यह मामला असम के जोरहाट का है. चाय बागान के अस्थायी कर्मचारी की इलाज के दौरान मौत के बाद 250-300 लोगों की भीड़ ने अस्पताल का घेराव कर डॉक्टर पर हमला कर दिया, जिसमें डॉक्टर की मौत हो गई. आईएमए और असम के डॉक्टरों ने 3 सितंबर को राज्यभर में 24 घंटे की हड़ताल की घोषणा की है.
गुवाहाटी: असम के जोरहाट में चाय बागान के एक अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद उसके साथ काम करने वाले लोगों ने एक बुजुर्ग डॉक्टर की पीट-पीटकर हत्या करने के एक दिन बाद इस मामले में रविवार को 21 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है. पुलिस ने इसकी जानकारी दी.
वहीं, 73 वर्षीय डॉक्टर की पीट-पीटकर हत्या करने के विरोध में राज्य के डॉक्टरों ने 3 सितंबर को राज्यभर में 24 घंटे की हड़ताल का रविवार को आह्वान किया. हालांकि हड़ताल में आपात सेवाएं शामिल नहीं होंगी.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जोरहाट के एसपी एनवी चंद्रकांत ने कहा, 32 वर्षीय सोमरा माझी टिओक चाय बागान में एक अस्थायी कर्मचारी था. उसे घायल अवस्था में बागान के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उस दौरान डॉक्टर देबेन दत्ता लंच ब्रेक पर थे तो नर्स ने उसका प्राथमिक उपचार किया. बाद में डॉक्टर ने उसे देखा लेकिन मरीज की मौत हो गई.
एसपी ने आगे कहा कि इसके बाद 250-300 लोगों की भीड़ ने अस्पताल का घेराव कर लिया, तोड़फोड़ मचाई और डॉक्टर पर हमला कर दिया.
चंद्रकांत ने कहा, उन्होंने उनकी पिटाई की और कांच के टुकड़े से काट भी दिया. उन्हें सिर और पैर में चोट आई. पुलिस ने पहुंचकर उन्हें बचाया. हमने उन्हें जोरहाट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जेएमसीएच) में भर्ती कराया लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई. अभी तक हमने 21 लोगों को हिरासत में ले लिया है.
मांझी की मौत के बाद शाम को 4 बजे के करीब भीड़ अस्पताल में घुसी और तोड़फोड़ मचाना शुरू कर दिया. एक अधिकारी ने जब भीड़ को रोकने की कोशिश की तो भीड़ ने उस पर भी हमला कर दिया. वहीं, बागान के वरिष्ठ मैनेजर को गुस्साई भीड़ ने वहां से भगा दिया.
असम चाह मजदूर संघ (एसीएमएस) की जोरहाट शाखा के सचिव नीलेश गोंड ने कहा, बाथरूम में गिरने के बाद मांझी घायल हो गया था. ऐसा हो सकता है कि उसे दिल का दौरा पड़ा हो. मांझी को अस्पताल में ले जाने के 30 मिनट बाद डॉक्टर आए लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. इससे कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने डॉक्टर की पिटाई कर दी. हम हिंसा की निंदा करते हैं.
गोंड ने कहा कि चाय आदिवासी समुदाय से संबंधित 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
रविवार को एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए आईएमए की राज्य इकाई और असम मेडिकल सर्विस एसोसिएशन (एएमएसए) ने 3 सितंबर को सुबह के 6 बजे से शाम के 6 बजे तक विरोध के रूप में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर मेडिकल सेवाओं को बंद करने का आह्वान किया.
इसके बाद मंगलवार की शाम 7 बजे डॉक्टर दत्ता की मौत के दुख में एक कैंडल मार्च भी निकाला जाएगा.
भारतीय चिकित्सा संघ की असम राज्य शाखा के अध्यक्ष डॉ. सत्यजीत बोरा ने कहा कि डॉक्टर सुबह छह बजे से हड़ताल करेंगे लेकिन सभी अस्पतालों की आपात सेवाएं खुली रहेंगी.
बोरा ने बताया कि दत्ता पर हमला चाय बागानों में काम कर रहे डॉक्टरों पर शारीरिक हमले की तीसरी बड़ी घटना है और ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘इन घटनाओं और डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया कराने तथा दोषियों को सजा दिलाने में सरकार की नाकामी के खिलाफ विरोध के तौर पर डॉक्टरों ने 24 घंटे तक काम न करने का फैसला किया है.’
इस बीच, असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने घटना की निंदा करते हुए इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया.
उन्होंने अपने टि्वटर हैंडल पर कहा, ‘हम यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई भी कानून अपने हाथों में ले और जिला प्रशासन को दोषियों के खिलाफ फौरन कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.’
Junior Doctors of the Assam Medical College in Dibrugarh held a candle march, yesterday, protesting against the killing of a 73-year-old doctor, allegedly by tea garden workers in Teok, Jorhat last Saturday. pic.twitter.com/ucoO9ZuWeC
— ANI (@ANI) September 2, 2019
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, वहीं, डिब्रगढ़ में असम मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने डॉक्टर दत्ता की मौत के विरोध में सोमवार की शाम कैंडल मार्च निकाला.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)