि दर 5.8 फीसदी रही. वित्त वर्ष 2019-20 में भी गिरावट का सिलसिला जारी है.