जन गण मन की बात की 31वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ बाबरी मस्जिद ध्वंस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुरक्षित रखने और शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ पर चर्चा कर रहे हैं.
हमलावरों ने युवक की आंख और मुंह में रेत भरा. युवक के भाई ने लगाया आरोप, हमलावर इंटरव्यू में शामिल होने से रोकना चाहते थे.
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता या मसूद अज़हर के मामले में चीन के रवैये को लेकर नाराजगी जताने के और भी तरीके हैं.
सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिया कार्रवाई का ब्यौरा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख ने अपील की कि क़ानून का पालन करते हुए गाय की रक्षा करने का काम किया जाए.
जूरी अध्यक्ष प्रियदर्शन ने कहा कि जब रमेश सिप्पी ने अमिताभ बच्चन को पुरस्कार दिया था तब किसी ने सवाल नहीं उठाया तो आज मुझ पर सवाल क्यों?
प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर ने कहा कि नागरिकों की याददाश्त अल्पकालिक होने की वजह से चुनावी घोषणा पत्र कागज के टुकड़े बनकर रह जाते हैं.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के महराजगंज ज़िले में स्थित चर्च के पादरी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यहां सिर्फ प्रार्थना चल रही थी और शामिल होने वाले लोग अपनी मर्ज़ी से आए थे.
गोवध और गायों के परिवहन पर पाबंदी को गोरक्षक दलों द्वारा हिंसक ढंग से लागू करने का ख़ामियाज़ा किसानों को उठाना पड़ रहा है. किसान अनुपयोगी मवेशी बेचकर कुछ पैसे कमा लेने के विकल्प से भी वंचित हो गए हैं.
अल जज़ीरा टीवी से बातचीत में दिए गए बयान के बाद भाजपा नेता तरुण विजय की चौतरफा आलोचना हुई, जिसके बाद उन्होंने ट्विटर पर माफी मांग ली है.
पुलिस के मुताबिक, झारखंड में कथित तौर पर हिंदू लड़की से प्रेम के चलते मुस्लिम युवक की पेड़ से बांधकर बर्बरतापूर्वक पिटाई की गई. लड़के की अस्पताल में मौत हो गई.
सरकार की ओर से ये बयान उन आरोपों के मद्देनज़र आया जिसमें कुछ नेताओं ने कहा था कि जेएनयू जैसे विश्वविश्वविद्यालयों से नक्सली गतिविधियां चलाई जा रही हैं.
सीजीनेट स्वर जन पत्रकारिता में क्षेत्र में काम करने वाला एनजीओ है. ये आदिवासियों को समस्याओं को उन्हीं की भाषा में रिकॉर्ड करके ब्लूटूथ के ज़रिये प्रसारित करता है. सीजीनेट स्वर के संस्थापक शुभ्रांशु चौधरी से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
पत्रकारों पर बढ़ते हमले के चलते महाराष्ट्र कैबिनेट ने पत्रकार सुरक्षा अधिनियम के मसौदे को मंज़ूरी दे दी है.
याचिका में कोर्ट से गोरक्षा दलों पर पाबंदी लगाने और गोरक्षा क़ानून के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक क़रार देने की मांग की गई है.