कर्नाटक के चित्रदुर्गा से भाजपा के सांसद ए. नारायणस्वामी को उन्हीं के निर्वाचन क्षेत्र के एक गांव में घुसने से रोक दिया गया. इस गांव में काडू गोल्ला जाति के लोग रहते हैं, जिन्होंने सांसद को अछूत कहकर गांव में जाने से रोक दिया.
बेंगलुरूः मध्य कर्नाटक के चित्रदुर्गा संसदीय सीट से भाजपा सांसद को दलित होने के चलते उन्हीं के निर्वाचन क्षेत्र के एक गांव में घुसने से रोक दिया गया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अनुसूचित जनजाति के समुदाय के लिए आरक्षित चित्रदुर्गा सीट से सांसद ए. नारायणस्वामी को सोमवार को तुमकुर जिले के पावागडा क्षेत्र के गोलारहट्टी गांव में नहीं जाने दिया गया.
इस गांव में काडू गोल्ला जाति (ओबीसी) के लोग रहते हैं, जिन्होंने सांसद को अछूत कहकर उन्हें गांव में घुसने नहीं दिया. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह उनकी परंपराओं के खिलाफ है. प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं.
Karnataka: Eyewitnesses say BJP MP A Narayanaswamy(in peach shirt) was denied entry by members of Yadava community at a village temple in Tumakuru, as he was Dalit. Nagaraj, a local says,”We’ve traditions,there is history of incidents,so people said he shouldn’t be allowed”(16.9) pic.twitter.com/cq4dTveQCp
— ANI (@ANI) September 17, 2019
स्थानीय टीवी चैनलों पर एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा है, जिसमें सांसद सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक टीम के साथ गोलारहट्टी गांव की ओर जाते दिख रहे हैं. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि सांसद गांव वालों से गांव में घुसने की अनुमति लेने की कोशिश कर रहे हैं जबकि कुछ स्थानीय लोग उन्हें गांव में नहीं घुसने दे रहे.
नारायणस्वामी ने गांव वालों को बताया, ‘दूसरे लोग वोट के लिए आते हैं, मैं विकास के लिए आया हूं. आपके समुदाय ने चुनावों में मेरा समर्थन किया था. मैं बदलाव और विकास चाहता हूं, वोट नहीं चाहता.’
एक ग्रामीण ने सांसद को बताया, ‘भाई, आपके समुदाय से कोई भी गांव में नहीं आता.’ ग्रामीण ने दलितों के गांव में घुसने पर समुदाय के अशुद्ध होने से जुड़े अंधविश्वास का हवाला दिया, जिसके बाद सांसद गांव में नहीं गए.
नारायणस्वामी ने कहा, ‘मैं इस घटना से दुखी हूं. कुछ लोग चाहते थे कि मैं गांव में आऊं लेकिन समुदायों के बीच किसी भी तरह के संघर्ष से बचने के लिए मैं गांव नहीं आया.’
स्थानीय जिला अधिकारियों ने काडू गोल्ला समुदाय के सामने कुछ तर्क रखे, जिसके बाद सांसद नारायणस्वामी को इस सप्ताह के अंत में गोलारहट्टी गांव आने की अनुमति मिली.
नारायणस्वामी कर्नाटक से चार बार विधायक रह चुके हैं. वह भाजपा की कर्नाटक पार्टी के चीफ व्हिप (सचेतक) पद पर भी रह चुके हैं. वह कर्नाटक सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद संभाल चुके हैं.
गौरतलब है कि काडू गोल्ला एक पिछड़ा समुदाय है, जो मवेशियों को चराने और भेड़ पालने का काम करता है. राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार के दौरान इन्हें अनुसूचित जाति में शामिल करने का वादा किया गया था लेकिन अभी तक यह वादा पूरा नहीं हो सका है.