मामला मलप्पुरम ज़िले का है, जहां स्कूल में काउंसिलिंग के दौरान सातवीं कक्षा की छात्रा ने इस बारे में बताया. बच्ची का पिता बेरोज़गार है और ऐसा बताया जा रहा है कि पहले उसने बच्ची की मां को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया था.
मलप्पुरमः केरल के मलप्पुरम जिले में बीते दो से अधिक सालों में 12 साल की एक बच्ची से 30 से अधिक लोगों ने बलात्कार किया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली इस बच्ची के स्कूल में काउंसिलिंग सेशन के दौरान इस मामले का पता चला.
इस बच्ची की काउंसलर ने बताया कि वह हैरान हैं कि बच्ची ने इतना कुछ सहा है. काउंसलर ने बताया कि उससे (बच्ची) यह पूछने पर कि घर पर क्या चल रहा है, सब ठीक है, वह रोने लगी.
बच्ची ने बताया कि उसके परिवार को पैसों की सख्त जरूरत है, घर पर एक बीमार दादी हैं, जिसके इलाज के लिए पैसे नहीं हैं. वे अपने घर का किराया भी नहीं चुका पा रहे हैं.
काउंसलर ने बताया कि वह परेशान थी कि अगर उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया जाएगा तो उसके परिवार की आर्थिक स्थिति और खराब हो जाएगी.
काउंसलर ने बताया कि इतना कुछ होने के बाद भी बच्ची को इस बात का दुख था कि वह अपने घर की आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए कुछ नहीं कर पाई. पीड़िता को इस बात का एहसास नहीं था कि उसके साथ बलात्कार हुआ है.
बच्ची ने काउंसलर को बताया कि पहले उसके परिवार की आर्थिक मदद करने वाले उसके पिता के एक दोस्त ने उसका बलात्कार किया और उसके बाद और भी लोग आने लगे.
बच्ची ने बताया कि एक तीसरा शख्स, जिससे वह कभी नहीं मिली, वह उसका बलात्कार करने वाले व्यक्तियों से पैसे लेता था. बच्ची का पिता बेरोजगार है और ऐसा बताया जा रहा है कि पहले उसने बच्ची की मां को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया था.
अख़बार की खबर के अनुसार इस घटना की जानकारी मिलने के बाद बच्ची को आश्रय गृह में ले जाया गया है, जहां जाते समय वह अपने घर के दरवाजे पर माफी मांगते हुए ‘सॉरी अम्मा’ लिखकर गयी है.
तिरुरांगडी पुलिस स्टेशन के उपनिरीक्षक नौशाद इब्राहिम ने बताया कि रविवार को मजिस्ट्रेट के सामने बच्ची का बयान रिकॉर्ड किया गया और मेडिकल जांच हुई, जहां बलात्कार की पुष्टि हुई है.
रविवार रात को बच्ची के पिता सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि दो लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 376 और पॉक्सो एक्ट की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.
बच्ची के पिता को किशोर न्याय अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. मलप्पुरम पुलिस के उपनिरीक्षक पीपी शम्सु ने बताया कि बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है.
सघन आबादी वाले इलाके में बच्ची का परिवार पांच साल से रह रहा है. पड़ोसियों को संदेह था कि उनके यहां कुछ ठीक नहीं चल रहा है, लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं किया.
बच्ची के पड़ोस में रहने वाली 47 वर्षीय महिला ने बताया, ‘अक्सर रात में बच्ची के रोने और उसके चिल्लाने की आवाजें आती थीं. हम घर में लोगों को आते भी देखते थे लेकिन हम उनके परिवार के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते थे. हमें अपनी बेटियों को भी देखना है.’
स्कूल में पीड़ित बच्ची के सहपाठियों का कहना है कि वह अकेले रहती थी और उसकी मां उसे स्कूल लेने और छोड़ने आती थीं. उसकी मां उसे इंटरवेल के दौरान भी घर ले जाती थीं. बच्ची के साथ लगातार हो रहे उत्पीड़न की वजह से वह बीमार रहने लगीं और अक्सर स्कूल नहीं आती थी.
इसके बाद पीड़िता के एक पड़ोसी ने स्कूल में शिकायत की कि उसके घर पर कुछ गलत हो रहा है, जिसके बाद बच्ची की काउंसिलिंग की गई, जिसमें इस घटना का पता चला.
वहीं पीड़ित बच्ची की मां ने परिवार पर लगे आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा, ‘यह साजिश है. मुझे मेरी बेटी चाहिए.’
मलप्पुरम पुलिस गरीब परिवारों के इस तरह के बच्चों की पहचान करने के लिए एक अभियान शुरू कर रही है. मलप्पुरम में इस साल 31 जुलाई तक बच्चों के बलात्कार के 289 मामले दर्ज हुए हैं, जो केरल में सर्वाधिक हैं.