न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में प्रसारण दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले कार्यक्रम और टैगलाइन्स दिखाने को लेकर आज तक समेत ज़ी न्यूज़ और न्यूज़ 24 को माफ़ी मांगने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कोरोना महामारी की शुरुआत के समय तबलीग़ी जमात के आयोजन को लेकर मीडिया का एक वर्ग मुस्लिमों के ख़िलाफ़ सांप्रदायिक वैमनस्य फैला रहा था. मीडिया का बचाव करते हुए केंद्र की ओर से कहा गया है कि याचिकाकर्ता बोलने और अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलना चाहते हैं.
राजस्थान में कुछ महीने पहले 35 दिनों तक चली राजनीतिक खींचतान के बीच सचिन पायलट खेमे ने अशोक गहलोत सरकार पर विधायकों के फोन टैप करने का आरोप लगाया था. इस घटनाक्रम के तक़रीबन दो महीने बाद फ़र्ज़ी ख़बर चलाने के आरोप में पायलट के मीडिया मैनेजर लोकेंद्र सिंह और आजतक के राजस्थान संपादक शरत कुमार के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
वीडियो: हाथरस में दलित युवती से कथित गैंगरेप और उसकी मौत के मामले को कुछ टीवी चैनलों ने दो-तीन दिन तक प्रमुखता से उठाया. अब सारे चैनल सत्ताधारियों की भाषा बोलने लगे हैं. घटना को लेकर विपक्ष की सक्रियता को वे किसी कथित षड्यंत्र का हिस्सा बता रहे हैं. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकारों- शीतला पी. सिंह, बिराज स्वैन, अशोक दास के साथ उर्मिलेश की बातचीत.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को हाथरस जा रहे केरल के एक पत्रकार सिद्दीकी कप्पन समेत चार लोगों को गिरफ़्तार करते हुए उनके पीएफआई से जुड़े होने की बात कही थी. पत्रकार संगठनों ने कप्पन की अविलंब रिहाई की मांग करते हुए कहा है कि मीडिया को उसका काम करने से रोकने का प्रयास हो रहा है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने अपने बयान में कहा कि मीडिया को घटनास्थलों का दौरा करने की अनुमति नहीं देना और फोन पर पत्रकारों की बातचीत को टैप करना मीडिया के कामकाज को बाधित करने के साथ उसे कमतर करना भी है.
बाबरी विध्वंस मामले को लेकर सीबीआई कोर्ट के फ़ैसले की आलोचना पर जहां अंग्रेज़ी अख़बारों के संपादकीय मुखर रहे, वहीं हिंदी अख़बारों के संपादकीय ‘बीती ताहि बिसार दे’ वाला रवैया अपनाते दिखे.
वीडियो: यूपी के हाथरस की 19 वर्षीय गैंगरेप पीड़िता के बारे में देश के न्यूज़ चैनलों ने ख़बर दिखाना तब शुरू किया, जब दिल्ली के अस्पताल में उनकी मौत के कई घंटे बाद कार्यकर्ता सड़कों पर आ गए. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार रवि अरोड़ा और सामाजिक कार्यकर्ता ऋतु सिंह से उर्मिलेश की बातचीत.
जून महीने में चीन के साथ सीमा पर हुए गतिरोध के बीच पीटीआई द्वारा भारत में चीन के राजदूत का इंटरव्यू करने पर सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती ने उसकी कवरेज को देशविरोधी क़रार देते हुए उसके साथ सभी संबंध तोड़ने की धमकी दी थी.
छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले का मामला. पत्रकार कमल शुक्ला ने कांग्रेस नेताओं पर मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है. वहीं एक कांग्रेस नेता ने कमल शुक्ला पर जान से मारने की धमकी देने की शिकायत पुलिस से की है. पुलिस इसे आपसी रंज़िश का मामला बता रही है.
वीडियो: सुदर्शन टीवी के विवादित कार्यक्रम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में मीडिया नियमन के प्रस्ताव पर केंद्र ने कहा है कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की जगह ऐसा पहले डिजिटल मीडिया के लिए किया जाना चाहिए. इस मुद्दे पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या-हत्या के लंबे चले विवाद के बाद अब सत्ताधारियों और टीवी चैनलों के निशाने पर सीधे बॉलीवुड है. इसी विषय पर फिल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज और टीवी पत्रकार डॉ. मुकेश कुमार से वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश की बातचीत.
त्रिपुरा में एक राजनीतिक पार्टी के प्रदर्शन को कवर करने गए स्थानीय टीवी चैनल के पत्रकार शांतनु भौमिक की 20 सितंबर 2017 को हत्या कर दी गई थी. जून 2018 में मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने मामला सीबीआई को सौंपा था. अब पत्रकारों ने जांच की धीमी रफ्तार को लेकर नाराज़गी जताई है.
सुदर्शन टीवी के विवादित कार्यक्रम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में अदालत के मीडिया नियमन के प्रस्ताव पर केंद्र ने एक हलफनामे में कहा है कि अगर वे इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के लिए दिशानिर्देश देना ज़रूरी समझते हैं, तो समय की दरकार है कि ऐसा पहले डिजिटल मीडिया के लिए किया जाना चाहिए.
पत्रकार प्रशांत कनौजिया को एक ट्वीट के चलते 18 अगस्त को यूपी पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. सोमवार को यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में दायर उनकी ज़मानत याचिका पर जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है, जिसके लिए अदालत ने अनुमति दे दी है.