बुधवार को ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम के अर्जेंटीना से हारने के कुछ देर बाद कथित ऊंची जाति के दो लोगों ने हरिद्वार के एक गांव में रहने वाले हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया के परिवार पर जातिगत टिप्पणियां कीं. पुलिस ने बताया कि एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करते हुए एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया है.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने राज्यसभा में बताया कि देश भर में हाथ से मैला ढोने वाले कुल 58,098 सफाईकर्मियों की पहचान की गई है. हाथ से मैला ढोने के कारण किसी की मौत होने की ख़बर नहीं है लेकिन सीवर या सैप्टिक टैंक की सफाई के दौरान कर्मियों की मौत होने की जानकारी है.
घटना मुरादाबाद के लाजपत नगर की है. एसएसपी के साथ इलाके का दौरा करने के बाद डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि प्रशासन की जांच में पाया गया कि यह संपत्ति का मामला है. सामने आया है कि कुछ स्थानीय निवासी उन दोनों घरों को खरीदने के इच्छुक थे और अब उन्हें पता चला है कि वे पहले ही बिक चुकी हैं.
मंत्रिमंडल ने मध्य प्रदेश आबकारी अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2021 को मंज़ूरी दी है. इसमें ज़हरीली शराब के सेवन से हुई मौतों से संबंधित मामलों में मृत्युदंड, आजीवन कारावास और 20 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
अमेरिकी राज्य न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल लेतीतिया जेम्स द्वारा नियुक्त स्वतंत्र जांचकर्ताओं ने करीब पांच महीने जांच की और 179 लोगों से बातचीत की, जिसमें उन्होंने पाया कि न्यूयॉर्क के गवर्नर और डेमोक्रेट एंड्रयू कुओमो के प्रशासन में कामकाज का ख़राब माहौल है और यह भय पर आधारित है.
घटना नागपुर की है, जहां 38 वर्षीय महेश शालिकराम राउत ने ज़हर खाकर जान दे दी. उनके भाई का आरोप है कि महेश द्वारा स्थानीय झगड़े की शिकायत करने के बाद उन्हें पुलिस ने पीटा, जिससे अवसाद में आकर उन्होंने यह कदम उठाया. पुलिस ने इससे इनकार करते हुए दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज किया है.
बीते दिनों गोरखपुर ज़िले के उरुवा ब्लॉक में ग्राम पंचायत अधिकारी अनीश कुमार की सरेबाज़ार हत्या कर दी गई थी. अनीश ने अपनी सहकर्मी दीप्ति मिश्रा से अंतरजातीय विवाह किया था. बताया गया है कि दीप्ति के दलित व्यक्ति से विवाह करने से नाराज़ उनका परिवार काफ़ी समय से अनीश को धमका रहा था.
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा मुहर्रम के जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया है. मजलिस-ए-उलमा-ए-हिंद के महासचिव शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने उत्तर प्रदेश डीजीपी मुकुल गोयल द्वारा सभी जिला पुलिस प्रमुखों को जारी परिपत्र में कही गईं बातों पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि पुलिस प्रशासन ने इसमें बेहद अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर मुहर्रम और शिया मुसलमानों की छवि ख़राब करने की कोशिश की गई है.
गुजरात के साबरकांठा ज़िले के हिम्मतनगर क़स्बे के निकट संचारी गांव में 30 जुलाई को यह घटना हुई. आरोप है कि गांव में चारों आरोपियों ने दो अन्य के साथ मिलकर 30 वर्षीय विधवा महिला और एक शादीशुदा पुरुष की जमकर पिटाई की. महिला के कपड़े फाड़कर उनका सिर मुंड़वा दिया. इसके बाद आरोपियों ने दोनों को भविष्य में साथ दिखाई देने पर उनकी हत्या करने की धमकी दी.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के ये आंकड़े देश में कोविड-19 के प्रसार चलते बड़ी संख्या में नौकरियां जाने के पहले के हैं. इनके अनुसार, साल 2019 में बेरोज़गारी के कारण आत्महत्या के सर्वाधिक 553 मामले कर्नाटक में दर्ज हुए. दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र और तीसरे स्थान पर तमिलनाडु रहा.
2019 में केंद्र ने बिना पर्यावरण स्वीकृति के अपने दिए मानकों के उलट चारधाम परियोजना शुरू करवाई. जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने इससे हिमालयी पर्यावरण को क्षति पहुंचने की बात कही, तब रक्षा मंत्रालय ने बीच में आकर सड़कों को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए इनके चौड़ीकरण की मांग की है.
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण कर चुके लोगों की एक कथित सूची लीक हुई थी, जिसमें अब्दुल समद नाम के शख़्स के साथ सहारनपुर के प्रवीण कुमार की तस्वीर लगी थी और अन्य जानकारियां भी उन्हीं की थीं. प्रवीण ने धर्मांतरण से इनकार किया है लेकिन पुलिस से क्लीन चिट मिलने के बाद भी गांव में उनका सामाजिक तौर पर बहिष्कार कर दिया गया है.
वीडियो: अक्सर मुसलमानों के हित की बात करने वाले हर व्यक्ति को कह दिया जाता है कि तुम भी पाकिस्तान चले जाओ और साथ में इन बचे-खुचे मुसलमानों को भी ले जाओ, क्योंकि पाकिस्तान इन्होंने ही बनवाया था. कुछ ऐसी ही बातें नई किताब ‘कॉन्टेस्टेड होमलैंड्स: पॉलीटिक्स ऑफ स्पेस एंड आइडेंटिटी’ कहती है. जैसे- मुस्लिम मोहल्लों को आज भी ‘मिनी पाकिस्तान’ समझा जाता है. इसकी लेखक नाज़िमा परवीन ने किस अनुभव के चलते ये बातें कहीं हैं. हमने इस वीडियो
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने संसद में कहा था कि हाथ से मैला साफ-सफाई के कारण किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि हाथ से मैला ढोना पहले से ही अमानवीय है. सरकार सम्मान के मौलिक अधिकार से इनकार कर रही है. इन लोगों और मौतों की गिनती तक नहीं कर रही है. यह अस्पृश्यता का एक आधुनिक रूप है. एक दलित के जीवन की अनदेखी है.
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग की शिक्षिकाओं की अगुवाई में उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने राज्य के सरकारी स्कूलों में शौचालयों की ख़राब स्थिति का हवाला देते हुए हर महीने तीन दिन की पीरियड लीव की मांग के लिए अभियान शुरू किया है.