द वायर ने कश्मीर के पत्रकार जहांगीर अली को डराने और फोन ज़ब्त करने की कार्रवाई की निंदा की

द वायर के जम्मू-कश्मीर संवाददाता जहांगीर अली का मोबाइल फोन बिना किसी कानूनी आधार के ज़ब्त किया जाना पत्रकारों को डराने की कोशिश है. जम्मू-कश्मीर पुलिस की यह कार्रवाई मीडिया की स्वतंत्रता पर बढ़ते दबाव को दर्शाती है.

केरल: सहयोगी दलों के दबाव के बीच सरकार ने ‘पीएम श्री’ योजना स्थगित की

केरल सरकार ने अपनी सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की आपत्तियों के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत चुनिंदा स्कूलों को उन्नत बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार की पहल पीएम श्री योजना के क्रियान्वयन पर फिलहाल रोक लगा दी है. भाकपा का कहना है कि उसकी आपत्ति उस विचारधारा पर केंद्रित है, जो योजना के क्रियान्वयन का आधार है.

‘उर्दू है जिसका नाम’: द वायर का उर्दू फेस्ट 1 और 2 अगस्त को

द वायर के दस साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत 1 और 2 अगस्त को होने वाले आयोजन में उर्दू के इतिहास, अनुवाद से लेकर ग़ाज़ा में इज़रायली हिंसा और मीम संस्कृति तक, कई मुद्दों पर चर्चा होगी, साथ ही क़िस्सागोई, और मुशायरे का सत्र भी होगा.

बंद हो गया भारत का सबसे महंगा साहित्यिक पुरस्कार ‘जेसीबी प्राइज़ फॉर लिटरेचर’

देश का सबसे महंगा साहित्यिक पुरस्कार ‘जेसीबी प्राइज़ फॉर लिटरेचर’ अब बंद कर दिया गया है. यह पुरस्कार न सिर्फ 25 लाख की राशि देता था, बल्कि भारतीय भाषाओं के अनुवादों को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाला मंच था. लेखकों और अनुवादकों ने इस फैसले को साहित्यिक क्षति बताया है.

सरकार द्वारा द वायर की वेबसाइट को ब्लॉक और फिर अनब्लॉक किए जाने पर संस्थान का बयान

द वायर भारत और दुनिया भर के अपने पाठकों को सटीक, स्पष्ट और ज़रूरी खबरें, जानकारी और विश्लेषण देने की अपनी भूमिका निभाता रहेगा.

अमेरिकी पत्रकार के प्रश्न पर पीएम मोदी ने अडानी मुद्दे को ‘व्यक्तिगत मामला’ कहा, विपक्ष हमलावर

अमेरिका के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक अमेरिकी पत्रकार ने अडानी समूह पर लगे घूसखोरी के आरोप के बारे में सवाल किया था, जिसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे व्यक्तिगत मामलों के लिए दो देशों के मुखिया न मिलते हैं, न बैठते हैं, न बात करते हैं.

मणिपुर: केंद्र ने कुकी-ज़ो काउंसिल से कहा-‘ राज्य में राजनीतिक समाधान से पहले शांति ज़रूरी’

बैठक में गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कुकी- जो काउंसिल, जो विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों वाला एक नया निकाय है, को साफ संदेश दिया है कि किसी भी राजनीतिक बातचीत और समाधान की शुरुआत से पहले राज्य में हिंसा का पूरी तरह से अंत होना ज़रूरी है.

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा- रेलवे कर्मचारियों की कमी, वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा

वित्त मंत्रालय को लिखे एक पत्र में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश कुमार ने रेलवे के बुनियादी ढांचे में वृद्धि, नई लाइनों और ट्रेनों की बढ़ती संख्या का ज़िक्र करते हुए ट्रेनों के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल अतिरिक्त कर्मचारियों की मांग की है.

अपने धर्म के स्वतंत्र पालन करने का अधिकार दूसरों को धर्मांतरित करने का हक़ नहीं देता: हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान द्वारा दिया गया अधिकार यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी धार्मिक मान्यताओं को चुनने, पालन करने की स्वतंत्रता है. हालांकि, इस अधिकार को दूसरों को अपने धर्म में परिवर्तित करने के हक़ के रूप में नहीं देखा जा सकता.

ओडिशा विधानसभा: भाजपा ने नवीन पटनायक के गढ़ पर कब्ज़ा किया

ओडिशा विधानसभा में भाजपा ने 147 में से 78 सीटें जीत कर बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है, वहीं सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजेडी) 51 सीटे मिली हैं. जबाकि कांग्रेस ने 14 सीटे हासिल की हैं. नतीज़ों से साफ है कि ये पहला मौका होगा, जब ओडिशा में भाजपा सरकार बनाने में कामयाब हो पाएगी.

दिल्ली: आतंकी हमले की साज़िश में गिरफ़्तार दो लोगों को बरी करने के लिए पुलिस ने कोर्ट में आवेदन दिया

दिल्ली पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के कथित पूर्व साउथ इंडिया कमांडर टी. नज़ीर और संदिग्ध आईएसआईएस आतंकवादी सी. ख्वाज़ा मोइनुद्दीन को आतंकवाद के एक मामले में बरी करने के लिए एक अदालत में आवेदन दायर किया है. पुलिस ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि दोनों के अपराध को साबित करने वाला कोई सबूत ही नहीं मिल पाया है.

मालदीव: राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू के गठबंधन को संसदीय चुनावों में तीन-चौथाई बहुमत मिला

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू की जीत पर भारत की भी नजर होगी, जिसे मालदीव में विमानों का संचालन कर रहे अपने सैनिक वापस बुलाने की नई सरकार की मांग को स्वीकार करना पड़ा है.

राजनयिक कम करने के बाद कनाडा ने भारतीय मिशनों में लगे स्थानीय कर्मचारियों की कटौती की

भारत में कनाडा के उच्चायोग ने कहा कि देश में सुचारु संचालन के लिए उपलब्ध कनाडाई कर्मचारियों की कमी को देखते हुए यह कठिन लेकिन ज़रूरी निर्णय था. बयान के मुताबिक, स्थानीय कर्मचारियों की संख्या भारत में बचे लगभग 20 राजनयिकों से अधिक है.