सोशल मीडिया पर हाल के दिनों में ख़बर आई थी कि आरबीआई नौ बैंकों को स्थायी रूप से बंद कर रहा है और उसने लोगों से इन बैंकों से अपने पैसे वापस निकालने की अपील की है. रिज़र्व बैंक ने इसे झूठा क़रार दिया है.
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोशल मीडिया पर नौ बैंकों को बंद करने की अफवाहों का बुधवार को खंडन किया. आरबीआई ने कहा कि कोई भी वाणिज्यिक बैंक बंद नहीं हो रहा है.
वित्त सचिव राजीव कुमार ने सोशल मीडिया पर चल रहे इन संदेशों को शरारतपूर्ण बताया और कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डालकर उन्हें मजबूत बनाने की तैयारी में है.
केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा, ‘सोशल मीडिया के कुछ तबकों में खबरें चल रही हैं कि आरबीआई कुछ वाणिज्यिक बैंकों को बंद कर रहा है. यह पूरी तरह से गलत और झूठी खबरें हैं.’
Reports appearing in some sections of social media about RBI closing down certain commercial banks are false.
— ReserveBankOfIndia (@RBI) September 25, 2019
उल्लेखनीय है कि कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर संदेश प्रचारित किया जा रहा है कि आरबीआई नौ बैंकों को स्थायी रूप से बंद करेगा और उसने लोगों से इन बैंकों से अपना पैसे वापस निकालने की अपील की है.
कुमार ने एक ट्वीट में कहा, ‘किसी भी सार्वजनिक बैंक को बंद करने का सवाल ही नहीं उठता है. इसके बजाय सरकार सुधारों और पूंजी निवेश के माध्यम से सरकारी बैंकों को मजबूत कर रही है ताकि वह अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं दे सके.’
There are mischievous rumours on Social Media (picture below) about @RBI closing some banks. No question of closing any #PSB, which are articles of faith. Rather Govt is strengthening PSBs with reforms and infusion of capital to better serve its customers @FinMinIndia @PIB_India pic.twitter.com/43XoZGoOa0
— Rajiv kumar (@rajivkumarec) September 25, 2019
यह अफवाह ऐसे समय पर आयी है, जब आरबीआई ने बीते 24 सितंबर को महाराष्ट्र के पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक की कुछ खामियों को लेकर कुछ पाबंदियां लगाई हैं. इसके तहत जमाकर्ताओं के लिए छह महीने में सिर्फ 1,000 रुपये निकालने की सीमा तय की गई है.
पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक पर इसके अलावा नया कर्ज देने और जमा लेने की भी रोक लगाई गई है.
मालूम हो कि जिन बैंकों को बंद करने की अफवाहें उड़ रही हैं, उनमें ऐसे बैंक शामिल हैं, जिनका या तो दूसरे बैंकों में विलय हो गया है फिर विलय होने की प्रक्रिया में हैं. इनमें कॉरपोरेशन बैंक, यूको बैंक, आईडीबीआई, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, आंध्रा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, देना बैंक और यूनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया शामिल है.
सरकार ने पिछले महीने ही सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों का विलय कर उन्हें चार बैंकों में तब्दील करने का फैसला किया है. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया जाएगा.
वहीं सिंडीकेट बैंक को केनरा बैंक में मिलाया जाएगा. आंध्र बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय किया जाएगा, जबकि इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय किया जाएगा.
सरकार देना बैंक और विजया बैंक का पहले ही बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय कर चुकी है. हाल ही में आईडीबीआई बैंक का विलय एलआईसी में किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)