सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण ने दिल्ली-एनसीआर में हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा करते हुए पांच नवंबर तक सभी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया. राजधानी दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 459 था. ग़ाज़ियाबाद में एक्यूआई 493 रहा, ग्रेटर नोएडा में 480, नोएडा में 477 और फरीदाबाद में 432 रहा.
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा करते हुए पांच नवंबर तक सभी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया. इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने पांच नवंबर तक सभी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है.
ईपीसीए ने प्रदूषण के ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने की वजह से पूरी ठंड के दौरान आतिशबाजी करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया.
ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि गुरुवार रात दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो गई और वह अब बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है.
उन्होंने पत्र में कहा, ‘हम इसे हेल्थ इमरजेंसी की तरह ले रहे हैं, क्योंकि वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव होगा, विशेष रूप से बच्चों के स्वास्थ्य पर.’
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में फरीदाबाद, गुड़गांव, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पांच नवंबर तक निर्माण कार्य, हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर (पत्थर तोड़ने की मशीनें) बंद रहेंगे.
दिवाली के बाद से देश की राजधानी दिल्ली में छाई जहरीली धुंध शुक्रवार सुबह और गहरी हो गई.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सुबह 8:30 बजे राजधानी दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 459 था, जो गुरुवार रात 8:00 बजे 410 दर्ज किया गया था.
दिल्ली में स्थित सभी 37 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों ने शुक्रवार सुबह दिल्ली का एक्यूआई बेहद गंभीर श्रेणी में दर्ज किया.
बवाना सर्वाधिक प्रदूषित इलाका रहा, जहां एक्यूआई 497 दर्ज किया गया. इसके बाद 487 एक्यूआई के साथ दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी दूसरे नंबर पर रहा.
वजीरपुर में एक्यूआई 485, आनंद विहार में 484 और विवेक विहार में 482 दर्ज किया गया.
देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहर में से एक गाजियाबाद में पीएम 2.5 का स्तर 493 रहा. ग्रेटर नोएडा (480), नोएडा (477) और फरीदाबाद (432) में भी हवा में प्रदूषण का स्तर काफी अधिक रहा.
मालूम हो कि एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर एवं आपात’ माना जाता है.
This is so disturbing… https://t.co/Z31IDqvqcF
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 1, 2019
ईपीसीए ने इससे पहले दो नवंबर तक शाम छह से सुबह 10 बजे के बीच में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी थी लेकिन अब दिन में भी कोई निर्माण कार्य नहीं होगा.
ईपीसीए ने फरीदाबाद, गुड़गांव, गाजियाबाद, नोएडा, बहादुरगढ़, भिवंडी, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत, पानीपत में सभी कोयला और तेल आधारित उद्योगों को पांच नवंबर की सुबह तक काम बंद रखने का निर्देश दिया है.
दिल्ली में जो उद्योग प्राकृतिक गैस के लिए पाइप का इस्तेमाल नहीं कर रहे है, वे भी इस दौरान बंद रहेंगे.
भूरे लाल ने कहा, ‘पूरी ठंड के दौरान पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध होगा. हमें पता है कि त्योहार आते हैं और दिवाली की बात करें तो सभी प्रयासों के बावजूद बहुत ज्यादा पटाखे फोड़े गए. हवा में विषाक्त पदार्थ के होने के कारण यह कदम उठाने की जरूरत है.’
उन्होंने यह भी कहा कि यह जरूरी है कि कार्यान्वयन एजेंसियां प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाएं, क्योंकि इससे पहले से प्रदूषित हवा और ज्यादा खराब होगी.
भूरे लाल ने कहा, ‘इसके लिए प्लास्टिक और कचरा जलाने से लेकर धूल प्रदूषण तक स्थानीय प्रदूषण के सभी मामलों के खिलाफ कड़ी सतर्कता बरते जाने और दंडात्मक कार्रवाई करने की आवश्यकता है. मैं यह कहने के लिए विवश हूं कि हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, स्थानीय प्रदूषण के कई उदाहरण हैं और इसीलिए सतर्क रहने तथा कड़े कदम उठाने की जरूरत है.’
केजरीवाल ने स्कूली बच्चों से कहा- वायु प्रदूषण के लिए ‘कैप्टन अंकल, खट्टर अंकल’ को लिखें पत्र
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पांच नवंबर तक दिल्ली के सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ‘दिल्ली में पराली के बढ़ते धुएं के चलते प्रदूषण का स्तर बहुत ज़्यादा बढ़ गया है. इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि दिल्ली के सभी स्कूल पांच नवंबर तक बंद रहेंगे.’
दिल्ली में पराली के बढ़ते धुएँ के चलते प्रदूषण का स्तर बहुत ज़्यादा बढ़ गया है. इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि दिल्ली के सभी स्कूल 5 नवम्बर तक बंद रहेंगे
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 1, 2019
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, मेरी ईपीसीए प्रमुख भूरे लाल से बातचीत हुई है. मैंने उनसे मार्गदर्शन मांगा और प्रदूषण से निपटने में हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया है. मैंने उन्हें ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) और अन्य उपायों को लागू करने में सभी सहयोग का आश्वासन दिया.
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को स्कूली बच्चों से कहा कि पंजाब और हरियाणा में जल रही पराली के कारण यहां वायु प्रदूषण फैल रहा है और इसके लिए वे दोनों राज्य के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख कर इसे नियंत्रित करने की अपील करें.
केजरीवाल ने प्रदूषण से स्कूली बच्चों को बचाने की सरकार की पहल के तहत विद्यार्थियों को मास्क बांटे और उन्हें पराली जलाए जाने के बारे में भी बताया. दिल्ली सरकार ने निजी और सरकारी स्कूलों के बच्चों को बांटने के लिए 50 लाख ‘एन-95’ मास्क खरीदे हैं.
उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में जल रही पराली के कारण दिल्ली में प्रदूषण हो रहा है. केजरीवाल ने बच्चों से कहा, ‘कृपया कैप्टन अंकल और खट्टर अंकल को पत्र लिखें और कहें कि हमारी सेहत का ध्यान रखे.’
उन्होंने खुद भी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से बच्चों की सेहत के बारे में सोचने और पराली जलाने से रोकने के लिए कदम उठाने की अपील भी की.
मुख्यमंत्री ने बच्चों से राष्ट्रीय राजधानी में कूड़ा जलाने से रोकने में मदद करने की अपील भी की.
उन्होंने कहा, ‘हमें दिल्ली में कूड़ा जलने से रोकना होगा. अगर आप किसी को ऐसा करते देखें तो उनसे ऐसा न करने की अपील करें. अगर वे न मानें तो फिर उनकी शिकायत करने के लिए एक वॉट्सऐप नंबर है.’
खट्टर और कैप्टन सरकारें अपने किसानों को पराली जलाने पर मजबूर कर रहीं हैं जिसकी वजह से दिल्ली में भारी प्रदूषण है
कल पंजाब और हरियाणा भवन पर लोगों ने प्रदर्शन कर वहां की सरकारों के प्रति अपना रोष प्रकट किया। https://t.co/p4MfgVND4C
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 1, 2019
इसके बाद मुख्यमंत्री ने पंजाब और हरियाणा सरकार पर पराली जलाने को लेकर निशाना साधते ट्वीट कर कहा, ‘खट्टर और कैप्टन सरकारें अपने किसानों को पराली जलाने पर मजबूर कर रही हैं जिसकी वजह से दिल्ली में भारी प्रदूषण है. कल पंजाब और हरियाणा भवन पर लोगों ने प्रदर्शन कर वहां की सरकारों के प्रति अपना रोष प्रकट किया था.’
गौरतलब है कि आप के वरिष्ठ नेता गोपाल राय के नेतृत्व में पार्टी के सदस्यों ने गुरुवार को पंजाब और हरियाणा भवन के बाहर दोनों राज्यों की सरकार पर पराली जलाने के खिलाफ कदम नहीं उठाने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)