जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने के बाद से राज्य के प्रमुख नेता नज़रबंद हैं. जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसदों को पार्टी नेताओं से मिलने के बाद मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं दी है.
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद से राज्य के प्रमुख नेताओं को नजरबंद किया गया है. इस बीच जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने नेशनल कॉन्फ्रेंस से जुड़े दो सदस्यों को पार्टी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला से मिलने की अनुमति दी है.
हालांकि हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं पर कुछ प्रतिबंध भी लगाए हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि याचिकाकर्ताओं को पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद मीडिया के साथ बातचीत करने की अनुमति नहीं दी गई है.
बार एंड बेंच के मुताबिक याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट के सामने दावा किया कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद से ही पार्टी के दो शीर्ष नेताओं को पांच अगस्त से ही घर में नजरबंद किया गया है. याचिकाकर्ता ने कहा कि वे फारूक और उमर अब्दुल्ला की स्थिति को लेकर चिंतित हैं.
यह भी कहा गया कि मुख्य याचिकाकर्ता- उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और वरिष्ठ अधिवक्ता हसनैन मसूदी- अब्दुल्लाओं को कानूनी सहायता प्रदान करने में सक्षम होंगे.
जब छह सितंबर को सुनवाई के लिए ये मामला आया तो हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) जावेद इकबाल से पूछा कि क्या याचिकाकर्ताओं को वास्तव में फारूक और उमर अब्दुल्ला से मिलने से रोका गया था.
11 सितंबर की सुनवाई में एएजी और एडवोकेट जनरल डीसी रैना ने कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं से मिलने वाले याचिकाकर्ताओं पर कोई औपचारिक प्रतिबंध नहीं है.
यह भी कहा कि राज्य सरकार को इस तरह के मुलाकात से तब तक कोई आपत्ति नहीं है जब तक कि कोई शांतिपूर्ण माहौल खराब करने की कोशिश न करे.