राजनाथ सिंह का दावा: अग्निपथ योजना 158 संगठनों के सुझावों से लागू हुई; सेना अनजान

1 जुलाई 2024 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में दावा किया था कि अग्निवीर योजना को 158 संगठनों से चर्चा के बाद लागू किया गया था. लेकिन रक्षा मंत्रालय ने आरटीआई आवेदन के जवाब में एक भी संगठन का नाम नहीं बताया, और कहा कि यह प्रश्न 'अस्पष्ट और काल्पनिक' है. 

खनन में लिप्त हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस नेता का पुलिस अधिकारी से विवाद क्यों हुआ?

बद्दी की एसपी इल्मा अफरोज़ की छवि एक ईमानदार और कर्मठ अधिकारी की रही है. गत अगस्त में उन्होंने कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी की पत्नी की उन गाड़ियों का चालान काटा था, जो कथित तौर पर अवैध खनन में शामिल थीं.

झारखंड चुनाव: चतरा में नक्सली नहीं रहे, लेकिन गरीबी बरक़रार

चतरा विधानसभा क्षेत्र से कई उम्मीदवार मैदान में है. लेकिन मुख्य मुकाबला 'इंडिया' गठबंधन की रश्मि प्रकाश और एनडीए के जनार्दन पासवान के बीच माना जा रहा है. हालांकि, चतरा के अनिल कहते हैं कि ‘दोनों उम्मीदवार ख़राब हैं.’

भाजपा सांसद को ‘भू-माफिया’ लिखने वाले अख़बार के संपादक इमरान ख़ान को हुई जेल

कांग्रेस नेता डॉली शर्मा ने भाजपा नेता अतुल गर्ग पर आरोप लगाए थे, जिसे आधार बनाकर ग़ाज़ियाबाद के पत्रकार इमरान ख़ान ने अपने अख़बार में ख़बर प्रकाशित की. यूपी पुलिस ने इसे मानहानि के लिए पर्याप्त मानते हुए इमरान को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया.

अग्निवीर भर्ती ‘घोटाला’? हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सेना ने नहीं बताए अभ्यर्थियों के अंक

सितंबर-नवंबर 2022 में हुई अग्निवीर भर्ती के दौरान चयनित अभ्यर्थी के अंक असफल रहे अभ्यर्थियों से कम थे. लेकिन मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के चार महीने बाद भी सेना ने याचिकाकर्ताओं के समक्ष सभी अभ्यर्थियों के अंक सार्वजनिक नहीं किए हैं.

आरटीआई के 19 साल: गत पांच साल में लंबित शिकायतों/अपीलों की संख्या क़रीब दो लाख बढ़ी

12 अक्टूबर, 2024 को देश में आरटीआई अधिनियम लागू होने के 18 वर्ष पूरे हुए हैं. सतर्क नागरिक संगठन की रिपोर्ट बताती है कि देश के सूचना आयोगों में चार लाख से अधिक शिकायतें लंबित हैं. सूचना आयुक्तों के पद रिक्त पड़े हैं और कई आयोग निष्क्रिय हो चुके हैं.

कश्मीर में बुरी तरह विफल रहा ‘तीसरा मोर्चा’, ‘प्रॉक्सी’ दलों को जनता ने नकारा

जम्मू-कश्मीर चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में निर्दलीय प्रत्याशियों के चलते तीसरे मोर्चे के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन परिणाम उलटे रहे और भाजपा के 'प्रॉक्सी' बताए जा रहे इनमें से कई उम्मीदवारों के लिए ज़मानत बचाना भी मुश्किल हो गया.

हरियाणा विधानसभा चुनाव: कहां चूक गई कांग्रेस

लोकसभा चुनाव 2024 में मिली बढ़त (दस में पांच सीट) से कांग्रेस आत्मविश्वास से भरी हुई थी. उसके पास किसान आंदोलन, पहलवानों का अपमान और अग्निपथ योजना जैसे मुद्दे भी थे, मत प्रतिशत भी बढ़ा, लेकिन वह इसे जीत में तब्दील नहीं कर पाई.

दो पड़ोसी देशों में सत्ता बदलने के बाद अडानी के कारोबार पर क्या असर पड़ेगा?

भारतीय राजनीति में नरेंद्र मोदी का प्रभाव बढ़ने के साथ ही उद्योगपति गौतम अडानी के व्यापार का विस्तार पड़ोसी देशों- बांग्लादेश और श्रीलंका में देखने को मिला. हालांकि अब दोनों देशों में सत्ता परिवर्तन के बाद अडानी समूह के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.

हिंदी दिवस परिचर्चा: डिजिटल बनाम प्रिंट

'जब भी कोई नया माध्यम आता है तो यही आशंका जताई जाती है कि पुराने माध्यम चलन से बाहर हो जाएंगे. लेकिन टीवी और कंप्यूटर जैसे जितने भी नए माध्यम आए, वे किताब के ही अलग-अलग रूप बने, न कि प्रतिद्वंद्वी. प्रिंट हमेशा अपनी जगह रहेगा. साहित्य की जगह हमेशा बनी रहेगी.'

हिंदी दिवस परिचर्चा: हिंदी पत्रिका का अवसान?

हिंदी पत्रिकाएं समसामयिक सवालों से बचती रहीं और आधुनिकतावाद का डट कर सामना करने की बजाय सांप्रदायिक पहचान के निकट आती गईं. ‘क्या उपन्यास/ कहानी/ नई कहानी/नाटक मर गया?’ जैसे सवालों पर बहसियाने या छायावाद पर मुहल्ला-छाप लड़ाई लड़ना उन्हें आसान पड़ता था, उन्होंने वही किया.

राजस्थान: पंद्रह सीमेंट खदानों के एकमात्र बोलीदाता अडानी कैसे बने, पर्दे के पीछे क्या हुआ?

वित्त वर्ष 2023-24 में राजस्थान में चूना पत्थर के कुल 21 ब्लॉक की नीलामी हुई थी. इनमें से 20 अंबुजा सीमेंट ने हासिल की थीं, और कम-अस-कम 15 खदानों की नीलामी में अंबुजा सीमेंट बोली लगाने वाली इकलौती कंपनी थी. इनमें से 13 राजस्थान सरकार ने रद्द कर दी हैं.

उत्तराखंड: रुद्रप्रयाग के गांवों में ग़ैर-हिन्दू का प्रवेश रोक रहे अभियान को विहिप का समर्थन

कहा जा रहा है कि रुद्रप्रयाग ज़िले के गांवों में ग्राम सभा ने ऐसे बोर्ड लगाए हैं. हालांकि, ग्राम प्रधान के अनुसार इन्हें ग्रामीणों ने लगाया है. विश्व हिंदू परिषद ने इस मसले को अपना समर्थन देकर माहौल उग्र कर दिया है.

अडानी समूह को झटका: ‘जनहित और राजस्व हानि’ के चलते राजस्थान ने रद्द कीं 13 चूना पत्थर खदान

नागौर ज़िले में स्थित ये खदानें करीब छह महीने पहले अडानी समूह की कंपनी अंबुजा सीमेंट को आवंटित हुई थीं. लेकिन सरकार ने पाया कि नागौर में नीलाम हुए अन्य ब्लॉक की तुलना में इन खदानों में बहुत कम बोली हासिल हुई थी.

जेएनयू की संपत्ति बेचने की तैयारी में वीसी, कहा- गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रहा है विश्वविद्यालय

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी ने कहा है कि विश्वविद्यालय वर्तमान में गंभीर वित्तीय दवाब में है. हम अपनी संपत्तियों को नए उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करने पर विचार कर रहे हैं. 35 फिरोजशाह रोड की संपत्ति का हम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से पुनर्विकास करना चाहते हैं. गोमती गेस्ट हाउस को हम निजी संस्था को किराए पर देने का विचार कर रहे हैं.