बीते दस दिनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के रहने वाले दो मज़दूरों ने बीमारी के चलते मुंबई और दिल्ली में दम तोड़ दिया, पर लॉकडाउन और ख़राब आर्थिक स्थिति के चलते परिजन उनका शव लाने नहीं जा सके. आजीविका के लिए परिवार से हज़ारों मील दूर रह रहे इन लोगों को अंतिम समय में भी अपनों का साथ नसीब नहीं हुआ.
कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र हुए लॉकडाउन ने हज़ारों कामगारों पर आजीविका का संकट ला दिया है, जिससे उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी चलनी मुश्किल हो गई है. इन कामगारों में सेक्स वर्कर्स भी शामिल हैं.
भाजपा नेता और केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि किसी एक संस्था या किसी व्यक्ति के गुनाह के लिए पूरे समुदाय को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. उस संस्था ने जो भी आपराधिक लापरवाही या अपराध, उसकी ज़्यादातर मुसलमानों ने निंदा की और कार्रवाई करने की मांग की है.
ठाणे ज़िले के कशीमीरा इलाके का मामला. पुलिस ने धार्मिक भावना को आहत करने के उद्देश्य से दुर्भावनापूर्ण हरकत करने का मामला दर्ज किया है.
साख प्रमाणन सेवा कंपनी फिच सॉल्यूशंस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हम भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कम कर 1.8 प्रतिशत करते हैं जबकि पूर्व मे इसके 4.6 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गई थी.
साल 2000 में अविभाजित आंध्र प्रदेश ने आदिवासी इलाकों के स्कूलों में शिक्षकों के 100 फीसदी पद अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट इसे रद्द करते हुए पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जिसे तेलंगाना और आंध्र प्रदेश बराबर-बराबर भरेंगे.
पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि देश में राष्ट्रवादी भावनाएं वायरस आने से पहले ही मज़बूत थी, लेकिन अब कोरोना संक्रमण के बीच यह और मुखर हो रही हैं.
शिक्षाविदों, नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने सफाईकर्मियों की दयनीय दशा को लेकर केंद्र और सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर कहा है कि इन्हें प्रतिमाह 20,000 रुपये का न्यूनतम मेहनताना दिया जाए.
घटना हज़ारीबाग ज़िले में हुई, जहां रामगढ़ के पतरातू के रहने वाले 25 साल के जाबिर अंसारी को चोरी के इल्ज़ाम में उग्र भीड़ ने बेरहमी से पीटा. पीड़ित के परिजनों ने उनकी मुस्लिम पहचान के चलते पीटे जाने का आरोप लगाया है.
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देखमुख ने कहा कि पालघर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में गिरफ्तार किए गए 101 लोगों में से कोई भी मुस्लिम नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना के बाद साम्प्रदायिक राजनीति की जा रही है.
एक आरटीआई आवेदन के जवाब में दिल्ली पुलिस ने बताया है कि फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में 23 लोगों की मौत हुई है. इससे पहले गृह मंत्रालय ने संसद में कहा था कि इस हिंसा में 52 जानें गई हैं.
इस लॉकडाउन को इतने भर के लिए दर्ज नहीं किया जा सकता कि लोगों ने किचन में क्या नया बनाना सीखा, कौन-सी नई फिल्म-वेब सीरीज़ देखीं या कितनी किताबें पढ़ीं. यह दौर भारतीय समाज के कई छिलके उतारकर दिखा रहा है, ज़रूरत है कि आपकी नज़र कहां है?
केंद्र सरकार के अधीन विभिन्न पदों की भर्ती के लिए तीसरे लिंग/अन्य श्रेणी को शामिल करने का मामला सरकार के समक्ष कुछ समय से विचाराधीन था.
सब जानते हैं कि कोविड-19 एक घातक वायरस की वजह से फैला है, लेकिन भारत में इसे सांप्रदायिक जामा पहना दिया गया है. आने वाले समय में यह याद रखा जाएगा कि जब पूरे देश में लॉकडाउन हुआ था, तब भी मुसलमान सांप्रदायिक हिंसा का शिकार हो रहे थे.
कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले 55 वर्षीय डॉक्टर साइमन हरक्यूलिस के शव को दफनाने के दौरान भीड़ ने एम्बुलेंस पर हमला बोल दिया, जिससे सभी लोगों को शव छोड़ भागना पड़ा. बाद में एक सहकर्मी ने दो कर्मचारियों के साथ आधी रात को शव को दफनाया.