फ़ैज़ ऐसे शायर हैं जो सीमाओं का अतिक्रमण करके न सिर्फ़ भारत-पाकिस्तान, बल्कि पूरी दुनिया के काव्य-प्रेमियों को जोड़ते हैं. वे प्रेम, इंसानियत, संघर्ष, पीड़ा और क्रांति को एक सूत्र में पिरोने वाले अनूठे शायर हैं.
राजधानी दिल्ली से लगे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर की अपनी फिल्म इंडस्ट्री है जिसे यहां के लोगों ने ‘मॉलीवुड’ नाम दिया हुआ है.
जिस भारंगम को अंतर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह के रूप में पेश किया जाता है , उसका इस्तेमाल नाट्य विद्यालय के पदाधिकारी निजी फायदे के लिए कर रहे हैं.
विदेशी मुद्रा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत एनजीओ को मिलने वाले विदेशी चंदे पर लगने के बाद सामाजिक मुद्दों और मानवाधिकार से जुड़े काम प्रभावित हुए हैं.
किस दिन, किस मुहूर्त में लेखक बना, याद नहीं न इसका जरा भी भान हुआ. बस याद रही इस यात्रा की वो सारी बातें जो खुद में एक उपन्यास है.
बदलते दौर के भौतिक चमक-दमक को तो भोजपुरी सिनेमा खूब दिखाता है, पर सामाजिक -सांस्कृतिक मूल्यों की जड़ता से नहीं भिड़ता. वह एक बड़े विभ्रम का शिकार है.
कोलकाता के टॉलीगंज इलाके में स्थित लाइटहाउस आॅफ द ब्लाइंड स्कूल के छात्र ज्ञान और विश्वास की रोशनी से भरे हुए हैं.
दिल्ली के विश्व पुस्तक मेले में शामिल होने वाले विभिन्न भारतीय भाषाओं के प्रकाशकों की संख्या में लगातार कमी दर्ज की जा रही है.
मैं इस सिस्टम से नाराज हूं. मुझे इस पर गुस्सा है क्योंकि ये सिर्फ दिखावा करता है कि इसे हमारी फिक्र है पर असलियत इसके उलट है.