अंग्रेजी अख़बार द टेलीग्राफ के संपादक द्वारा माफी मांगने से इनकार करने पर नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने संपादक के ख़िलाफ़ कथित तौर पर अपशब्दों का इस्तेमाल किया.
नई दिल्ली: अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि केंद्रीय मंत्री बाहुल सुप्रियो ने अखबार के संपादक को फोन करके एक हेडलाइन के लिए माफी की मांग की और अपशब्दों का इस्तेमाल किया.
बता दें कि, केंद्रीय मंत्री सुप्रियो कोलकाता के जाधवपुर यूनिवर्सिटी में उपजी हालिया अशांति के लिए अपनी भूमिका को लेकर विवाद के केंद्र में हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, शाम को करीब 7:50 बजे मंत्री ने टेलीग्राफ के संपादक आर. राजगोपाल को शाम की न्यूज मीटिंग के दौरान उनके मोबाइल पर फोन किया. सुप्रियो ने अपनी पहचान बताने के बाद कहा कि वह एक मैत्रीपूर्ण माफी चाहते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया कि संपादक के यह कहने पर कि अखबार में माफी मांगने लायक कुछ भी नहीं छपा है, भाजपा नेता नाराज हो गए और कहा कि अखबार बिक गया है.
गुरुवार को जाधवपुर यूनिवर्सिटी में हुए घटनाक्रम में यह सामने आया था कि कथित तौर पर छात्रों ने उन्हें घेर लिया था. हालांकि, बाद में सामने आई तस्वीरों और खबरों से पता चला कि सुप्रियो खुद भी छात्रों के खिलाफ हुई हिंसा में शामिल थे.
जहां ऐसी खबरें हैं कि मंत्री ने नारेबाजी करने वाले छात्रों को धमकी दी वहीं सामने एक वीडियो में वे यूनिवर्सिटी के कुलपति सुरंजन दास को गुस्से में चिल्लाते देखे जा रहे हैं. हालांकि, द वायर स्वतंत्र तौर पर इनकी पुष्टि नहीं करता है.
शुक्रवार को टेलीग्राफ ने एक फोटो छापा था जिसमें यूनिवर्सिटी कैंपस में सुप्रियो एक छात्र की शर्ट खींच रहे थे. इस तस्वीर के साथ अखबार ने ‘बाबुल एट जेयू’ हेडलाइन लगाई थी. अखबार ने तस्वीर के साथ लगाए गए कैप्शन में लिखा था कि एक छात्र की शर्ट खींचते सुप्रियो.
अखबार की यही तस्वीर, हेडलाइन और कैप्शन सुप्रियो आपत्तिजनक लगी. इसके बाद शनिवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री ने जाधवपुर यूनिवर्सिटी में उनकी भूमिका को गलत तरीके से पेश करने के खिलाफ ट्वीट किया.
उन्होंने लिखा कि अगर अखबार कल माफी नहीं मांगेगा तो वे उस पर झूठी एकपक्षीय रिपोर्टिंग के लिए मुकदमा करेंगे. पहले तो उन्होंने अपने ट्वीट ब्रिटेन के टेलीग्राफ को टैग कर दिया लेकिन बाद एक अन्य ट्वीट के साथ उसे सही किया.
This is the video which shows:
1. I WASN’T elbowing anyone rather I ws being pushed & manhandled with my shirt torn
2. It wasn’t a girl either-it was BEARDED GUY as clearly seen in the VDO
If @Telegraph doesn’t apologise tomorrow for their false biased reporting, I’ll sue them pic.twitter.com/scFd7iHjWa— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) September 21, 2019
टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रियो ने संपादक राजगोपाल को फोन करके माफी की मांग की. पहले तो सुप्रियो ने शिकायत की कि उन्होंने किसी को कोहनी से टक्कर नहीं मारा. अपने ट्वीट में भी उन्होंने यह बात कही थी. जब राजगोपाल ने यह बात साफ करनी चाही कि उनके अखबार ने ऐसा कोई दावा नहीं किया है तब सुप्रियो ने हेडलाइन में अपना नाम इस्तेमाल किए जाने के तरीके पर आपत्ति जतानी शुरू कर दी और जोर देकर कहा कि वे एक केंद्रीय मंत्री हैं.
संपादक राजगोपाल को अपशब्द कहने से पहले उन्होंने पूछा कि क्या वे एक जेंटलमैन (सज्जन व्यक्ति) नहीं हैं.
अखबार के अनुसार, राजगोपाल ने सुप्रियो से कहा कि कोई भी माफी नहीं मांगी जाएगी और सुप्रियो चाहें तो एक कानूनी नोटिस या पत्र भेजकर कानूनी कार्रवाई कार्रवाई की मांग कर सकते हैं.
कथित तौर पर सुप्रियो ने राजगोपाल को यह भी बताया कि वे पूरी बातचीत को रिकॉर्ड कर रहे हैं. हालांकि, कॉल राजगोपाल द्वारा काट दी गई.
बातचीत खत्म होने के बाद सुप्रियो के ट्वीट बातचीत को लेकर अखबार द्वारा किए गए कई दावों की पुष्टि करते हैं. हालांकि, मंत्री ने कहा कि संपादक ने उन्हें गंदी भाषा में गाली दी.
इसके साथ ही उन्होंने अपनी नाराजगी को कोहनी से टक्कर मारने की जगह, शर्ट खींचने की कर लिया.
He threatened me to hand write an article against me tmrw about me calling him !!! His arrogance was amusing !! Two other journalists are privy to what my intention was when I tried getting the number of that arrogant editor – calm&amicable•My tweet abt that article ystrdy is👇
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) September 21, 2019
This tweet of mine yesterday was in response to a journalist asking me as to why @ttindia spelt my name as BabuLL with an extra L .. it wasn’t an inadvertent mistake but purposely done with an agenda to malign•The joker of the editor asks “why I am ASSUMING that BaBuLL meant me? https://t.co/c67rCYapdb pic.twitter.com/JKitTg8xcw
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) September 21, 2019
The arrogant editor of @ttindia asks me to explain what makes me ASSUME that they meant me when they print BabulL over my pix!! Hw obnoxious can one get•It is surely a paper that is SOLD to #TMchhi & Mamta’s ADs to them•Shame on them& he threats me with an article tmrw pic.twitter.com/kFAKSO7HBX
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) September 21, 2019
गायक से राजनेता बने बाबुल सुप्रियो ने मीडिया नियमन को लेकर की गई कई टिप्पणियों को रिट्वीट भी किया.