आईआईएमसी में स्त्री शक्ति पर आयोजित एक संगोष्ठी में आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल ने कहा कि जौहर-शाखा की परंपरा का हिस्सा थी जिसमें महिलाएं विदेशी आक्रमणकारियों के हरम का हिस्सा बनने की बजाय क़ुर्बान हो जाना पसंद करती थीं.
पूर्व पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि नरेंद्र मोदी पर्यावरण संरक्षण के बारे में जो उपदेश देते हैं, उसका पालन नहीं करते.
ऐसा नहीं है कि न्यायपालिका में जारी गड़बड़ियों से आम आदमी बेख़बर हो, लेकिन न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार आमतौर पर अवमानना के डर से कभी भी सार्वजनिक बहस का मुद्दा नहीं बन सका.
बीजद उपाध्यक्ष वेदप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि पांडा ने इस बात को छुपाया कि वह इंडियन मेटल एंड फेरो एलॉय लिमिटेड के कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं और करोड़ों रुपये वेतन ले रहे हैं.
भीम आर्मी डिफेंस कमेटी के संयोजक प्रदीप नरवाल ने कहा कि चंद्रशेखर की जगह अगर आज बाबा साहेब आंबेडकर होते तो भाजपा सरकार उन पर भी रासुका लगा देती.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि नेता एक निश्चित सीमा तक चीज़ों में सुधार कर सकते हैं और चीज़ों में सुधार के लिए अपने हितों के त्याग करने की ज़रूरत होती है.
किसी बेरोज़गार के लिए दो वक़्त की रोटी का इंतज़ाम करने वाली कोई भी कमाई सांत्वना देने वाली होगी, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें गर्व का अनुभव नहीं कर सकते, न ही उन्हें करना चाहिए.
जन गण मन की बात की 187वीं कड़ी में विनोद दुआ संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत के ख़िलाफ़ करणी सेना की गुंडागर्दी पर चर्चा कर रहे हैं.
विरोध के बीच फिल्म पद्मावत रिलीज़. सिनेमाघरों में उमड़े दर्शक. कई राज्यों में सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स वालों ने फिल्म की रिलीज़ करने से मना किया.
आरएसएस के मुखपत्र आॅर्गनाइज़र के 70 साल पूरा होने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने लिखी संपादकीय.
जन गण मन की बात की 186वीं कड़ी में विनोद दुआ आम आदमी पार्टी और चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य ठहराए गए पार्टी के विधायकों पर चर्चा कर रहे हैं.
हम भी भारत की 18वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, भारत में आर्थिक असमानता पर दिल्ली विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर कृष्ण कुमार एस. और आॅक्सफेम इंडिया की निदेशक रानू भोगल से चर्चा कर रही हैं.
अदालत ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह 29 जनवरी तक उपचुनाव तिथियों की घोषणा जैसा कोई क़दम नहीं उठाए.
चाईबासा कोषागार मामले में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को भी दोषी क़रार देते हुए उन्हें भी पांच साल की सज़ा सुनाई गई है.
भारत में बंददिमागी एवं अतार्किकता को जिस किस्म की शह मिल रही है और असहमति की आवाज़ों को सुनियोजित ढंग से कुचला जा रहा है, उसे रोकने की ज़रूरत है ताकि संविधान को बचाया जा सके.