इस महीने 11 नवंबर को जेएनयू द्वारा आयोजित एक सेमिनार में मुंबई में अवैध आप्रवासन के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिणामों का विश्लेषण किया गया. जेएनयूटीए का आरोप है कि यह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रहों को पुष्ट करने का प्रयास था.
घटना पाटन ज़िले के जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की है, जहां सीनियर्स द्वारा कथित रैगिंग के बाद एक 18 वर्षीय छात्र की मौत हो गई. कॉलेज ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है. 15 छात्रों के ख़िलाफ़ गैर इरादतन हत्या और अन्य अपराधों के तहत केस दर्ज किया गया है.
हरियाणा के गुरुग्राम विश्वविद्यालय द्वारा प्रोफेसर ज़ोया हसन की फ़िलिस्तीन पर वार्ता रद्द करना किसी भारतीय संस्थान में हुई ऐसी पहली घटना नहीं है. इससे पहले जेएनयू और आईआईटी बॉम्बे द्वारा ऐसे सेमिनार और व्याख्यान रद्द किए जा चुके हैं.
शीर्ष अदालत ने साल 1967 के एस. अज़ीज़ बाशा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में दिए गए अपने फैसले को पलटा है. हालांकि, अभी यह तय होना बाकी है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा प्राप्त होगा या नहीं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि 46 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के करीब 19 हज़ार स्वीकृत पदों में 27 फीसदी खाली पड़े हुए हैं, जहां 38 फीसदी से ज़्यादा एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित पद खाली हैं.
संस्कृत को एक विशेष धर्म या संस्कृति के ‘मूल्यों’ की वाहक बना दिया गया है. उसका मूल उद्देश्य ज्ञान का प्रसार नहीं, लोगों को राष्ट्रवादी और संस्कारी बनाने का है. एक विशेष प्रकार की नैतिकता के बोझ से दबी बेचारी संस्कृत किस तरह विद्यार्थियों को आकर्षित करे?
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने कागज़ और छपाई की गुणवत्ता जांच का हवाला देते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी स्कूलों से कक्षा 9 से 12 तक की चार पाठ्यपुस्तकों की सभी प्रतियां वापस मंगाएं. इनमें से एक किताब में 2002 के गोधरा कांड से जुड़ा अध्याय शामिल है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने मेघालय के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को एक धर्म विशेष से जोड़ते हुए लगातार उस पर हमले किए थे. इस विश्वविद्यालय का संचालन असम के बंगाली-मुस्लिम महबूबुल हक़ के स्वामित्व वाली एजुकेशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन करती है.
जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज़ के सेंटर फॉर वेस्ट एशियन स्टडीज़ द्वारा पश्चिम एशियाई देशों में चल रहे संघर्ष पर तीन सेमिनार होने थे, जिनमें ईरानी, फिलिस्तीनी और लेबनानी राजदूतों को अलग-अलग शामिल होना था. बताया गया है कि विरोध की आशंका के चलते इन्हें रद्द कर दिया गया.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन नहीं करने वाले सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों को बंद करने की सिफारिश की थी, जिसके ख़िलाफ़ जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने शीर्ष अदालत का रुख़ किया था.
टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के सहायक प्रोफेसर अर्जुन सेनगुप्ता ने छात्र नेता और पीएचडी स्कॉलर रामदास प्रिनी शिवानंदन के समर्थन में हुई बैठक में हिस्सा लिया था. शिवानंदन को अप्रैल में टिस प्रशासन ने ‘देश-विरोधी गतिविधियों’ का आरोप लगाते दो साल के लिए निलंबित किया था.
अहमदाबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के नवनियुक्त निदेशक अशोक मोंडल ने महत्वपूर्ण विभागों के प्रमुखों को बदल दिया है ओर 6 महिला प्रमुखों को पद से हटा दिया है. इस फ़ैसले को अपारदर्शी और छात्रों के लिए समस्या खड़ी करने वाला बताया जा रहा है.
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) अहमदाबाद में 26 सितंबर को तेलंगाना के रहने वाले 24 वर्षीय अक्षित भुक्या ने अपने हॉस्टल में कथित तौर पर आत्महत्या की थी. अब छात्र परिषद ने इस घटना की पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए जांच के लिए एक समिति गठित करने की मांग की है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र के साथ अपनी एक रिपोर्ट भी भेजी है, जिसमें दावा किया गया है कि मदरसे बच्चों के शैक्षणिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं.
आईआईटी कानपुर से की पृथ्वी विज्ञान में पीएचडी छात्रा ने कथित तौर पर अपने छात्रावास के कमरे में आत्महत्या कर ली. पिछले एक साल में संस्थान में यह आत्महत्या का चौथा मामला है.