यूपी विधानसभा उपचुनाव: सपा ने भाजपा-बसपा से छीनी एक-एक सीट, रामपुर पर क़ब्ज़ा बरक़रार

उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सत्ताधारी भाजपा ने सात और उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने एक सीट जीती. कांग्रेस और बसपा किसी भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी.

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(फाइल फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सत्ताधारी भाजपा ने सात और उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने एक सीट जीती. कांग्रेस और बसपा किसी भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी.

(फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में सबसे बड़ा लाभ सपा को हुआ, जिसने एक-एक सीट भाजपा और बसपा से छीनी जबकि रामपुर सीट पर कब्जा बरकरार रखा. कुल 11 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे गुरुवार शाम तक आ गए.

परिणामों के अनुसार, सत्ताधारी भाजपा ने सात और उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने एक सीट जीती. सपा ने जैदपुर (बाराबंकी) सीट भाजपा से छीनी तो जलालपुर (आंबेडकरनगर) सीट बसपा से छीनकर अपने खाते में डाली, वहीं रामपुर सीट पर पार्टी का कब्जा बरकरार रहा.

भाजपा ने बलहा (बहराइच), गंगोह (सहारनपुर), मानिकपुर (चित्रकूट), घोसी (मऊ), इगलास (हाथरस), लखनऊ कैंट और गोविंदनगर (कानपुर) सीटों पर जीत हासिल की जबकि अपना दल (सोनेलाल) ने प्रतापगढ़ सीट जीती.

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि उपचुनाव में ‘मोदी फैक्टर’ का अभाव रहा, जिसने भाजपा की संभावनाओं पर असर डाला. हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जमकर प्रचार किया और भाजपा सभी 11 सीटों पर जीत का दावा कर रही थी.

उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में सपा प्रत्याशियों की विजय पर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह लोकतंत्र बचाने के लिए मिला जनादेश है. यह भाजपा की गलत एवं जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता की नाराजगी है.

रामपुर सीट पर सपा सांसद आजम खां की पत्नी और सपा प्रत्याशी तंजीन फातिमा ने भाजपा के भारत भूषण को 7700 से अधिक वोट से हरा दिया. इगलास सीट पर भाजपा के राजकुमार सहयोगी ने बसपा के अभय कुमार को लगभग 26 हजार मतों से पराजित किया.

गोविंदनगर सीट पर भाजपा के सुरेन्द्र मैथानी ने कांग्रेस की करिश्मा ठाकुर को 21 हजार से अधिक मतों से हराया.

सबसे पहला परिणाम जैदपुर का आया. इस सीट पर सपा के गौरव कुमार ने भाजपा के अंबरीश को 4165 मतों से हराया. यह सीट सपा ने भाजपा से छीनी है.

बलहा (सुरक्षित) सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार है. यहां भाजपा की सरोज सोनकर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की किरण भारती को 46 हजार 487 मतों से हराया.

घोसी विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा ने जीत हासिल करते हुए इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा. निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित परिणाम के मुताबिक भाजपा के विजय कुमार राजभर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा समर्थित निर्दल प्रत्याशी सुधाकर सिंह को 1773 मतों से हराया.

जलालपुर विधानसभा सीट सपा ने बसपा से छीन ली है. सपा प्रत्याशी सुभाष राय ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा की छाया वर्मा को 790 मतों के नजदीकी अंतर से पराजित करके बसपा से यह सीट छीन ली. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में यह सीट बसपा ने जीती थी.

अपना दल प्रत्याशी राजकुमार पाल प्रतापगढ़ विधानसभा सीट पर चुनाव जीत गए हैं. पाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के बृजेश वर्मा को 29 हजार 714 मतों से हराया. भाजपा की सहयोगी अपना दल ने अपनी यह सीट बरकरार रखी है.

भाजपा ने लखनऊ कैंट सीट बरकरार रखी है. पार्टी प्रत्याशी सुरेश चंद्र तिवारी ने इस सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के मेजर आशीष चतुर्वेदी को पराजित किया.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तिवारी को 56 हजार 684 मत मिले जबकि सपा के चतुर्वेदी को 21 हजार 261 मत हासिल हुए. कांग्रेस के दिलप्रीत सिंह को 19 हजार 445 और बसपा के अरूण द्विवेदी को 10 हजार 709 मत मिले.

लखनऊ कैंट सीट पर 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी चुनाव जीती थीं. रीता के इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद लखनऊ कैंट सीट रिक्त हो गई थी.

उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले सभी प्रत्याशियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी.  योगी ने कहा, ‘इस जीत को सभी चुने गए जन प्रतिनिधि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास ’ के माध्यम से सबका विश्वास में बदलेंगे.’

मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि जीते हुए सभी प्रत्याशी जन आकांक्षाओं को पूरा करने में अपना पूर्ण योगदान देंगे तथा प्रदेश की प्रगति में सक्रिय भूमिका निभाएंगे. जिन 11 सीटों पर सोमवार को उपचुनाव हुए, उनमें से आठ पर भाजपा का और एक पर उसकी सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) का कब्जा था. दो सीटों पर सपा और बसपा का कब्जा था.

गंगोह सीट पर भाजपा ने मारी बाजी, कांग्रेस ने कहा- लोकतंत्र की हत्या हुई 

कांग्रेस सहारनपुर की गंगोह सीट पर पहले बढ़त बनाए हुए थी, लेकिन अंतिम दौर की मतगणना में भाजपा आगे हो गई. गंगोह विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने ज्यादातर राउंड तक पीछे रहने के बाद जोरदार वापसी करते हुए अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी को हरा दिया.

जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि गंगोह उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कीरत सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार नोमान मसूद को 5362 मतों से हरा दिया है. भाजपा प्रत्याशी को 68 हजार 237 मत जबकि मसूद को 62 हजार 875 वोट मिले.

सपा के चौधरी इंद्रसेन को 57 हजार 352 तथा बसपा के चौधरी इरशाद को 32 हजार 269 मत हासिल हुए. कांग्रेस ने लगातार बढ़त बनाए रहे अपने प्रत्याशी के ऐन मौके पर हारने का विरोध किया है.

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव आयोग से मामले की निष्पक्षता से जांच कराने की मांग की है.

प्रियंका ने कहा कि भाजपा इतने अहंकार में है कि गंगोह से हमारे जीतते हुए प्रत्याशी को मतगणना स्थल से निकालकर उसके मंत्री ने जनता का निर्णय बदलवा दिया. जिलाधिकारी को पांच-पांच बार फोन करके गड़बड़ी कराई गई. यह लोकतंत्र का सरासर अपमान है.

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस इसके खिलाफ सख्ती से लड़ेगी. निर्वाचन आयोग से मांग है कि वह इस मामले की निष्पक्षता से जांच कराए.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार ‘लल्लू’ ने भी सहारनपुर जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा ने जिला इंतजामिया की मदद से धांधली कर कांग्रेस प्रत्याशी को हरवाया है. यह लोकतंत्र की हत्या है. भाजपा छल और बल के बूते चुनाव जीतने के लिये हर हद पार कर रही है.

उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने गंगोह में मतगणना स्थल पर आंदोलन शुरू कर दिया है और इसे प्रदेशव्यापी बनाया जाएगा.

इस बीच, कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से इस मामले की शिकायत की है.

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचकर की गई शिकायत में आरोप लगाया कि प्रशासन ने मतगणना के अंतिम दौर में कांग्रेस के सभी मतगणना एजेंटों और मीडिया को काउंटिंग स्थल से बाहर निकाल दिया और कांग्रेस प्रत्याशी की बढ़त को दरकिनार कर भाजपा उम्मीदवार की बढ़त दिखा दी गई.

 

मई के लोकसभा चुनावों में विधायकों के जीतने के बाद अधिकांश सीटों पर उपचुनाव कराने पडे़. घोसी विधायक फागू चौहान को बिहार का राज्यपाल बनाए जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी.

विधानसभा की 403 सीटों में से भाजपा के पास अभी 302, उसकी सहयोगी अपना दल :एस: के पास आठ, सपा के पास 47, बसपा 18 और कांग्रेस के पास सात विधायक हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)