उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद वेंकैया ने राज्यसभा के सभापति का पद संभाला

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आयोजित एक समारोह में नायडू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना: हामिद अंसारी

निवर्तमान उपराष्ट्रपति ने कहा कि तीन तलाक के मसले पर अदालतों को दखल नहीं देना चाहिए, क्योंकि सुधार समुदाय के भीतर से ही होंगे.

जन गण मन की बात, ​एपिसोड 97: केरल में राजनीतिक हिंसा और बिना सल्तनत के सुल्तान  

जन गण मन की बात की 97वीं कड़ी में विनोद दुआ केरल में जारी राजनीतिक हिंसा और कांग्रेस की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.

क्या संघ ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के ख़िलाफ़ था?

भारत छोड़ो आंदोलन के बाद ब्रिटिश सरकार ने खुशी व्यक्त करते हुए लिखा कि संघ ने पूरी ईमानदारी से ख़ुद को क़ानून के दायरे में रखा, ख़ासतौर पर अगस्त, 1942 में भड़की अशांति में वो शामिल नहीं हुआ.

जन गण मन की बात, ​एपिसोड 96: चंडीगढ़ छेड़छाड़ मामला और किताबों से गायब मुगल

जन गण मन की बात की 96वीं कड़ी में विनोद दुआ चंडीगढ़ में छेड़छाड़ की​ शिकार वर्णिका कुंडू और महाराष्ट्र में इतिहास की किताबों से मुगलों के बारे में जानकारी हटाने पर चर्चा कर रहे हैं.

बेटी बचाओ का नारा देने वाले ‘बेटी’ को इंसाफ दिलाने की जगह उसके चरित्र हनन में क्यों लग गए हैं?

चंडीगढ़ में भाजपा नेता के बेटे द्वारा बदतमीज़ी मामले में युवती की शिकायत के बाद भाजपा नेता-समर्थक और आरोपी के परिजन सोशल मीडिया पर युवती के चरित्र पर सवाल उठा रहे हैं.

कोई भाजपा से अलग हो तो भूमाफिया होता है, उससे जुड़ जाए तो पवित्र हो जाता है: अखिलेश

सपा अध्यक्ष ने कहा, जिन्हें पार्टी छोड़कर जाना हैं वे बिना कोई बहाना बनाए जा सकते हैं ताकि पता चले कि बुरे वक़्त में कौन साथ है.

मीडिया बोल, एपिसोड 09: चुनिंदा भ्रष्टाचार, चोटीकटवा प्रचार और बेटी पर वार

मीडिया बोल में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, नेहा दीक्षित और ओम थानवी के साथ विपक्ष के कथित भ्रष्टाचार, चोटी काटने की घटनाएं और लड़की से छेड़छाड़ की घटना पर चर्चा कर रहे हैं.

‘असहिष्णुता और अहंकारी देशभक्ति को बढ़ावा देता है सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’

उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा, धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांतों को पुनर्जीवित करना आज की चुनौती है. इनमें सहिष्णुता और धर्म की स्वतंत्रता शामिल हैं.

नीति बनाने वाले किसान और उपभोक्ता को एक-दूसरे का दुश्मन बना रहे हैं

जब कुछ ख़ास व्यापारिक प्रतिष्ठानों का एकाधिकार स्थापित हो जाएगा, तब क़ीमतें सरकार और किसान नहीं, बड़ी कंपनियां तय करेंगी.

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