जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने गाय और गोरक्षा के नाम पर क़ानून हाथ में न लेने की अपील की थी, उसी दिन झारखंड में एक व्यक्ति को गोमांस ले जाने के संदेह में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था.
इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में त्रिपुरा, असम और नगालैंड के प्रमुख समाचार.
सिनेमा निर्माण के इतने दशकों के बाद भी हिंदुस्तानी सिनेमा में महिला निर्देशकों की संख्या को उंगलियों पर गिना जा सकता है. सिनेमाई दुनिया में भी घोर लैंगिक असमानता है.
वरिष्ठ अधिवक्ता फली एस नरीमन ने प्रेस की आज़ादी और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका द्वारा समर्थित प्रेस और मीडिया को ही एकमात्र उपाय बताया.
मनोहर पर्रिकर ने कहा, एक टीवी एंकर के राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ से अपमानजनक सवाल पूछे जाने के कारण वे पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने को प्रेरित हुए.
भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या के विरोध में 28 जून को देश भर में प्रदर्शन हुए, उसी दिन अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने अपने फेसबुक वॉल पर यह पोस्ट लिखी.
जीएसटी के मसले पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के साथ द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.
नागार्जुन की कविता राजनीति के चरित्र का पर्दाफ़ाश करती है. जो लोग लोकतंत्र को बचाने और उसे मज़बूत बनाने की लड़ाई लड़ना चाहते हैं, उनके लिए नागार्जुन कभी अप्रासंगिक नहीं होंगे.
चीन और भारत की सभी सरकारें ये स्वीकार करती आई हैं कि सिक्किम क्षेत्र में दोनों देशों के मध्य सीमा-निर्धारण हो चुका है.
जिस दिन प्रधानमंत्री ने बयान दिया कि गाय और गोरक्षा के नाम पर किसी को क़ानून हाथ में लेने का हक़ नहीं है, उसी दिन झारखंड में एक और व्यक्ति की गाय के नाम पर हत्या कर दी गई.
अल्पसंख्यक मामलों पर संसदीय समिति के छह सदस्य चाहते थे कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखा जाए और केंद्रीय मंत्री इन घटनाओं की निंदा करें.
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा समेत कई विपक्षी दल जीएसटी लागू करने के लिए 30 जून की मध्य रात्रि में बुलाई गई संसद की विशेष बैठक में भाग नहीं लेंगे.
राज्य बनने के बाद तेलंगाना में 3000, मध्य प्रदेश में 21 दिन में 40, मराठवाड़ा में दो हफ़्ते में 42 और छत्तीसगढ़ में एक पखवाड़े में 12 किसानों ने आत्महत्या की है.
नायडू ने कहा कि जीएसटी के दूरगामी परिणाम देश की अर्थव्यवस्था के लिये अच्छे होंगे लेकिन अल्पावधि में देश की अर्थव्यवस्था, मुद्रास्फीति, जीडीपी पर इसका नकारात्मक असर होगा.
अहमदाबाद में साबरमती आश्रम के शताब्दी वर्ष समारोह में बोलते हुए मोदी ने कहा कि गाय के नाम पर किसी भी इंसान को क़ानून हाथ में लेने का हक़ नहीं है.