सरदार सरोवर बांध से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की वजह से नर्मदा का जलस्तर 31 फुट से ऊपर पहुंच चुका है, जो ख़तरे के निशान से तीन फुट ज़्यादा है.
भरुच: गुजरात में नर्मदा नदी में जलस्तर बढ़ने के चलते लोगों के लिए मुसीबत बढ़ गई है. भरूच जिले में नर्मदा का जलस्तर बढ़ने खतरे से बड़ा संकट खड़ा हो गया है.
खतरे के निशान से नर्मदा का जलस्तर तीन फुट तक बढ़ने के बाद प्रशासन ने इस संबंध में तटवर्ती इलाकों को खाली करा लिया है और यहां रहने वाले 3,900 से ज्यादा लोगों को बीते तीन दिनों में सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.
सरदार सरोवर बांध से पानी छोड़ने पर जलस्तर बढ़ने के संबंध में अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को जानकारी देते हुए बताया कि सरदार सरोवर बांध से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की वजह से नर्मदा का जलस्तर 31 फुट के निशान से ऊपर पहुंच चुका है.
इस संबंध में जिलाधिकारी एमडी मोडिया ने बताया कि नदी के खतरे का निशान 28 फुट है लेकिन यह गोल्ड पुल पर 31.25 फुट पर बह रही है जो खतरे के निशान से तीन फुट ज्यादा है.
बांध में जलस्तर के 136 मीटर के निशान को पार कर जाने के बाद खतरे की स्थिति को देखते हुए अधिकारियों ने पिछले तीन दिनों में जिले के झगडिया, भरूच और अंकलेश्वर तालुकाओं के निचले इलाकों में रहने वाले करीब 3,900 लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है.
बता दें यह वही पुल अंकलेश्वर को भरूच से जोड़ता है. अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के कई इलाकों में भारी बारिश हुई. उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक इस मौसम की वार्षिक वर्षा का 116.59 प्रतिशत हो चुका है.
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन मोचन बल (एनडीआरएफ) की दो टीमें और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की एक टीम को जिले के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया गया है. वे निचले इलाके में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज रहे हैं.
बुधवार दोपहर तक नर्मदा जिले में केवड़िया स्थित सरदार सरोवर बांध का जलस्तर बढ़कर 136.92 मीटर तक पहुंच गया था. 2017 में 138 मीटर तक पहुंचने के बाद यह बांध का उच्चतम जलस्तर है.
सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के मुख्य अभियंता पीसी व्यास ने कहा कि जलाशय में 8.5 लाख क्यूसेक पानी का प्रवाह हो रहा है जिसमें से आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है.
व्यास ने कहा, ‘जल स्तर 136.92 मीटर को छू गया है और हमें उम्मीद है कि इस महीने के आखिर तक यह 138.68 मीटर के स्तर को छू जायेगा. पानी छोड़ने के लिए बांध के कुल 30 फाटकों में से 23 को खोल दिया गया है.’
मालूम हो कि अगस्त महीने के आखिरी सप्ताह में सरदार सरोवर बांध में लगभग 134 मीटर पानी भरने से इसके बैकवॉटर से मध्य प्रदेश के बड़वानी, झाबुआ, धार, अलीराजपुर और खरगोन जिलों में कई गांव डूबने लगे थे. 10 हजार की आबादी वाला निसरपुर गांव जिसका इतिहास दो सदी पुराना बताया जाता है, भी डूब गया.
बांध की पूरी क्षमता 138.68 मीटर पानी भरने से मध्य प्रदेश के नर्मदा घाटी में बसे 192 गांव और एक कस्बा डूब क्षेत्र में आकर लगभग 32 हजार लोगों के बेघरबार होने का खतरा मंडरा रहा था, जिनका पुनर्वास नहीं हुआ है.
इसको लेकर दिल्ली स्थित जंतर-मंतर में विस्थापितों ने विरोध प्रदर्शन किया था. इसके अलावा नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने छोटा बड़दा गांव में भूख हड़ताल किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)