बीते जून में झारखंड के सरायकेला खरसावां में तबरेज़ अंसारी की चोरी के आरोप में भीड़ ने बेरहमी से पिटाई की थी, जिसके कुछ रोज़ बाद अंसारी की मौत हो गई थी.
नई दिल्ली: झारखंड पुलिस ने 22 वर्षीय तबरेज़ अंसारी की मौत के मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ दायर आरोपपत्र में आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या के आरोप को हटा दिया है.
बता दें कि, करीब चार महीने पहले झारखंड के सरायकेला खरसावां में चोरी का आरोप लगाते हुए भीड़ ने तबरेज की बेरहमी से पिटाई की थी, जिसके कुछ दिन बाद उनकी मौत हो गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुलिस ने पिछले महीने आईपीसी की धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया. आरोपपत्र में पुलिस ने कहा कि अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि तबरेज की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी. उसने इस बात पर ध्यान दिलाया था कि यह पूर्व नियोजित हत्या नहीं था.
इससे पहले पुलिस ने तबरेज की पत्नी की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज किया था.
सरायकेला खरसावां के पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने कहा, ‘हमने दो कारणों से आईपीसी की धारा 304 के तहत आरोपपत्र दाखिल किए. पहली बात तो उसकी मौत मौके पर नहीं हुई और गांव वालों का उद्देश्य तबरेज की हत्या करना नहीं था. दूसरी बात यह है कि मेडिकल रिपोर्ट हत्या के आरोप को सही नहीं ठहराती है.’
उन्होंने कहा, ‘अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट कहती है कि तबरेज की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई और सिर से खून का बहना घातक नहीं था. वहीं, दूसरी मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया कि तबरेज की मौत दिल का दौरा पड़ने और सिर के चोट की वजह से हुई.’
बता दें कि, बीते 18 जून को झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले के धातकीडीह गांव में तबरेज अंसारी की भीड़ ने चोरी के शक में कथित रूप से खंभे से बांधकर डंडों से पिटाई कर दी थी.
घटना का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उन्हें कथित रूप से ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ के नारे लगाने के लिये मजबूर किया जा रहा था. इस हमले के बाद तबरेज को चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
इसके चार दिन बाद उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. 25 जून को पोस्टमॉर्टम करने के बाद सदर अस्पताल के उप अधीक्षक डॉ बरियाल मारी ने बताया था कि पूरी संभावना है कि तबरेज की मौत का कारण सिर में लगी चोट से खून बह जाने के कारण हुई.
हालांकि, उस दौरान मेडिकल बोर्ड ने फॉरेंसिक रिपोर्ट न आने के कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर अंतिम फैसले को रोक लिया था. पुलिस ने कहा कि आरोपपत्र को अभियोजन विभाग देखता है.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य सजा दिलाना था. शुरुआत में हमने सोचा कि धारा 302 और धारा 304 दोनों लगा सकते हैं लेकिन दोनों साथ नहीं लगाए जा सके. मेडिकल रिपोर्ट में भी यह बात साफ तौर पर नहीं कही गई मौत का कारण सिर से खून का बहना था. अदालत में इससे समस्या पैदा हो सकती है.’
बता दें कि, अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने तबरेज की भीड़ द्वारा हत्या की कड़ी निंदा की थी और सरकार से इस तरह की हिंसा और भय के माहौल को रोकने के लिये ठोस कार्रवाई करने का अनुरोध किया था.