तेजस्वी यादव की सभाओं में लाखों की भीड़, हार रहे हैं नीतीश कुमार?

वीडियो: बिहार विधानसभा चुनाव पर द वायर के पोलिटिकल अफेयर्स एडिटर अजय आशीर्वाद और वरिष्ठ पत्रकार मनोज सिंह से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

शोषण का पूर्वाभ्यास

वीडियो: निर्भया कांड जैसे वीभत्स हादसे के बाद इसका दोहराव न होने की दुआ सभी ने की थी, लेकिन अब हाथरस कांड हमारे सामने है. क्या ये महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा का अंत है? इस बारे में दामिनी यादव के विचार.

दिल्ली दंगों में जलीं मस्जिदें फिर से हुईं खड़ी

वीडियो: बीते फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान कम से कम 14 मस्जिदों और एक सूफी दरगाह को जला दिया गया था. अब ज़्यादातर मस्जिदों की मरम्मत का काम पूरा हो चुका है.

तनिष्क़ का विज्ञापन और लव-जिहाद का झूठ

वीडियो: अंतर धार्मिक विवाह पर आधारित एक विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद ज्वेलरी ब्रांड तनिष्क़ ने इसे वापस ले लिया है. इस मुद्दे पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

दिल्ली: क्या कहते हैं ‘बाबा का ढाबा’ पर पहुंचे लोग

वीडियो: बीते दिनों दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में ‘बाबा का ढाबा’ नाम से दुकान चलाने वाले 83 वर्ष बुज़ुर्ग कांता प्रसाद का रोते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब साझा किया गया था. लॉकडाउन के बाद उनका ढाबा घाटे में चल रहा था. वीडियो वायरल होने के बाद इस ढाबे पर खाने-पीने के लिए लोगों की लाइन लग गई.

हाथरस की रेप पीड़िता के गांव में कैसे जीते हैं दलित

वीडियो: उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्ष की दलित युवती की कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार के बाद मौत हो गई थी. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने पीड़िता के परिजनों व अन्य लोगों से इस संबंध में बात की.

दिल्ली में झुग्गी बस्ती गिराई गई, सैकड़ों लोग बेघर

ग्राउंड रिपोर्ट: दिल्ली विकास प्राधिकरण ने एनजीटी के आदेश पर बीते 24 सितंबर को ओखला के धोबीघाट के पास करीब ढाई एकड़ में बसी झुग्गियों को तोड़कर सैकड़ों लोगों को बेघर कर दिया.

प्रेमचंद हैं आज भी प्रासंगिक

वीडियो: साहित्यकार प्रेमंचद ने हिंदी साहित्य को ज़मीन पर पांव टिकाना सिखाया और कड़वी ज़मीनी सच्चाई से रूबरू करवाया. 1918 से 1936 के कालखंड को 'प्रेमचंद युग’ कहा जाता है लेकिन यदि उनके समय और आज के समाज की समानताएं देखी जाएं तो लगता है कि प्रेमचंद युग अभी समाप्त ही नहीं हुआ है.

योगी राज में आम नागरिकों को गांधी जयंती पर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि की अनुमति नहीं

वीडियो: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गांधी जयंती के अवसर पर आम नागरिकों को गांधी प्रतिमा पर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने की अनुमति नहीं थी. वहीं, हाथरस घटना के विरुद्ध प्रदर्शन करने जा रहीं एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता को नज़रबंद कर दिया गया. असद रिज़वी की रिपोर्ट.

रिया को बेल के साथ क्या सुशांत सिंह राजपूत की कहानी का अंत हुआ?

वीडियो: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में गिरफ़्तार अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को जमानत मिल गई है. इस मुद्दे पर बॉलीवुड अभिनेता नासिर अब्दुल्ला और पत्रकार अभिसार शर्मा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

हाथरस रेप: यूपी में जातिवाद-दबंगई का घटिया खेल

वीडियो: उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में 19 वर्षीय युवती के साथ गैंगरेप के आरोपियों के समर्थन में कथित तौर पर सवर्ण जाति के लोगों ने बीते दिनों एक सभा की. यह सभा भाजपा नेता राजवीर सिंह पहलवान के घर हुई थी. इस मुद्दे पर कौशल पवार, कविता कृष्णन, चिंटू कुमारी और विवेक कुमार से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

गांधी जयंती विशेष: कलम के सिपाही गांधी

वीडियो: महात्मा गांधी की किताबों के पन्ने पीले ज़रूर पड़ गए हैं, पर उनके सबक आज भी साफ़-साफ़ दिखते हैं. गांधी जी अपने जीवन का आधार किताबों को मानते थे, शायद यही वजह है कि एक तरफ़ वे ऊंचे दर्जे के पाठक थे तो दूसरी ओर उनकी कलम का भी विस्तार पटल बेहद व्यापक है. उन्होंने अनेक किताबें लिखी हैं, अनुवाद किए हैं, संपादन किया है और एक कलम के सिपाही की तरह भी सक्रिय रहे हैं.

हाथरस गैंगरेप: मृत युवती का गांव बंद, मीडिया को रोका गया, परिवारवालों ने भेजा ये संदेश

वीडियो: उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में दलित युवती से गैंगरेप और उनकी मौत की घटना के बाद पुलिस ने उनके गांव की घेराबंदी कर दी है. मीडिया को जाने नहीं दिया जा रहा है. इन परिस्थितियों में मृतक युवती के एक भाई से द वायर की टीम से फोन पर बातचीत.

लॉकडाउन ख़त्म हो गया, मगर क्या प्रवासी मज़दूर और ग़रीबों की ज़िंदगी में कोई बदलाव आया?

वीडियो: कोरोना वायरस के मद्देनज़र लगाए गए लॉकडाउन के बाद अनलॉक फेज़ शुरू हो गया है, लेकिन कई दैनिक वेतनभोगी अभी भी लॉकडाउन की स्थिति में जी रहे हैं. लॉकडॉउन के दौरान हुए वित्तीय नुकसान से नहीं उबर पा रहे हैं.

क्या राज्यसभा में कृषि विधेयकों को असंवैधानिक रूप से पारित किया गया?

वीडियो: बीते 20 सितंबर को विवादित कृषि विधेयकों पर विपक्ष द्वारा मत विभाजन की मांग को ख़ारिज करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा था कि सदस्यों ने सदन के नियमों के अनुसार अपनी सीट पर बैठकर ये मांग नहीं की थी. हालांकि राज्यसभा टीवी के आधिकारिक फुटेज से पता चलता है कि दो सांसदों ने अपनी सीट से ही वोटिंग की मांग की थी.

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