तालिबान की ओर से कहा गया है कि अगर एक महिला घर के बाहर अपना चेहरा नहीं ढकती है तो उसके पिता या निकटतम पुरुष रिश्तेदार को क़ैद कर लिया जाएगा या सरकारी नौकरी से निकाल दिया जाएगा. तालिबान ने बीते मार्च महीने में देश के अधिकतर हिस्सों में कक्षा छह के बाद लड़कियों को स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले के निवासी इरफ़ान द्वारा दायर एक याचिका को ख़ारिज करते हुए यह टिप्पणी की. इस याचिका में ज़िला प्रशासन के दिसंबर 2021 के उस आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी, जिसके तहत मस्जिद में अज़ान के समय लाउडस्पीकर का उपयोग करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, क़ानूनी उम्र से पहले महिलाओं के विवाह के संबंध सबसे ख़राब स्थिति पश्चिम बंगाल की है, जहां ऐसी स्त्रियों की संख्या 42 फ़ीसदी है. सबसे बेहतर स्थिति लक्षद्वीप की है, जहां महज़ चार फ़ीसदी महिलाओं का विवाह 18 साल की आयु से पहले हुआ है.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर के न्याय नगर पब्लिक स्कूल का मामला. आरोप है कि बच्चों को प्रिंसिपल द्वारा ईद के त्योहार पर धार्मिक पोशाक पहनने के लिए मजबूर किया गया था. विश्व हिंदू परिषद के एक पदाधिकारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि प्रिंसिपल बुशरा मुस्तफ़ा द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए जानबूझकर एक साज़िश के तहत हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की कोशिश की गई.
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में बीते चार मई की रात 25 वर्षीय एक दलित युवक पर उसकी मुस्लिम पत्नी के भाई और एक अन्य व्यक्ति ने लोहे की छड़ और चाकू से हमला किया था, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने कहा कि सैयद मोबिन अहमद अपनी बहन के युवक से संबंधों के ख़िलाफ़ था और उसे चेतावनी भी दी थी.
संयुक्त राष्ट्र की ओर से कहा गया है कि 53 देशों में लगभग 19.3 करोड़ लोगों को 2021 में खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा और यह स्थिति संघर्ष, असामान्य मौसम और कोविड-19 वैश्विक महामारी के आर्थिक प्रभावों की तिहरी मार के कारण उत्पन्न हुई. यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध की वजह से वैश्विक खाद्य उत्पादन प्रभावित होने से यह स्थिति और भयावह होने जा रही है.
पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा में एक सरकारी स्कूल की कक्षा में कथित तौर पर एक अजनबी एक व्यक्ति द्वारा छात्रों के सामने आठ वर्ष की दो लड़कियों के कपड़े उतारने का मामला सामने आया है. दिल्ली महिला आयोग ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और इस पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. आयोग ने पुलिस और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को नोटिस जारी किया है.
भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा तैयार किए गए आंकड़े के अनुसार बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र और राजस्थान में 2020 में लड़कियों की तुलना में लड़कों के जन्म के पंजीकरण में बहुत अधिक अंतर दर्ज किया गया. लड़कियों की संख्या पंजीकृत किए गए लड़कों से लगभग 4 प्रतिशत कम है.
हमारी दुनिया में कितनी भी मायूसी हो, चाहे जितनी भी नफ़रत पैदा की जा रही हो, उम्मीद और प्रेम के उजालों में चलकर ही कहीं पहुंचा जा सकता है.
जामिया मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से कहा गया है पुलिस और नागरिक प्रशासन ने बताया है कि श्रीनगर स्थित ईदगाह और जामिया मस्जिद में अगर सुबह सात बजे से पहले नमाज़ नहीं की जाती है, तो इसके बाद नमाज़ की अनुमति नहीं दी जाएगी. समिति ने कहा कि अधिकारियों को हजरतबल दरगाह पर सुबह 10:30 बजे नमाज़ की अनुमति देने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन वे ईदगाह में शर्तें लगा रहे हैं.
मध्य प्रदेश के गुना ज़िले के कुंभराज थाना क्षेत्र का मामला है. पुलिस ने बताया कि रोके जाने के बाद दलित परिवार ने श्मशान घाट में ऊंचे चबूतरे के पास ही ज़मीन पर परिजन का अंतिम संस्कार किया. आरोपियों के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है.
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट आने के पंद्रह साल बाद के 'नए भारत' में अल्पसंख्यक समुदायों विशेषकर मुस्लिमों की समस्याओं या हक़ों की बात करने को बहुसंख्यकों के हितों पर 'आघात' माना जाता है. ख़ुद मुस्लिमों के लिए भी अब सबसे बड़ा मुद्दा जान-माल की हिफाज़त बन गया है.
दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और चंडीगढ़ के बाल अधिकार संरक्षण आयोगों ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से जेजे एक्ट में हुए संशोधन को अधिसूचित न करने का आग्रह किया है. संशोधन में बाल शोषण संबंधी मामलों में कुछ अपराधों को ग़ैर संज्ञेय के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
गोरखपुर और महराजगंज के जंगल में स्थित 23 वन ग्रामों के वनटांगियों को वन अधिकार क़ानून लागू होने के डेढ़ दशक और कड़े संघर्ष के बाद ज़मीन पर अधिकार मिला. लेकिन आज भी यहां विकास की रफ़्तार धीमी ही है.
वीडियो: हाल के दिनों में देश में लगातार बढ़ी सांप्रदायिक हिंसा और तनाव की घटनाओं के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस दीपक गुप्ता से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.