साल 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान में महिलाओं के पुरुषों का खेल देखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. राजधानी तेहरान के आज़ादी स्टेडियम में बृहस्पतिवार को हुए वर्ल्ड कप फुटबॉल के क्वालीफायर मैच में ईरान ने कंबोडिया को मात दी.
तेहरान: ईरान में कई दशकों की पाबंदी झेलने के बाद बीते गुरुवार को महिलाओं ने स्टेडियम में जाकर फुलबॉल मैच देखने का आनंद उठाया.
राजधानी तेहरान स्थित आज़ादी स्टेडियम महिलाओं को तकरीबन 40 साल बाद मिली इस आज़ादी का गवाह बना. गुरुवार को यहां ईरान और कंबोडिया के बीच फीफा वर्ल्ड कप का क्वालीफायर मैच खेला गया, जिसे देखने के लिए तीन हज़ार से ज़्यादा महिलाएं स्टेडियम पहुंची थीं.
महिलाओं के लिए स्टेडियम में एक अलग सेक्शन बनाया गया था. इस दौरान ईरानी महिलाएं हाथों में झंडा लिए अपनी टीम का हौसला बढ़ाती हुई नज़र आईं.
एशिया की अच्छी फुटबॉल टीमों में से एक ईरान ने वर्ल्ड कप क्वालीफायर मैच में कंबोडिया की टीम को 14-0 से मात दी, लेकिन यह एकतरफा मुकाबला महिलाओं के इसका गवाह बनने के लिए याद किया जाएगा.
साल 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान में महिलाओं के पुरुषों का खेल देखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
Some of the 3,500 women attending an #Iran football match for the first time today are already in the stadium and making their voices heard 📢
[📽️ @maryampapi1] 🇮🇷pic.twitter.com/OvGodvz4Cl
— DW Sports (@dw_sports) October 10, 2019
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने ईरान की एक महिला फुटबॉल प्रशंसक सहर खोदयारी की मौत के बाद फीफा ने तेहरान में अपना एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था ताकि महिलाओं के स्टेडियम में आने की अनुमति सुनिश्चित की जा सके.
सहर पुरुष का वेश बनाकर स्टेडियम में घुसने की कोशिश कर रही थीं, जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. अपनी गिरफ्तारी के विरोध में उन्होंने खुद को आग लगाकर जान दे दी थी. इस घटना के बाद से ईरान में महिलाओं पर लगे इस प्रतिबंध पर अभियान चलाए जाने लगे थे.
सहर को ‘ब्लू गर्ल’ भी कहा जाता था. यह उनकी पसंदीदा टीम ‘एस्तेग़लाल’ का भी रंग है. बृहस्पतिवार को मैच के दौरान भीड़ ‘ब्लू गर्ल, ब्लू गर्ल’ और ‘फीफा थैंक यू’ चिल्लाते हुए नज़र आई.