साल 1956 में राम मोहन ने भारत सरकार के फिल्म प्रभाग की कार्टून इकाई से अपने करिअर की शुरुआत की थी. उन्हें बार उनकी एनिमेशन फिल्म ‘यू सेड इट’ और ‘फायर गेम्स’ के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिल चुका है.
मुंबई: भारतीय एनिमेशन उद्योग के जनक माने जाने वाले राम मोहन का शुक्रवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया. पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने 1956 में भारत सरकार के फिल्म प्रभाग की कार्टून इकाई से अपने करियर की शुरुआत की थी. वर्ष 1968 में मोहन ने फिल्म प्रभाग से इस्तीफा दे दिया और वह प्रसाद प्रोडक्शन में एनिमेशन प्रभाग के प्रमुख के तौर पर काम करना शुरू किया.
मोहन ने 1972 में अपनी निर्माण कंपनी राम मोहन बायोग्राफिक्स की शुरुआत की, जिसने कई विज्ञापनों और 1992 में ‘रामायण: द लीजेंड ऑफ प्रिंस राम’ का एनिमेटेड फीचर फिल्म बनाया.
इस फिल्म का सह-निर्देशन उन्होंने जापान के युगो साको के साथ किया.
मोहन को मुख्यधारा की कई फिल्मों में एनिमेटेड दृश्य देने का श्रेय जाता है जिनमें बीआर चोपड़ा की 1978 में आई फिल्म ‘पति, पत्नी और वो’, सत्यजीत रे की फिल्म ‘शतरंज का खिलाड़ी’, मृणाल सेन की फिल्म ‘भुवन सोम’, ‘बीवी वो बीवी’, ‘दो और दो पांच’ और ‘कामचोर’ प्रमुख हैं.
Mr. Ram Mohan, the Father of Indian Animation, envisioned Ramayana: The Legend of Prince Rama, our mythological history, and made it known to the world.
His sad demise will forever leave a void in our hearts.
May his soul rest in peace. pic.twitter.com/hnEK2oHfDw— Whistling Woods International (@Whistling_Woods) October 11, 2019
दैनिक भास्कर के मुताबिक राम मोहन को ऋतिक रोशन स्टारर ‘कहो ना प्यार है’ (कमिश्नर), आमिर खान स्टारर ‘रंगीला’ (मेकअप दादा) और अक्षय कुमार स्टारर ‘इंटरनेशनल खिलाड़ी’ (वकील) सहित कई लोकप्रिय फिल्मों में अहम किरदार निभाने के लिए जाना जाता है.
राम मोहन ने अपने करियर में ‘पूरब और पश्चिम’, ‘हीर रांझा’, ‘जंजीर’, ‘याराना’ और ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’ जैसी कई फिल्मों में काम किया है.
राम मोहन 1995 में लॉन्च की गई मुंबई की एनीमेशन कंपनी ग्रैफिटी मल्टीमीडिया में चेयरपर्सन और मुख्य रचनात्मक अधिकारी थे. उन्होंने 2006 में ग्रैफिटी स्कूल ऑफ एनिमेशन भी लॉन्च किया.
राम मोहन को दो बार बेस्ट नॉन-फीचर एनिमेशन फिल्म ‘यू सेड इट’ (1972) और ‘फायर गेम्स’ (1983) के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था.
उन्होंने एनिमेशन कैरेक्टर मीना का भी निर्माण किया. मीना अपनी कहानियों के माध्यम से लैंगिग समानता, स्वास्थ्य और सामाजिक असमानता को लेकर जागरूक करती है.
उन्हें 2006 के मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया था और 2014 में भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.
भारतीय एनीमेशन उद्योग ने मोहन की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)