क्या गठबंधन की सरकार में नरेंद्र मोदी संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को याद रखेंगे?

पिछले दस वर्ष ऐसी अमानवीयता और क्रूरता के साक्षी रहे हैं, जिसे एक व्यक्ति द्वारा अंजाम दिया गया. नरेंद्र मोदी ने एक ऐसा देश बना दिया जहां मात्र एक ट्वीट से जेल हो सकती है, किसी कॉमेडियन को 'धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए' पीटा और जेल में डाला जा सकता है. ऐसा देश जहां लिंचिंग आम बात हो गई.

एक असंवेदनशील सरकार और उसके अनैतिक समर्थक

हमारे समाज का पतन हो गया है. उन्मादपूर्ण भीड़ द्वारा निर्दोष व्यक्ति की हत्या, घर वापसी, एंटी-रोमियो दल, निरंकुश गौरक्षा दल और देश के प्रधानमंत्री और उनके अनुयायियों द्वारा मुसलमानों के लिए घृणा फैलाने के लिए बयानबाज़ी, ये सब समाज की दिनचर्या का हिस्सा बन चुके हैं.

2024 आम चुनाव: लोकतंत्र बचाने का संघर्ष

आज जब लोकतंत्र का अस्तित्व संकट में है, तब भी छोटे राजनीतिक कद लेकिन विराट अहंकारी विपक्षी नेता आपसी सहमति और एकजुटता से चुनाव लड़ने को इच्छुक नहीं हैं.