रांची की एक छात्रा ऋचा भारती को सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं काे ठेस पहुंचाने वाले पोस्ट करने के आरोप में बीते 12 जुलाई को गिरफ़्तार किया गया था. स्थानीय अदालत ने उन्हें पांच क़ुरान बांटने की शर्त पर ज़मानत दी थी. बाद में अदालत ने क़ुरान बांटने का आदेश वापस ले लिया था.
रांची: सोशल मीडिया पर कथित तौर धार्मिक भावनाओं काे ठेस पहुंचाने वाले पोस्ट के चलते निचली अदालत से क़ुरान बांटने के आदेश को लेकर चर्चा में आईं 19 वर्षीय छात्रा ऋचा भारती ने उनके खिलाफ साजिश रचने के लिए अनेक पुलिस अधिकारियों एवं 17 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश देने की झारखंड उच्च न्यायालय से गुहार लगाई है.
ऋचा ने याचिका दायर कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण पुलिस अधीक्षक और पिठोरिया थाना प्रभारी पर मुकदमा दर्ज करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया है. उनके खिलाफ फेसबुक पर अश्लील पोस्ट करने वाले 17 लोगों पर भी प्राथमिकी दर्ज कराने का आग्रह उच्च न्यायालय से किया है.
याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ फेसबुक पर कई लोगों ने अश्लील टिप्पणी की है. इसकी शिकायत वह पिठोरिया थाना प्रभारी, इलाके के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और ग्रामीण पुलिस अधीक्षक से की है, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी उनकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है. जिन लोगों ने अश्लील टिप्पणी की है उनके खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, ऋचा ने याचिका में कहा है कि उन्होंने सिर्फ एक पोस्ट शेयर किया और जवाब दिया, जिस पर पुलिस अफसरों से उसे जेल में डाल दिया. लेकिन उनके साथ अभद्र व्यवहार, महिला सम्मान को ठेस, गाली-गलौज करने की शिकायत की गई, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
उन्होंने याचिका में कहा है कि उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई है.
याचिका में ऋचा ने कहा है कि उन्होंने फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट नहीं किया था. लेकिन पुलिस ने बिना जांच के उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें अदालत में पेश किया था. इस कारण लापरवाह पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
दैनिक जागरण के अनुसार, ऋचा की मां ने भी झारखंड हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर अपना मोबाइल वापस करने की गुहार लगाई है. ऋचा की मां का आरोप है कि पिठोरिया थाना प्रभारी ने उस प्रकरण के दौरान उसका मोबाइल जब्त किया था, जो अब तक वापस नहीं किया.
मालूम हो कि इसी साल जुलाई में ऋचा पर सोशल साइट पर आपत्तिजनक बातें लिखने का आरोप लगा था. पुलिस ने इस मामले में ऋचा को गिरफ्तार किया था. तब निचली अदालत ने जमानत के लिए उन पर कुरान बांटने की शर्त लगाई थी.
अदालत ने आदेश दिया था कि ऋचा कुरान की एक कॉपी अंजुमन इस्लामिया कमेटी और चार अन्य प्रतियां विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों को दान करें.
ऋचा के वकील ने बताया था कि ऋचा को प्रशासन की मौजूदगी में अंजुमन इस्लामिया को कुरान की एक प्रति सौंपनी होगी और उसकी रसीद लेनी होगी और अगले 15 दिनों के अंदर पांचों की रसीद कोर्ट में जमा करनी होगी.
इसका कई संगठनों ने विरोध किया था. बाद में अदालत ने कुरान बांटने की शर्त वापस ले ली.
सदर अंजुमन समिति के सदस्य मंसूर ख़लीफा ने इस मामले में शिकायत की थी.
ख़लीफा ने 12 जुलाई को पिठौरिया पुलिस थाने में भारती के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि वह (ऋचा) फेसबुक और वॉट्सएप पर आपत्तिजनक सामग्रियां अपलोड कर रही थी. फेसबुक पर जो सामग्री पोस्ट की गई, वह एक विशेष धर्म के खिलाफ थे और इससे समाज में सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)