राज्य की कुल 39 लोकसभा सीटों से द्रमुक ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं कांग्रेस को नौ सीटें मिली हैं. 'इंडिया' गठबंधन की इसकी सहयोगी पार्टी वीसीके, भाकपा, माकपा को दो-दो सीटों पर और आईयूएमएल को एक सीट पर जीत हासिल हुई है.
आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों में से टीडीपी 135 सीटों पर जीत दर्ज की. जनसेना पार्टी 21 और भाजपा आठ सीटें जीती. वहीं, जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी केवल 11 सीटों पर सिमटकर रह गई.
लल्लू सिंह और ज्योति मिर्धा जैसे नेता, जो संविधान बदलने की मांग करते थे, वे अपनी-अपनी सीटों से हार गए हैं.
उत्तर प्रदेश में कई केंद्रीय मंत्री भी अपनी सीट हार गए हैं, इनमें अजय मिश्रा, स्मृति ईरानी, कौशल किशोर, महेंद्र नाथ पांडेय और संजीव बालियान शामिल हैं.
महाराष्ट्र की 49 सीटों में से ‘इंडिया’ गठबंधन को 27 सीटों पर जीत मिली है. वहीं एनडीए गठबंधन को 17 सीटें मिली हैं.
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में भाजपा की सरकार है, लेकिन तीनों ही राज्यों में विपक्षी 'इंडिया गठबंधन' ने कड़ी टक्कर दी है.
निर्वाचन आयोग के नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि बिहार की 40 सीटों पर एनडीए गठबंधन ने बढ़त बना रखी है. 'इंडिया' गठबंधन की ओर से आरजेडी 4, कांग्रेस 1 एवं वामदल दो सीटों पर आगे हैं.
केरल में सीधा मुकाबला कांग्रेस की अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) और राज्य में सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के बीच होता.
फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति भी पीछे चल रही हैं. वहीं, मुजफ़्फरनगर से संजीव बलियान भी पीछे हैं.
लोकसभा चुनाव 2024 के साथ-साथ ओडिशा और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे भी मंगलवार को घोषित किए जाएंगे.
एग्ज़िट पोल चुनाव के परिणाम नहीं बल्कि अनुमान होते हैं, जो सर्वे के दौरान मतदाताओं के पूछे गए सवालों के जवाब के आधार पर तैयार किए जाते हैं. हालांकि, पिछले सालों के अनुमान देखें, तो इनके आकलन को सटीक नहीं कहा जा सकता.
दुनिया भर में पत्रकारिता की स्थिति पर निगरानी रखने वाली संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ग्वेर्निका 37 चैंबर्स ने भारत में पत्रकारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई में शामिल दिल्ली पुलिस के चार अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए अमेरिका से इसलिए सिफ़ारिश की है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में प्रेस की स्वतंत्रता में बाधा डालने वाले लोगों पर कार्रवाई करने का वादा किया था.
एक आधिकारिक बुलेटिन में कहा गया है कि असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां नदियां उफान पर हैं और तीन जिलों में 5,35,246 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. उधर, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और प्रशासन दोनों ही चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, इसलिए आपदा प्रबंधन के लिए इंतज़ामम अपर्याप्त हैं.
केंद्र सरकार के डेटा के अनुसार, मार्च से मई तक पूरे देश में हीटस्ट्रोक से कम से कम 56 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें से 46 मौतें अकेले मई में हुई हैं.
दिल्ली: कोर्ट ने भीषण गर्मी का संज्ञान लेकर कहा, ‘वो दिन दूर नहीं जब ये शहर बंजर रेगिस्तान बन जाएगा’
इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने भी राज्य में भीषण गर्मी के कारण हुई मौतों का स्वत: संज्ञान लिया था और केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि वह भीषण गर्मी जैसी मौसमी घटनाओं को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे.