सरकार ने निर्यात प्रोत्साहन के लिए घोषित की 50,000 करोड़ रुपये की योजना

सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त में एक साल पहले की तुलना में 6.05 प्रतिशत नीचे आ गया है. अगस्त में देश से वस्तुओं का निर्यात 26.13 अरब डॉलर रहा.

New Delhi: Finance Minister Nirmala Sitharaman addresses a press conference after presenting the Union Budget 2019-20, in New Delhi, Friday, July 5, 2019. (PTI Photo/Manvender Vashist) (PTI7_5_2019_000138B)
New Delhi: Finance Minister Nirmala Sitharaman addresses a press conference after presenting the Union Budget 2019-20, in New Delhi, Friday, July 5, 2019. (PTI Photo/Manvender Vashist) (PTI7_5_2019_000138B)

सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त में एक साल पहले की तुलना में 6.05 प्रतिशत नीचे आ गया है. अगस्त में देश से वस्तुओं का निर्यात 26.13 अरब डॉलर रहा.

New Delhi: Finance Minister Nirmala Sitharaman addresses a press conference after presenting the Union Budget 2019-20, in New Delhi, Friday, July 5, 2019. (PTI Photo/Manvender Vashist) (PTI7_5_2019_000138B)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यात प्रोत्साहन के लिए विदेशी बाजारों में भेजे जाने वाले वाणिज्यिक उत्पादों पर कर और शुल्क का बोझ खत्म करने की एक नई योजना आरओडीटीईपी की शनिवार को घोषणा की.

निर्यात उत्पादों पर शुल्कों और करों की छूट (आरओडीटीईपी) नाम की इस योजना से खजाने पर अनुमानित 50,000 करोड़ रुपये का बोझ आने का अनुमान है. यह योजना एक जनवरी 2020 से लागू होगी.

सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात अगस्त में एक साल पहले की तुलना में 6.05 प्रतिशत नीचे आ गया है. अगस्त में देश से वस्तुओं का निर्यात 26.13 अरब डॉलर रहा.

सीतारमण ने यह भी कहा कि वस्तु एवं सेवा कर के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए पूर्णतया स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक रिफंड की प्रणाली अपनायी जाएगी. इसे इस माह के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि इसका मकसद इनपुट टैक्स क्रेडिट के रिफंड को स्वचालित और तेज बनाना है.

उन्होंने कहा कि आरओडीटीईपी मौजूदा प्रोत्साहन योजनाओं का स्थान लेगी. इनके मुकाबले यह ज्यादा उचित तरीके से निर्यातकों को प्रोत्साहन देगी.

मंत्री ने कहा कि इस योजना से सरकारी खजाने पर 50,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.

बता दें कि पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग, चमड़ा और रत्न एवं आभूषण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से निर्यात कम होने पर अगस्त माह में देश का निर्यात कारोबार एक साल पहले के इसी माह के मुकाबले 6.05 प्रतिशत घटकर 26.13 अरब डॉलर रह गया.

अगस्त 2019 में निर्यात वाले 30 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से 22 में गिरावट दर्ज की गई. रत्न एवं आभूषण, इंजीनियरिंग सामानों और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में इस दौरान क्रमश: 3.5 प्रतिशत, 9.35 प्रतिशत और 10.73 प्रतिशत गिरावट रही.

इस दौरान वृद्धि दर्ज करने वाले निर्यात क्षेत्रों में लौह अयस्क, इलेक्ट्रॉनिक सामान, मसाले और समुद्री उत्पाद शामिल हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)