मुस्लिमों को अपनी हत्या होने देने से इनकार करना होगा

मुस्लिमों को यह कहना होगा कि वे यहां हैं और यहीं रहेंगे. उन्हें यह कहना होगा कि किसी को भी उन्हें इस देश को छोड़ कर जाने के लिए कहने का हक़ नहीं है. उन्हें यह कहना होगा कि वे यहां अपने मुस्लिमपन के साथ वैसे ही रहेंगे जैसे हिंदू अपने हिंदूपन के साथ रहते हैं.

दीवार पर पहले ही लिखी जा चुकी थी यह इबारत

मोदी के हर क़दम ने हमें अचंभित किया है. यहां तक कि जब वे ज़हर उगलते रहे, तब भी हमारी प्रतिक्रिया ऐसी ही रही. योगी की ताजपोशी उनकी नयी पेशकश है. जो किया जा चुका है उसमें ख़ूबी तलाशना ही अब हमारा कर्तव्य रह गया है.

‘यह सड़क भी एक किस्म की क्लास है, भले ही सिलेबस के बाहर हो’

हिंसा में दो पक्ष ज़रूर होते हैं, लेकिन बराबर नहीं. हिटलर की जर्मनी में भी दो पक्ष थे और गुजरात में भी दो पक्ष थे. जेएनयू में भी दो पक्ष थे और रामजस कॉलेज में भी दो पक्ष हैं. उनमें से एक हमलावर है, और दूसरा जिस पर हमला हुआ, यह कहने में हमारी संतुलनवादी ज़बान लड़खड़ा जाती है.

‘मोदी जानते हैं कि हिंदुओं के एक तबके में ये धारणा है कि उनके साथ सदियों से भेदभाव हो रहा है’

मैं ये बचपन से सुनता आ रहा हूं कि मस्जिदों में असलहे रखे जाते हैं. हिंदुओं की एक बड़ी आबादी इसे सच मानती है. आप उसको कुरेद सकते हैं, हिंसक बना सकते हैं.

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