बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में युवक का कथित तौर पर अपहरण कर ज़बरन शादी कराने के मामले में पुलिस पर दुल्हन और उसकी बहन की बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगा है.
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में एक युवक का पिछले हफ़्ते गुरुवार को कथित अपहरण कर ज़बरन शादी का मामला सामने आया था. पुलिस ने दुल्हन और उसकी बहन के साथ अन्य चार परिजनों को हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने दुल्हन, उसकी बहन और परिजनों पर अपहरण का मामला दर्ज़ किया है. आरोप है कि पुलिस ने दुल्हन और उसकी बहन की बर्बरता से पिटाई की.
हिंदुस्तान की ख़बर के अनुसार दुल्हन और उनकी बहन और अन्य परिजनों की बर्बरता से पिटाई मामले में गायघाट थानेदार निलंबित कर दिए गए हैं और सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाज़िर कर दिया गया है.
पुलिस को मिली जानकारी पर छापे मारी के दौरान यह पता चला कि 22 वर्षीय अभिनय कुमार को गायघाट थाने के अंतर्गत पछियारी टोला के रहने वाले नंदकिशोर सिंह की 19 वर्षीया बेटी जूली कुमारी से ज़बरन शादी करवाई जा रही है. मौक़े पर पहुंची पुलिस के साथ स्थानीय लोगों ने हाथा-पाई शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस अतिरिक्त सुरक्षा बल लेकर अगले दिन वापस पहंच कर दुल्हन के साथ परिजनों को और पड़ोसी को हिरासत में ले लिया था.
हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के अनुसार मुज़फ़्फ़रपुर पूर्व के डीएसपी मुत्तफ़िक़ अहमद का कहना है कि उन्हें शिकायत मिली थी कि मैथी गांव के रहने वाले अभिनय कुमार का अपहरण कर शादी करवाई जा रही है. यह मामला गायघाट थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां नंदकिशोर के कुछ रिश्तेदारों ने युवक का अपहरण किया है और ज़बरन अपनी बेटी से शादी करवा रहे हैं.
पुलिस ने मौक़े पर पहुंच कर अभिनय को वहां पाया जिसके बाद पुलिस दल पर स्थानीय लोगों और नंदकिशोर के परिवार वालों ने हमला कर दिया जिसके चलते पुलिस ने उन सभी लोगों को हिरासत में ले लिया.
डीएसपी अहमद का कहना है कि माता पिता द्वारा तय किए गए विवाह में दोनों पक्षों के परिजन मौजूद होते हैं. लेकिन मौक़े पर लड़के पक्ष की तरफ़ से एक भी व्यक्ति मौजूद नहीं था. अहमद ने यह भी दावा किया है कि अभिनय ने इस बात को ख़ुद स्वीकार किया है कि उसका अपहरण कर ज़बरन विवाह हो रहा था.
दुल्हन पक्ष के प्रमोद कुमार ने ज़बरन शादी के बाद से इनकार किया है. उनका कहना है कि यह विवाह पहले से ही तय था और शुक्रवार को सगाई भी होनी थी. लेकिन दहेज़ विवाद के कारण जल्दबाज़ी में शादी हो रही थी.
आरोपी जूली कुमारी ने बीबीसी से बातचीत के दौरान इस बात को माना कि शादी के वक़्त अभिनय कुमार के घर वाले मौक़े पर मौज़ूद नहीं थे. हालांकि जूली ने अपहरण कर शादी की बात से इनकार करते हुए कहा कि लड़का ख़ुद अपनी मर्ज़ी से शादी के मंडप तक आया था और शादी के बाद इसकी सूचना अपने घर वालों के देने वाला था.
जूली ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि 25 तारीख़ को पुलिस ने उनका पक्ष सुने बिना ही बड़ी बेरहमी से पिटाई की है. उन्होंने यह भी कहा है कि पुलिस शादी के आधे घंटे बाद मौक़े पर पहुंची थी और उनके साथ एक भी महिला पुलिसकर्मी नहीं थी.
दैनिक भास्कर के अनुसार, अब दूल्हा अभिनय कुमार का कहना है कि वो अपनी पत्नी जूली कुमारी को सम्मान पूर्वक अदालत से बरी करा कर अपने घर लाएगा.
उसने यह भी कहा है कि डीएसपी पूर्वी मुत्तफ़िक़ अहमद जब जांच करने पहुंचे तो उनके साथ बहुत सारे सुरक्षा बल थे, जिसे देख वो डर कर भाग गया. उसने यह भी कहा कि पुलिस विवाह मंडप में लाठी बरसा रही थी.
स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया में इस घटना पर विवाद के चलते जोनल आईजी के हस्तक्षेप के बाद एसएसपी विवेक कुमार ने रविवार को गायघाट थाने के थानेदार को निलबिंत कर अन्य पुलिसकर्मियों को लाइन हाज़िर कर दिया है. मारपीट में घायल दुल्हन व उसकी बहन का इलाज सदर अस्पताल में पुलिस अभिरक्षा में चल रहा है.
डीएसपी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में गायघाट थानाध्यक्ष की मौजूदगी में दुल्हन जूली व उसकी बड़ी बहन रेखा की पुलिस द्वारा बेरहमी से पिटाई करने की बात कही गई थी.
ग़ौरतलब है कि बिहार में इस तरह के विवाह को ‘पकड़वा विवाह’ के नाम से जाना जाता है. इस विवाह में लड़की पक्ष वाले लड़के का अपहरण कर ज़बरन लड़की से शादी करवा देते हैं. बिहार राज्य में इस तरह के विवाह के हज़ारों मामले दर्ज हैं.
बीबीसी की ख़बर के अनुसार बिहार पुलिस के आंकड़े कहते हैं 2016 में ‘पकड़वा विवाह’ के राज्य भर में 3000 मामले सामने आए थे. जबकि इसी साल के मार्च तक 830 मामले दर्ज़ किए जा चुके हैं.