केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि नीट के संबंध में दो प्रकार की अनियमितताएं प्रकाश में आई हैं. अधिकारी, चाहे वे एनटीए में कितने भी महत्वपूर्ण पद पर क्यों न हों, अगर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें बख़्शा नहीं जाएगा.
एनसीईआरटी कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान की संशोधित पाठ्यपुस्तक में कहा गया है कि वोट बैंक की राजनीति ‘अल्पसंख्यक तुष्टिकरण’ से जुड़ी है, जिसका अर्थ है कि राजनीतिक पार्टियां नागरिकों की समानता के सिद्धांतों की अवहेलना कर अल्पसंख्यक समूह के हितों को प्राथमिकता देती हैं.
इस साल अब तक कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे किसी छात्र द्वारा की गई आत्महत्या का यह 11वां मामला है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि नीट-यूजी का पेपर लीक होने के आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन बिहार पुलिस की जांच पेपर लीक के संकेत देती है. परीक्षा आयोजित कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पर इस जांच को बाधित करने का आरोप है.
14 अक्टूबर 2022 को आईआईटी खड़गपुर में तीसरे वर्ष के छात्र फ़ैज़ान अहमद अपने छात्रावास में मृत पाए गए थे. घटना को आत्महत्या माना गया था, हालांकि उनके परिवार ने हत्या का संदेह जताया था. अब दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्र को चाकू घोंपने और गोली मारने की बात सामने आई है.
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी 2024) में कथित विसंगतियों के आरोपों के बीच परीक्षा का आयोजन करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इसकी गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष को ही जांच पैनल का प्रमुख नियुक्त किया है. इस निर्णय के बाद जांच की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं.
नीट-यूजी परीक्षा परिणाम में विसंगतियों को लेकर दायर याचिका सुनते हुए सर्वोच्च अदालत ने फिलहाल नीट की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार किया है. हालांकि, अदालत ने जोड़ा कि परीक्षा पर उठ रहे सवालों पर एनटीए को जवाब देना होगा.
उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में एबीवीपी सदस्यों का हिंदी के अध्यापक डॉ. हिमांशु पंड्या की कक्षा में जबरन घुसकर हंगामा और उन्हें अपमानित कर परिसर से बाहर जाने को मजबूर करने की घटना केवल यह बताती है कि शिक्षक किस हिंसक माहौल में काम कर रहे हैं.
बीते दस सालों में पूरे ही माहौल में बराबरी और न्याय की आवाज़ बहुत पीछे चली गई है. बराबरी की दिशा बनाने वाले आरक्षण को ही संदिग्ध बनाने की हवा बह रही है. ऐसे में उच्च शिक्षा के संस्थानों में जातीय भेदभाव और उत्पीड़न को मिटाए बिना समानता हासिल नहीं हो सकती.
बीते पांच मई को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) में पेपर लीक होने के आरोपों को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने ख़ारिज कर दिया था. अब परीक्षा परिणाम आने के बाद अभ्यर्थियों ने 60 से अधिक छात्रों को पूरे अंक मिलने और आठ टॉपर के एक ही परीक्षा केंद्र से होने पर सवाल खड़े किए हैं.
कहा जा रहा है कि छात्र की हत्या का संभावित कारण इस साल के अंत में होने वाले पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव हो सकते हैं, जिनमें वह उतरने की योजना बना रहा था.
यह फैसला केरल विश्वविद्यालय के चार छात्रों द्वारा दायर की गई याचिकाओं पर आया है. सीपीआई (एम) और उसकी छात्र शाखा का कहना था कि राज्यपाल ने सीनेट में जिन चार छात्रों को नामांकित किया था, वे एबीवीपी कार्यकर्ता हैं और उनकी सिफारिश संघ परिवार ने की थी.
मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने कथित तौर पर अपनी कक्षा में बच्चों से कहा था कि किसी को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट नहीं देना चाहिए. शिक्षक पर चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है.
चुनाव की ज़िम्मेदारी कुछेक दिन तक सीमित नहीं होती. चुनाव प्रक्रिया में शिक्षकों की भागीदारी दो से तीन महीने या उससे भी अधिक अवधि की हो सकती है, जिसकी वजह से कक्षाएं लंबे समय तक बाधित रहती हैं.
दिसंबर 2022 में इंदौर के शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय में पढ़ाई जा रही एक किताब को लेकर एबीवीपी ने आरोप लगाया था कि इसमें हिंदू समुदाय और आरएसएस के ख़िलाफ़ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं, जिनसे धार्मिक कट्टरता को बल मिलता है. इसे लेकर किताब के लेखक, प्रकाशक के अलावा कॉलेज प्रिंसिपल और एक प्रोफेसर के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई थी.