विवादित कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग को लेकर हज़ारों किसान क़रीब तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं के साथ अन्य जगहों पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 11,046,914 हो गई है और अब तक 156,705 लोगों की मौत हो चुकी है. विश्व में संक्रमण के 11.26 करोड़ से ज़्यादा मामले हो गए हैं, जबकि 24.98 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई है.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दंगे को लेकर कुल 755 केस दर्ज किए गए थे, जिसमें से 400 मामलों का निपटारा किया जा चुका है. अब तक 1753 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, जिसमें 933 मुस्लिम और 820 हिंदू हैं.
गुजरात स्थित दुनिया के सबसे बड़े और अत्याधिक मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम का नाम सरदार पटेल के बजाय नरेंद्र मोदी स्टेडियम रख दिया गया है. इसमें एक लाख 32 हज़ार दर्शक बैठ सकते हैं. करीब 63 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैले इस स्टेडियम पर 800 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए हैं.
गुजरात के अरवल्ली ज़िले का मामला है. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने बारात में शामिल दलित पुरुषों और महिलाओं के परंपरागत साफा पहनने पर आपत्ति जताई थी. राजपूत समुदाय के नौ लोगों के ख़िलाफ़ दंगा, हमला, आपराधिक धमकी देने और एससी/एसटी एक्ट के तहत के तहत मामला दर्ज किया गया है.
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मध्यस्थों और नेटफ्लिक्स व अमेज़न के प्राइम वीडियो जैसे ओटीटी प्लेटफार्मों को उनके माध्यम से साझा की जाने वाली सामग्री के लिए अधिक जवाबदेह बनाने के लिए आईटी अधिनियम में कुछ हिस्सों में बदलाव करना चाहता है.
विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने सरकार के इस क़दम का स्वागत किया गया है, जबकि भाजपा-राजग ने भगवान अयप्पा के भक्तों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री पिनारई विजयन से माफ़ी की मांग की है और कहा कि सबरीमला प्रदर्शन और सीएए विरोधी प्रदर्शन के मामलों को समान रूप से देखा जाना स्वीकार्य नहीं है.
केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे. इसके बाद सैकड़ों लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.
75 वर्षीय किसान जोरावर सिंह पंजाब में पिछले साल एक अक्टूबर से शुरू हुए रेल रोको अभियान के बाद से ही किसान आंदोलन से जुड़े हुए थे. नवंबर से वह दिल्ली आ गए थे. जोरावर भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के सदस्य थे और प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए लोगों को इकट्ठा करते थे.
वीडियो: बीते साल 23 फरवरी को कपिल मिश्रा ने एक वीडियो ट्वीट किया था, जिसमें वह दिल्ली के मौजपुर ट्रैफिक सिग्नल के पास सीएए के समर्थन में जुड़ी भीड़ को संबोधित करते देखे जा सकते हैं. इसके अगले दिन राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. द वायर के अजय आशीर्वाद और इस्मत आरा की उनसे बातचीत.
बीते 21 फरवरी को विधायकों के लगातार इस्तीफ़ा देने के चलते 33 सदस्यीय पुदुचेरी विधानसभा में सत्ताधारी कांग्रेस-डीएमके गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 11 हो गई थी, जबकि विपक्षी दलों के 14 विधायक थे. इसके बाद विश्वास मत प्रस्ताव पर मतदान से पहले मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने इस्तीफ़ा दे दिया था और केंद्र शासित प्रदेश की कांग्रेस नीत सरकार गिर गई थी.
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पिछले क़रीब तीन महीने से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व सामूहिक निकाय ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की ओर से कहा गया है कि वह पुलिस के इस क़दम का विरोध करता है, क्योंकि किसान अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. मोर्चा ने किसानों से शांतिपूर्वक अपना प्रदर्शन जारी रखने की अपील की.
मामला शाहजहांपुर का है, जहां स्वामी शुकदेवानंद पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज की एक छात्रा लखनऊ-बरेली हाईवे पर नग्न अवस्था में बुरी तरह झुलसी हुई मिली थी. पीड़िता को इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया है. पुलिस के अनुसार छात्रा ने बताया है कि तीन लोगों ने बलात्कार में विफल होने पर केरोसिन डालकर उसे आग लगा दी.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईआईटी-खड़गपुर के पूर्व छात्रों द्वारा अस्पताल का नाम बदलने को लेकर आपत्ति जताने के बाद ऐसा हुआ. आईआईटी-खड़गपुर में स्थित इस मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल का नाम मूल रूप से पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बीसी रॉय के नाम पर था, लेकिन अब इसे जन संघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम दे दिया गया है.
राष्ट्रीय किसान मज़दूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंह ने कहा कि देश में ज़्यादातर किसान लघु या सीमांत हैं. वे दिल्ली जाकर प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकते हैं. ऐसे में वे अपने गांवों में रहकर खेतों और मवेशियों की देखभाल करते हुए प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं.