प्रोफेसर एसएआर गिलानी दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज में अरबी भाषा पढ़ाते थे. उन्हें साल 2001 में संसद पर हमले की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था.
नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी का गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया, उनके परिवार ने यह जानकारी दी.
गिलानी को 2000 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले के मामले में गिरफ्तार किया गया था और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था.
Former Delhi University lecturer who was also charged and later acquitted in 2001 Parliament attack, SAR Geelani, died earlier this evening in Delhi, following a cardiac arrest. (file pic) pic.twitter.com/4lTwC5XnnZ
— ANI (@ANI) October 24, 2019
गिलानी के परिवार के एक सदस्य ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा, ‘गुरुवार शाम को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.’
गिलानी दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज में अरबी भाषा पढ़ाते थे. उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2016 में प्रोफेसर गिलानी पर यह आरोप भी लगा था कि उन्होंने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में एक कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसके बाद उन पर राजद्रोह का मामला भी दर्ज हुआ था.
गिलानी को संसद पर हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया था लेकिन अक्टूबर 2003 में दिल्ली हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था और बाद में अगस्त 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी फैसले को बरकरार रखा था.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को भी बरकरार रखा था, जिसमें प्रोफेसर गिलानी की संदिग्ध भूमि की बात कही गई थी.
उस समय गिलानी के वकील राम जेठमलानी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के दुर्भाग्यपूर्ण आकलन से उनके (प्रोफेसर) करियर और सामाजिक जीवन दोनों गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी.
एबीवीपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, ‘प्रोफेसर गिलानी पुलिस सुरक्षा घेरे में थे. ऐसे में उनकी मौत को लेकर बाद में कोई विवाद खड़ा न हो, इसीलिए दिल्ली पुलिस गिलानी के शव का पोस्टमॉर्टम कराना चाहती है. प्रोफेसर गिलानी की मौत की कानूनन सही वजह और वक्त का पता सिर्फ और सिर्फ पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही पता चल सकेगा. लिहाजा शुक्रवार को दोपहर के वक्त प्रोफेसर गिलानी के शव का पोस्टमॉर्टम दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कराया जाएगा.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)