मामला सीतापुर के बिचपरिया गांव का है. सोशल मीडिया पर आए एक वीडियो में गांव के प्राथमिक विद्यालय के बच्चे हल्दी मिले पीले पानी के साथ चावल खाते दिख रहे हैं. बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि वीडियो खाना ख़त्म होने के समय का है. बच्चों को सब्जी चावल परोसे गए थे.
सीतापुरः उत्तर प्रदेश के सीतापुर के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड डे मील में कथित तौर पर पानी में हल्दी डालकर चावल परोसने का मामला सामने आया है. इस संबंध में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
मामला सीतापुर जिले के पिसावां ब्लाक के बिचपरिया गांव का है. डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, बिचपरिया गांव के प्राइमरी स्कूल में शनिवार को मेन्यू के मुताबिक बच्चों को सब्जियों के साथ चावल परोसा जाना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
ऐसे आरोप हैं कि इसके बजाए बच्चों को बिना कोई सब्जी डाले हल्दी मिला पानी और चावल परोसे गए. पानी में सब्जी नहीं थी और उसे अच्छी तरीके से पकाया भी नहीं गया था.
इस घटना के वायरल हुए वीडियो में बच्चों को हल्दी मिले पीले पानी के साथ चावल खाते देखा जा रहा है.
हालांकि मौके पर पहुंचे जिला बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार कर दिया है और कहा है कि बच्चों को चावल और सब्जियां परोसी गई थी.
इस मामले पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अजय कुमार अजय कुमार को मौके पर जांच के लिए भेजा था, जिसके बाद बीएसए और एसडीएम बृजमोहन सिंह स्कूल पहुंचे और मामले की जांच की और छात्रों के बयान दर्ज किए.
दैनिक जागरण के अनुसार बीएसए अजय कुमार ने बताया कि शनिवार को मध्याह्न भोजन का मेन्यू सब्जी-चावल था और स्कूल में आलू-सोयाबीन की रसेदार सब्जी व चावल बने थे.
उनका कहना है कि बच्चों के खाना खाते समय जब भोजन का आखिरी हिस्सा यानी सब्जी का रस और चावल बचा था, तब किसी ने इसका वीडियो बना लिया.
वहीं, स्कूल के शिक्षकों का यह भी कहना है कि ऐसा वीडियो साजिशन वायरल किया गया है. उनका कहना है कि बचे हुए खाने का वीडियो बनाकर स्कूल वालों को परेशान करने की कोशिश की का रही है. मामले की जांच अभी जारी है.
गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के ही मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल में मिड डे मील में बच्चों को रोटी-नमक परोसे जाने का मामला सामने आया था, जिसके बाद वीडियो बनाने वाले पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई थी.