मध्य प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि दिग्विजय सिंह खुद को प्रदेश में सत्ता के केंद्र के रूप में स्थापित कर कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं.
भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा प्रदेश के मंत्रियों को हाल ही में पत्र लिखे जाने और इस पर राज्य के वन मंत्री एवं आदिवासी नेता उमंग सिंघार के पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक शिकायती पत्र लिखे जाने के बाद सत्तारूढ़ दल में अंदरूनी कलह खुल कर सामने आ गई है.
दूसरी ओर भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्य में पर्दे के पीछे से सरकार चलाई जा रही है.
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया कि राज्य में अभूतपूर्व संवैधानिक संकट पैदा हो गया है क्योंकि मुख्यमंत्री तो कमलनाथ हैं लेकिन सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं.
मालूम हो कि राज्य में 15 बरसों तक विपक्ष में रहने के बाद महज नौ महीने पहले कांग्रेस सत्ता में लौटी है.
वन मंत्री उमंग सिंघार ने सोनिया को पत्र लिख कर बीते एक सितंबर को आरोप लगाया था कि वह (दिग्विजय) खुद को प्रदेश में सत्ता के केंद्र के रूप में स्थापित कर कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं.
सोनिया को उनके (सिंघार) द्वारा पत्र लिखे जाने के बारे में पूछे जाने पर सिंघार ने बीते सोमवार को बताया, ‘हां, मैंने सोनियाजी को पत्र लिखा है. इसमें गलत क्या है.’
सिंघार ने पार्टी अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है, ‘मंत्री का अपने मुख्यमंत्री के प्रति उत्तरदायित्व होता है. दिग्विजय सिंह राज्यसभा सदस्य हैं. वह पत्र लिखकर मंत्रियों से ट्रांसफर-पोस्टिंग का हिसाब ले रहे है, जो अनुचित है.’
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, बीते मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उमंग सिंघार ने कहा, ‘दिग्विजय सिंह देश में ध्रुवीकरण कर रहे हैं. वे कमलनाथ सरकार को ब्लैकमेल करते हैं. दिग्विजय आखिर कांग्रेस को कब तक डराएंगे. 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं. कांग्रेस फिर से सत्ता में आई तो मलाई काटने क्यों आ गए.’
सिंघार ने यह भी कहा कि दिग्विजय संभागीय स्तर पर मीटिंग करते हैं. ट्रांसफर पोस्टिंग कराते हैं और मंत्रियों को चिट्ठी लिखकर उसे वायरल करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि दिग्विजय सिंह ने उनसे मिलने का समय मांगा है. इसलिए वे सारे काम छोड़कर उनके इंतजार में बैठे हैं. वह इस मामले में कमलनाथ से भी मुलाकात करेंगे.
इस बीच मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा एवं जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा खुल कर दिग्विजय के समर्थन में आए और उन्हें पार्टी का वरिष्ठ नेता बताया.
उल्लेखनीय है कि सज्जन वर्मा को मुख्यमंत्री कमलनाथ का करीबी समर्थक माना जाता है, जबकि पीसी शर्मा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के कट्टर समर्थक हैं.
वर्मा ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘दिग्विजय प्रदेश में हमारे सबसे वरिष्ठ नेता हैं. उन्हें (लम्बित कामों को लेकर) हम मंत्रियों को फोन कर सीधे आदेश देना चाहिए.’
शर्मा ने दिग्विजय का बचाव करते हुए कहा, ‘दिग्विजय सांसद होने के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं. इसलिए उनके द्वारा मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पत्र लिखने में कुछ भी गलत नहीं है. लोग अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर उनके पास आते हैं और वह पत्र लिख कर लोगों की इन समस्याओं को निपटारा करने के लिए कहते हैं.’
गौरतलब है कि दिग्विजय ने प्रदेश सरकार के मंत्रियों को हाल ही में पत्र लिख कर तबादलों और अन्य कार्यों के बारे में लिखे गए उनके पत्रों पर की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी थी.
उन्होंने सभी मंत्रियों से मिलने के लिए 31 अगस्त तक समय देने का आग्रह किया था, ताकि वह जान सकें कि उनकी सिफारिशों पर क्या कार्रवाई की गई है. वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ लेते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘मध्य प्रदेश में अभूतपूर्व संवैधानिक संकट पैदा हो गया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ हैं, लेकिन सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं. उनकी (दिग्विजय) चिठ्ठी (मध्य प्रदेश के मंत्रियों को) जा रही है, कौन-कौन से काम हुए… बताओ. क्या मंत्री को धमकाने का अधिकार उनको है? इसलिए कांग्रेस को स्थिति स्पष्ट कर इस संकट को समाप्त करना चाहिए.’
मध्यप्रदेश में अभूतपूर्व संवैधानिक संकट पैदा हो गया है, मुख्यमंत्री कमलनाथ हैं, लेकिन सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। उनकी चिठ्ठी जा रही है, कौन-कौन से काम हुए, बताओ। क्या मंत्री को धमकाने का अधिकार उनको है? इसलिए कांग्रेस को स्थिति स्पष्ट कर इस संकट को समाप्त करना चाहिए। pic.twitter.com/8mDFWl7YEX
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 2, 2019
चौहान ने कहा, ‘कांग्रेस हाईकमान को हस्तक्षेप कर यह तय करना चाहिए कि सरकार कौन चलाए. सरकार कोई और चलाए और मुख्यमंत्री पद की शपथ कोई और ले, यह होना नहीं चाहिए. पर्दे के पीछे से सरकार नहीं चलनी चाहिए. सामने से चलनी चाहिए, पारदर्शी तरीके से चलनी चाहिए.’
भाजपा नेता ने कहा, ‘कांग्रेस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मुख्यमंत्री पद की जिसने शपथ ली है, वही सरकार चलाए… इसलिए कांग्रेस को स्थिति स्पष्ट कर इस संकट को समाप्त करना चाहिए.’
श्री @ChouhanShivraj ने @BJP4MP कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि क्या कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार इसलिए बनाई थी कि सत्ता की बंदरबांट हो और हिस्सेदारी के लिए लड़ाई, झगड़े हों? कांग्रेस में जो होना हो, हो; लेकिन मेरे मध्यप्रदेश को तो बर्बाद मत करो। pic.twitter.com/PxrQzCipzc
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) September 3, 2019
भोपाल स्थित भाजपा कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि क्या कांग्रेस ने प्रदेश में सरकार इसलिए बनाई थी कि सत्ता की बंदरबांट हो और हिस्सेदारी के लिए लड़ाई, झगड़े हों? कांग्रेस में जो होना है हो; लेकिन मेरे मध्य प्रदेश को तो बर्बाद मत करो.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा, ‘भाजपा शुरू से यह कहती रही है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार में कहने को भले ही एक मुख्यमंत्री हो, लेकिन कई और भी मुख्यमंत्री है, जो पर्दे के पीछे से सरकार को चला रहे हैं. मंत्री उमंग सिंघार की स्वीकारोक्ति भाजपा के इस कथन की पुष्टि करती है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)