आरएसएस आज चाहे जो भी कहे, सच यही है कि संघ देश की आज़ादी की लड़ाई का हिस्सा नहीं था

स्वतंत्रता संग्राम के समय मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा दोनों ही कांग्रेस को अपने मुख्य दुश्मन के तौर पर देखते थे और अंग्रेज़ों के साथ दोस्ती करने के लिए तैयार थे- वे साथ ही साथ राष्ट्रवादी होने का दावा भी करते थे. हालांकि, एक मुस्लिम राष्ट्रवाद को आगे बढ़ा रहा था और दूसरा हिंदू राष्ट्रवाद को.