वीडियो: 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष बने ओम बिड़ला पर पक्षपात के आरोप लगते रहे हैं. इस बार क्या उनके बर्ताव में कोई बदलाव होगा. क्या ब्रॉडकास्ट बिल की तरह प्रेस को नियंत्रित करने वाले विधेयक पारित होते रहेंगे? द वायर की नेशनल अफेयर्स एडिटर संगीता बरुआ और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष गौतम लाहिरी के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
वीडियो: नीट-यूजी 2024 पर पेपर लीक और प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं, वहीं यूजीसी-नेट (जून 2024) को इम्तिहान के अगले ही दिन रद्द कर दिया गया. परीक्षा करवाने वाले एनटीए और देश में शिक्षा व छात्रों की स्थिति को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी के शिक्षक डॉ. विजेंद्र सिंह चौहान और छात्रों के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
वीडियो: केंद्र में तीसरी बार नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के सहयोगी दलों के साथ समीकरण और जम्मू कश्मीर में बढ़े आतंकी हमलों को लेकर द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
एडीआर और कॉमन कॉज़ की चुनाव आयोग को मतदाताओं की संख्या से संबंधित फॉर्म 17 सी का रिकॉर्ड सार्वजनिक करने का निर्देश देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के इनकार और आयोग के आचरण को लेकर उठते संदेह पर सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज और द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा और अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद पहली बार सूबे में हो रहे मतदान और दिल्ली लोकसभा चुनाव में 'इंडिया' गठबंधन की स्थिति पर कश्मीर के पत्रकार आकाश हसन और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषणों में कांग्रेस के मुस्लिमों को 'अलग कोटा' देने के भ्रामक दावों, बसपा के भाजपा को फायदा पहुंचाने वाले चुनवी फैसलों और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठ रहे सवालों पर द वायर की संपादक सीमा चिश्ती और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सारिम नावेद के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
'बात भारत की' की पहली कड़ी में मणिपुर में शुरू हुई हिंसा के सालभर पूरे होने, पीएम मोदी के भाषणों में बढ़ते बेबुनियाद दावों और निर्वाचन आयोग द्वारा ओढ़ी गई चुप्पी पर वरिष्ठ पत्रकारों- निधीश त्यागी और संगीता बरुआ पिशारोती के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
वीडियो: मणिपुर में मई 2023 में एक रैली निकलने के बाद भड़की हिंसा अब तक पूरी तरह से शांत नहीं हुई है. हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं और शिविरों में रह रहे हैं. ऐसे में क्या यहां के आम लोग लोकसभा चुनाव के लिया तैयार भी हैं? इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
वीडियो: डिजिटल अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं- एक्सेस नाउ और ग्लोबल विटनेस ने हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा कि यूट्यूब ने अपने मंच पर ऐसे विज्ञापनों को मंज़ूरी दी, जिनमें गलत सूचनाएं दी गई थीं. इस बारे में एक्सेस नाउ के रमनजीत सिंह चीमा और ग्लोबल विटनेस के हेनरी पेक से बातचीत.
वीडियो: हिमंता बिस्वा शर्मा की अगुवाई वाली असम की भाजपा सरकार पर लगातार सांप्रदायिकता बढ़ाने के आरोप लगते रहे हैं और लोकसभा चुनाव से पहले उनके विभिन्न बयान इसकी तस्दीक करते हैं. उधर, स्थानीय लोग सीएए के नियम अधिसूचित होने के बाद से नाराज़ है और इसके विरोध में सड़कों पर उतरे हैं. वहां चुनाव में कौन-से मुद्दे प्रभावी रहेंगे, इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से बात कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
वीडियो: सिक्किम में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी हैं, जहां सत्तारूढ़ एसकेएम दोबारा जीत की उम्मीद में है लेकिन विपक्षी एसडीएफ से उसे कड़ी टक्कर मिल रही है. वहीं,मेघालय और त्रिपुरा की दो-दो लोकसभा सीटों पर भी रोचक मुक़ाबला देखने को मिल रहा है. तीनों राज्यों की राजनीति पर द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
नगालैंड और मिज़ोरम में लोकसभा की एक-एक सीट है, जिसके लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है. जहां नगालैंड में अलग राज्य की मांग प्रभावी है, वहीं मिज़ोरम में विधानसभा में करिश्मे की तरह उभरी ज़ोराम पीपल्स मूवमेंट आदिवासी समुदाय के मुद्दों की बात कर रही है. इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
वीडियो: आगामी 19 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी होने हैं. हालांकि, सीएम पेमा खांडू समेत भाजपा के दस प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके निर्वाचन क्षेत्र में उनके ख़िलाफ़ कोई नामांकन ही नहीं हुआ है और वे मतदान से पहले ही 'जीते' हुए माने जा रहे हैं. क्या ऐसा होना लोकतंत्र में जनता के उसके प्रतिनिधि चुनने के अधिकार के लिए ख़तरा है? प्रदेश की राजनीति पर द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से
बीते एक अप्रैल को वरिष्ठ मलयालम लेखक सी. राधाकृष्णन ने साहित्य अकादमी के एक समारोह में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए इस्तीफ़ा दे दिया. इसके बाद अकादमी ने मेघवाल की लेखकीय उपस्थिति का बचाव किया है.
साक्षात्कार: मौत के साथ जीवन बिताने वाले वाराणसी के डोम समुदाय के लोगों पर पत्रकार राधिका अयंगर ने ‘फायर ऑन गैंजेस: लाइफ अमंग द डेड इन बनारस’ नाम की किताब लिखी है. उनका कहना है कि वे लोग भी जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं पर मुश्किलें ऐसी हैं कि उनकी ज़िंदगी अगले पहर की रोटी के संघर्ष में ही गुज़र रही है.