दक्षिण एशिया उपग्रह: अंतरिक्ष कूटनीति की यह जीत हाथी पालने के बराबर तो नहीं?

इसमें संदेह नहीं कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की क्षमताएं उच्च स्तर की हैं, इसके बावजूद कई संचार उपग्रह जैसे एडुसैट कई साल बाद भी अपने लक्ष्यों को पूरा नहीं कर सका है.

हीलियम-3 के लिए चांद पर खनन करने नहीं जा रहा इसरो

कई मीडिया संस्थानों ने प्रसिद्ध अंतरिक्ष विज्ञानी शिवथानु पिल्लई की हीलियम-3 पर दी गई जानकारी को ठीक से समझे बिना ही प्रसारित किया. विज्ञान से जुड़ी कोई ख़बर देते समय तथ्यों को लेकर सतर्कता बरतना बेहद ज़रूरी है.

कॉम्बिफ्लेम, डी-कोल्ड टोटल समेत 60 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरीं

केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इन दवाओं को लेकर चेतावनी जारी की है. इस साल मार्च में इन दवाओं पर टेस्ट किए गए थे.

उच्चतम न्यायालय ने वॉट्सऐप निजता नीति मामले को संविधान पीठ के पास भेजा

उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया साइट वॉट्सऐप की निजता नीति के मामले को एक संविधान पीठ के पास भेज दिया जो 18 अप्रैल को इस मामले पर सुनवाई करेगी.

कहां गईं मध्य प्रदेश की 23 लाख गर्भवती महिलाएं?

कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में पिछले पांच सालों में तकरीबन 93.7 लाख गर्भवती महिलाओं ने प्रसव पूर्व देखभाल के लिए अपना पंजीकरण करवाया था पर प्रसव सिर्फ 69.8 लाख के हुए. ऐसे में सवाल उठता है कि बाकी 23.9 लाख गर्भवती महिलाओं का क्या हुआ?

अनावश्यक सिज़ेरियन डिलीवरी के ख़िलाफ़ अभियान

पिछले दिनों एक ऑनलाइन याचिका पर संज्ञान लेते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध किया है कि अस्पतालों द्वारा की गई सिजेरियन डिलीवरी का आंकड़ा सार्वजानिक किया जाए.

हमारी धरती से आगे जहां और भी हैं!

अभी तक हम दूसरे ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं पर सिर्फ बात किया करते थे, लेकिन नासा की नई खोज में मिले आंकड़ों के आधार पर अब हम ठोस रूप से इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं. तारामंडल में छह या कहें सात ग्रहों की खोज एक बड़े बदलाव का संकेत है.

क्या दो दशक पूर्व मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत लीची से हुई थी?

हाल ही में आए एक शोध में दावा किया गया है कि 1995 में मुजफ्फरपुर में हुई बच्चों की मौत का कारण लीची थी. हालांकि इस दावे पर तमाम सवाल उठ गए हैं.

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