उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर को दिए आदेश में कहा कि दोनों याचिकाकर्ता बालिग हैं और उन्हें अपने परिवार के विरोध के बावजूद अपना जीवनसाथी चुनने का मौलिक अधिकार है.
वीडियो: वरिष्ठ पत्रकार और लेखक नीलांजन मुखोपाध्याय की नई किताब ‘द डिमोलिशन एंड द वर्डिक्ट: अयोध्या एंड द प्रोजेक्ट टू रिकन्फिगर इंडिया’ हाल ही में आई है. इस किताब के ज़रिये राम जन्मभूमि-अयोध्या आंदोलन के भारत की राजनीति और समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर नीलांजन से महताब आलम की बातचीत.
आठ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में इन कर्मचारियों को साल 2009 से ही महज 1,000 रुपये प्रति माह वेतन मिल रहा है, जबकि कई संसदीय समितियों ने वर्षों से इसमें बढ़ोतरी की सिफ़ारिश की है.
पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में 18 दिसंबर को कथित तौर पर बेअदबी का प्रयास करने के आरोप में एक व्यक्ति के हत्या के बाद 19 दिसंबर को इसी तरह कपूरथला निजामपुर गांव के गुरुद्वारे में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. हालांकि कपूरथला में हुई घटना में पुलिस ने बेअदबी किए जाने के आरोप से इनकार किया. दोनों घटनाओं में मृतकों की अब तक पहचान नहीं हो सकी है.
मध्य प्रदेश के विमुक्त समुदाय के सदस्यों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखकर हाल ही में राज्य के आबकारी अधिनियम में किए गए संशोधनों पर दोबारा विचार करने को कहा है. साथ ही उन्होंने क़ानून में आदिवासियों को मिली कुछ छूटों में उनके समुदाय को शामिल करने की भी मांग की है.
घटना 14 दिसंबर को हुई थी. आरोप है कि दोस्तों के बीच हुए विवाद के बाद आरोपियों ने युवक को बेरहमी से पीटा, जिसके बाद उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया. आरोपियों ने पीड़ित के परिजनों को बताया कि वह सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुआ है. घटना का वीडियो सामने आने के बाद तीनों को गिरफ़्तार किया गया है.
सितंबर में भाजपा विधायक गुलिहट्टी शेखर ने विधानसभा में दावा किया था कि चित्रदुर्ग ज़िले के होसदुर्ग तालुका के कुछ गांवों में जबरन धर्मांतरण करवाया जा रहा है. इसके बाद तहसीलदार थिप्पेस्वामी की अगुवाई वाली एक टीम द्वारा किए सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया कि स्थानीयों ने स्वेच्छा से ईसाई धर्म अपनाने की बात कही थी.
दो किसान 18 दिसंबर को रैना प्रथम मंडल में देबीपुर और बंतीर गांवों में अपने घरों में फंदे से लटके पाए गए. बिरुहा गांव में 17 दिसंबर को एक अन्य किसान का शव अपने घर में फंदे से लटका मिला. मृतक किसानों के परिवारों ने दावा किया कि चक्रवात जवाद के कारण बेमौसम बारिश से आलू और धान की फ़सलें ख़राब होने के बाद उन्होंने आत्महत्या की है.
अखिल अरुणाचल प्रदेश छात्रसंघ ने कहा कि चकमा और हाजोंग की जनगणना स्वदेशी लोगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक डेटा को बनाए रखने के लिए एक नियमित प्रशासनिक अभ्यास है. इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री कार्यालय से राज्य सरकार को एक पत्र मिलने के बाद यह प्रक्रिया ठप हो गई.
वीडियो: बीते 16-17 दिसंबर की रात हरियाणा के मेवात के नूंह में रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में भीषण आग लग गई थी, जिसके कारण 100 से अधिक लोग, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, बेघर हो गए. द वायर की टीम ने ठंड के मौसम में बेघर हुए इन शरणार्थियों का हाल जाना.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के मथुरा में इस महीने की शुरुआत में हिंदू महासभा ने शाही ईदगाह मस्जिद के अंदर श्रीकृष्ण की मूर्ति की स्थापना का आह्वान किया था. इस ध्रुवीकरण के बीच मुस्लिम समुदाय के उन शिल्पकारों की कहानी, जो कई पीढ़ियों से कृष्ण की मूर्तियों के लिए पारंपरिक कपड़े बनाते हैं.
रोज़गार दर या श्रम भागीदारी अनुपात इस बात का मापक है कि अर्थव्यवस्था में कितने नौकरी लायक सक्षम लोग वास्तव में नौकरी की तलाश कर रहे हैं. सीएमआईई के मुताबिक, भारत का श्रम भागीदारी अनुपात मार्च 2021 में 41.38 फीसदी था (जो अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के बिल्कुल क़रीब है) लेकिन पिछले महीने यह गिरकर 40.15 फीसदी रह गया.
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य और हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने ‘संयुक्त संघर्ष पार्टी’ की घोषणा की है. उनके इस क़दम से एसकेएम में उनके भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि मोर्चे के नेता डॉ. दर्शन पाल कह चुके हैं कि राजनीति में जाने वाले किसानों को एसकेएम छोड़ना होगा.
यह घटना बीते 18 दिसंबर को उस समय हुई, जब एक व्यक्ति अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में पवित्र स्थल पर रखी महाराजा रणजीत सिंह की तलवार उठाने के बाद उस स्थान के पास पहुंच गया, जहां सिख ग्रंथी पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ कर रहे थे. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कार्यबल के सदस्य जब उसे पकड़कर एसजीपीसी कार्यालय ले जा रहे थे, तब गुस्साई भीड़ ने उसकी बुरी तरह से पिटाई कर दी, जिससे उसकी मौत हो गई.
डॉ. कफ़ील ख़ान की किताब ‘द गोरखपुर हॉस्पिटल ट्रेजडी: अ डॉक्टर्स मेमॉयर ऑफ अ डेडली मेडिकल क्राइसिस' अगस्त 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के सच को दफ़न करने की कोशिश को बेपर्दा करती है और व्यवस्था द्वारा उसकी नाकामी को छुपाने की साज़िश को सामने लाती है.