सीबीडीटी अधिकारी ने चेयरमैन पर लगाया आरोप, कहा- विपक्षी नेता पर कार्रवाई कर सुनिश्चित किया पद

सीबीडीटी चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए महिला कर अधिकारी अल्का त्यागी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, प्रधानमंत्री कार्यालय, सीवीसी और कैबिनेट सचिव को बीते जून में पत्र लिखा था. हालांकि, शिकायत के दो महीने बाद सरकार ने सीबीडीटी चेयरमैन का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया जबकि अल्का त्यागी का नागपुर ट्रांसफर कर दिया.

सीबीडीटी चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी. (फोटो: ट्विटर)

सीबीडीटी चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए महिला कर अधिकारी अल्का त्यागी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, प्रधानमंत्री कार्यालय, सीवीसी और कैबिनेट सचिव को बीते जून में पत्र लिखा था. हालांकि, शिकायत के दो महीने बाद सरकार ने सीबीडीटी चेयरमैन का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया जबकि अल्का त्यागी का नागपुर ट्रांसफर कर दिया.

सीबीडीटी चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी. (फोटो: ट्विटर)
सीबीडीटी चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी. (फोटो: ट्विटर)

नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की एक महिला अधिकारी ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के सत्ता में आने के एक महीने बाद बीते जून में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर सीबीडीटी चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी के खिलाफ अभूतपूर्व और चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, 21 जून को वित्त मंत्री को लिखे अपने पत्र में अल्का त्यागी ने सीबीडीटी चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी पर एक संवेदनशील मामले को बंद करने के लिए चौंकाने वाला निर्देश देने का आरोप लगाया है. उस दौरान वह मुम्बई में मुख्य आयकर आयुक्त (यूनिट 2) पद पर कार्यरत थीं.

इसके साथ ही अपने पत्र में त्यागी ने दावा किया कि मोदी ने केंद्रीय कर बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपना शीर्ष पद सिर्फ इसलिए सुरक्षित कर लिया क्योंकि उन्होंने एक विपक्षी नेता के खिलाफ कार्रवाई करने में सफलता हासिल की.

त्यागी के नौ पेज के शिकायत पत्र से पता चलता है कि मोदी ने उन पर जबरदस्त दबाव डाला था. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने लगभग एक समान शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय सूचना आयोग (सीवीसी) और कैबिनेट सचिव को भेजी है.

इसी महीने त्यागी के दफ्तर में चोरी हुई थी, उन्होंने इसकी लिखित शिकायत अपने वरिष्ठ प्रिंसिपल चीफ आयुक्त एसके गुप्ता से की थी.

1984 बैच की आईआरएस अधिकारी त्यागी ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ एक सतर्कता के एक पुराने मामले को मोदी ने दोबारा खोल दिया और उन्होंने उसका इस्तेमाल उनकी पोस्टिंग को रोकने में ब्लैकमेल करने के लिए किया. हालांकि, इससे पहले मोदी ने उस मामले को खुद खारिज कर दिया था और क्लीन चिट दी थी.

इस शिकायत के दो महीने बाद सरकार ने मोदी का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया.

वहीं, आयकर विभाग की प्रिंसिपल चीफ आयुक्त नियुक्त किए जाने का इंतजार कर रही त्यागी को नागपुर में नेशनल एकेडमी ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस का प्रधान आयकर महानिदेशक (प्रशिक्षण) बना दिया गया.

त्यागी की शिकायत में कई तरह की अनियमितताओं का जिक्र है. इसमें बताया गया है कि कैसे सीबीडीटी चेयरमैन ने लगातार त्यागी को गंभीर आरोपों से जुड़े एक संवेदनशील मामले में जारी प्रक्रियाओं को रोकने के लिए कहा.

इस शिकायत में त्यागी ने आरोप लगाया कि मोदी ने उनके सामने कबूला है कि विपक्षी पार्टी के एक नेता के खिलाफ उनकी अगुवाई में चलाए गए एक कामयाब छापे की वजह से उनकी सीबीडीटी चेयरमैन का उनका पद सुनिश्चित हुआ.